- शहर सहित प्रदेश के 11 जिलों में कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे से डरा है स्वास्थ्य विभाग
- स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कराया सीरो सर्वेक्षण कोरोना के साथ ही हेपीटाइटिस बी और सी की भी होगी जांच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 1.77 लाख केसों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों की नींद उड़ा कर रख दी है। आईसीएमआर ने मेरठ समेत प्रदेश के 11 जनपदों में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका से न तो इनकार किया है न ही उसको स्वीकार किया है।
बल्कि इसका पता लगाने के लिए योगी सरकार ने शहर सहित प्रदेश के करीब दर्जनभर जनपदों में सीरो सर्वेक्षण के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार यह सर्वेक्षण शनिवार से शुरू किया जाना था।
इसके लिए टीमें तैनात कर दी गयी हैं, लेकिन माना जा रहा है कि दो दिनी लॉकडाउन की वजह से इस पर विधिवत ढंग से सोमवार से ही काम शुरू किया जा सकेगा। यूपी में कोरोना संक्रमण के परिणाम अब डराने लगे हैं।
नाम न छापे जाने के शर्त पर स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि विश्वभर में कोरोना की चपेट में आए देशों से मिले फीड बैक के अध्ययन से कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका जतायी जा रही है।
हैरानी व डर इस बात का भी है जो लोग कोरोना प्रोटोकॉल के प्रति पूरी तरह से गंभीर हैं तथा सभी प्रकार से गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। वो भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। सबसे हैरानी भरे वो केस हैं जिनमें पूर्व में संक्रमित हो चुके मरीज को दोबारा संक्रमण हो गया।
भाजपा विधायक सतबीर त्यागी का मामला ऐसा ही केस बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम अलग से संक्रमण की दोबारा चपेट में आए भाजपा विधायक के केस का अध्ययन कर रही है।
मेरठ समेत जिन जनपदों में कोरोना संक्रमण के मरीज बड़ी संख्या में लगातार मिल रहे हैं, वहां शनिवार से सर्वेक्षण शुरू करा दिया गया है।
एक बड़े मेडिकल अधिकारी के नेतृत्व में सर्वेक्षण की टीम काम करेगी। प्रत्येक टीम में काबिल सदस्य किट के साथ मौजूद रहेंगे। डायरेक्टर हेल्थ डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि सीरो सर्वे बाकी प्रदेश से कुछ हटकर होगा इसमें कोरोना संक्रमण के अलावा हेपीटाइटिस बी व सी वायरस का भी पता लगाया जाएगा। खून का नमूना लेकर एंटी बॉडी की जांच करायी जाएगी।
ये कहना है आईएमए सचिव का
आईएमए सचिव डा. अनिल नौसरान लगातार बढ़ रहे संक्रमण के केसों से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि अब समय आ गया है कि प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जाए। उन्होंने बताया कि जो लोग कोरोना से जीतकर आए हैं। ऐसे लोगों से वह बराबर संपर्क में है, ताकि नोएडा की तर्ज पर मेरठ में भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्लाज्मा बैंक की स्थापना की जा सके। हालांकि वह मानते हैं कि यह काम इतना आसान भी नहीं।
ये कहना है मेडिकल प्राचार्य का
मेडिकल प्राचार्य डा. एसके गर्ग का कहना है कि सबसे ज्यादा जरूरी आमजन का मास्क प्रयोग है। जो प्रोटोकॉल आईसीएमआर ने तय किए हैं उनका पालन किया जाना बेहद जरूरी है। कोरोना का सबसे अच्छा रक्षा कवच मास्क और दो गज की दूरी है। उसका पालन करें तो आसानी से स्थिति सुधर जाएंगी।