- गंगानगर पुलिस और स्थानीय सीएनजी पंप कर्मियों से जुड़ा मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीएनजी पंप प्रबंधक और गंगानगर पुलिस के बीच कुर्सी पर ‘रार’ हो गई। बात इस कदर बढ़ी कि पुलिस ने गैस संचालित तमाम वाहनों को रोड जाम का हवाला देकर डंडा फटकारते हुए पंप परिसर में घुसा दिया, जिससे वहां वाहनों की भीड़ लग गई। पंप प्रबंधक ने कंपनी अफसरों से वार्ता कर सीएनजी सप्लाई रोक दी, जिससे वाहन चालकों, आमजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घंटों प्रयास के बाद भी उन्हें सीएनजी नहीं मिली।
गंगानगर थानांर्तगत सीएनजी पंप पर गेल गैस के लिए मारामारी का आलम देखने को मिला। पंप परिसर में आड़े-तिरछे खड़े बेशुमार वाहनों के चालक प्रबंधक से गैस देने की गुहार कर रहे थे और वह पुलिस की तानाशाही का हवाला देते हुए साफ इंकार पर तुला था। प्रबंधक आकाश शर्मा का आरोप था कि पंप के आसपास ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी उनसे कुर्सियां मांगते हैं।
आॅफिस में महंगी और सीमित कुर्सियों होने के बावजूद कर्मचारी, पुलिसकर्मियों को रोजाना कुर्सियां देते हैं। ड्यूटी खत्म होने के बाद पुलिसकर्मी कुर्सियां सड़क किनारे पड़ी छोड़ जाते हैं। जिससे कई कुर्सियों टूट चुकी हैं। इसके अतिरिक्त यहां तैनात पुलिसकर्मी पंप प्रबंधक से एक हजार रुपये महीना सुविधा शुल्क लेते हैं। लगातार टूट रही कुर्सियों को देख बृहस्पतिवार को प्रबंधक ने पुलिसकर्मियों को कुर्सी देने से इंकार कर दिया।
आरोप है कि इस पर पुलिस कर्मियों ने रोडजाम का हवाला देते हुए सीएनजी लेने पहुंचे वाहन चालकों को वाहन सड़क से दूर खड़े करने का फरमान सुना दिया। इतना ही नहीं पंप के सामने सड़क किनारे खड़े आॅटो व अन्य वाहन चालकों पर सिपाहियों ने डंडा फटकारते हुए उन्हें पंप परिसर में घुसा दिया। पुलिस की तानाशाही देख प्रबंधक ने कंपनी अफसरों को पूरे मामले से अवगत कराया। अफसरों ने सुलह नहीं होने तक सप्लाई बंद करने के निर्देश दिए।
चौतरफा माथों पर शिकन
सीएनजी नहीं मिलने पर पंप परिसर में वाहन लिए खड़े सैकड़ों लोगों के माथों पर चिंता व आक्रोश की शिकन थी। कोई बीमार को अस्पताल ले जा रहा था तो कोई सगाई और शादी के लिए वाहन लेकर निकला था, लेकिन सीएनजी नहीं मिलने पर उन्हें गंतव्य तक पहुंचने की चिंता सता रही थी। कुछ आक्रोशित लोग पुलिसकर्मियों के तानाशाह फरमान को लेकर पूरे महकमें पर कटाक्ष करने में लगे थे।
परेशान यहां भी होता है आमजन
सीएनजी के लिए मारामारी और बेतहाशा भीड़ को लेकर जब वहां तैनात पुलिसकर्मियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रोड निर्माण से पहले यहां बहुत वाहन रास्ते के अगल-बगल खड़े हो जाया करते थे, लेकिन रोड निर्माण पर काफी जगह डिवाइडर में घिर गई। अब यहां इतनी जगह नहीं कि रोड पर सीएनजी वाहनों की कतारें लग सकें। छोटी कतार लगते ही रोडजाम की स्थिति बन जाती है।
डेढ़ वर्ष से कार्रवाई क्यों नहीं
पुलिसकर्मियों से जब पूछा गया कि रोड निर्माण हुए डेढ़ वर्ष बीत गया तब से कार्रवाई क्यों नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि शिकायतें रोजाना मिलती हैं, मगर आज हमने कार्रवाई का मन बनाया है। एक हजार रुपये महीना सुविधा शुल्क के आरोप को पुलिसकर्मियों ने बेबुनियाद बताया।