Saturday, July 27, 2024
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मुनव्वर को याद कर नम हो जाती हैं उनके चाहने वालों की आंखें

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  • मरहूम सांसद मुनव्वर हसन की 12वीं बरसी पर की दुआएं

जनवाणी संवाददाता |

कैराना: अब से करीब 12 साल पहले को 50 हजार की आबादी वाले कैराना का हर शख्स बेबस, लाचार व आवाक नजर आ रहा था। क्योंकि उनके बीच से हिंदू-मुस्लिम, गरीब, मजदूरों व बेसहारों का हमदर्द कद्दावर नेता मरहूम सांसद मुनव्वर हसन हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह चुका था।

मुनव्वर हसन की मौत के 12 साल बीत जाने के बाद भी उनके के चाहने वालों की आंखें आज भी नम हो जाती हैं। मस्जिदों, मदरसों व घरों में कुरआन ख्वानी कर मरहूम सांसद की मगफिरत के लिए खुदा से दुआएं मांगी गई। चौधरी मुनव्वर हसन का जन्म 15 मई 1964 को कैराना के मोहल्ला आलदरम्यान स्थित मुस्लिम कलस्यान खाप के चौधरी बुंदू हसन के पुत्र एवं पूर्व सांसद मरहूम चौधरी अख्तर हसन के घर हुआ था।

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उनको राजनीति विरासत में मिली थी, लेकिन उसे सहजने और आगे बढ़ाने में उन्होंने क पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसलिए छोटी सी उम्र में मुनव्वर हसन राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी बन गए थे। उनमें गजब का नेतृत्व व आत्मविश्वास की क्षमता थी। वह हिंदू मुस्लिम एकता के हमेशा पक्षधर रहें। कई उपलब्धियां उनके नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। उन्होंने सबसे कम उम्र में राजनीति का वह मुकाम हासिल किया था।

जिसको पाने के लिए हर राजनीतिज्ञ प्रयास करता हैं। उन्होंने सबसे कम उम्र में चारों की सदस्यता हासिल की थी। जो आज भी गिनीज बुक अफ वर्ल्ड रिकर्ड में उनके नाम पर दर्ज हैं। लेकिन 10 दिसंबर 2008 को न जाने किसकी नजर लगी।

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प्रदेश सरकार में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की बेटी की शादी समारोह में से दिल्ली लौटते वक्त पलवल के पास मुनव्वर हसन की गाडी दुर्गघटनाग्रस्त हो गई और मुनव्वर हसन सड़क हादसे का शिकार हो गए तथा हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए।

असमय हुई मौत व काल के क्रूर हाथों ने चौधरी मुनव्वर हसन को भले ही हमसे छीन लिया हो, लेकिन उनके चाहने वालों का दिल आज भी उनके लिए धड़कता हैं।

मुनव्वर हसन की 12वीं बरसी पालिका चेयरमैन ने बांटे कंबल

मरहूम सांसद मुनव्वर हसन की बरसी पर मुनव्वर के भाई एवं पालिका चेयरमैन हाजी अनवर हसन तथा भतीजे अनम हसन ने पालिका स्टाफ के साथ मुनव्वर हसन के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में चेयरमैन ने गरीब व बेसहारा लोगों को कंबल बांटे।

मस्जिदों व मदरसों में कुरआन ख्वानी कर मांगी दुआएं

नगर के मोहल्ला खेलकला स्थित मदरसा जामिया इमदादुल उलूम में मरहूम सांसद चौधरी मुनव्वर हसन की मगफिरत के लिए दुआएं की गई। जहां पर समाजसेवी खलील फरीदी व मदरसे के प्रबंधक कारी मोहम्मद यूनुस ने मदरसे के सभी बच्चों के साथ दुआएं कराई। इसके अलावा नगर की अलग-अलग मस्जिद, मदरसों व लोगों ने अपने घरों में कुरान ख्वानी कर मरहूम सांसद मुनव्वर हसन की मगफिरत के लिए खुदा से दुआएं मांगी।

हिंदू मुस्लिम पर नहीं की राजनीति

करीब 22 साल का राजनीतिक सफर में चौधरी मुनव्वर हसन की छवि आईने की तरह साफ रही। वह गरीब, मजलूम, पीड़ित एवं किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करते थे। उनके लिए जनता की समस्याओं का समाधान बेहद महत्वपूर्ण होता था।

इसलिए अगर कोई अधिकारी समस्या को गंभीरता से नहीं लेता था तो वह खुद गंभीर हो जाते थे यदि जरूरत पड़ती थी तो अधिकारियों के पास जाने से भी पीछे नहीं रहते थे मुनव्वर हसन ने हिंदू मुस्लिम पर कभी राजनीति नहीं की। उनकी नजरों में इंसानियत सबसे बड़ी चीज थी इसलिए जब भी उनका या अन्य दल में रहने वाला व्यक्ति उनके पास समस्या लेकर जाता था तो उसको पूरी प्राथमिकता देते थे तथा उस व्यक्ति को उसके नाम से पुकारते थे। जिसके बाद समस्या लेकर पहुंचने वाला व्यक्ति मुनव्वर हसन का दीवाना हो जाता था। यही कारण हैं कि वें आज भी हर किसी के दिलों में बसते हैं। आज भी हर कोई उन्हें याद करता हैं।

इकलौता पुत्र मौजूदा विधायक

मरहूम सांसद चौधरी मुनव्वर हसन की पत्नी तबस्सुम हसन कैराना लोकसभा सीट से 2009 व 2018 में दो बार सांसद रह चुकी हैं। मुनव्वर हसन के इकलौते बेटे चौधरी नाहिद हसन ने अपनी पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए 2014 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैराना विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी को हराकर विजयी हासिल की थी।

मौजूदा समय में भी नाहिद हसन कैराना विधानसभा से सपा के विधायक हैं तो मुनव्वर के छोटे भाई हाजी अनवर हसन कैराना पालिका चेयरमैन है। तथा अपने स्वर्गीय पिता मुनव्वर हसन के नक्शे कदम पर चल कर क्षेत्र के सभी वर्गों के लोगों की आवाज उठा रहें। वहीं पालिका चेयरमैन हाजी अनवर हसन अपने भाई के अधूरे सपनों को पूरा कर रहें है।

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