नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। ऐसे ही शुक्रवार का दिन भी माता लक्ष्मी को समर्पित होता हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अराधना की जाती है, और साथ ही व्रत भी रखा जाता हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी की असीम कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर शुक्रवार पूजा के समय माता लक्ष्मी की चालीसा पढ़ी जाए तो महालक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा करती है। साथ ही धन संकट दूर कर देती हैं। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं लक्ष्मी चालीसा पाठ।
लक्ष्मी चालीसा
लक्ष्मी चालीसा दोहा मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥
सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार।
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥ टेक॥
सोरठा यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करूं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोहि ॥ 1 ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरबहु आस हमारी ॥ 2 ॥
जै जै जगत जननि जगदम्बा। सबके तुमही हो स्वलम्बा ॥ 3 ॥