Wednesday, May 21, 2025
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आपदा के जोखिम को किया जा सकता है कम: राज्यमंत्री

  • मंडल स्तरीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला का आयोजन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित अटल सभागार में आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ सेल्वा कुमारी जे. के अध्यक्षता में मंडल स्तरीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। आयुक्त ने जापान में हुए सैन्डाई एग्रीमेन्ट, प्रधानमंत्री द्वारा सैन्डाई फ्रेमवर्क के संबंध में 10 एजेंडा बिन्दुओं तथा इस संबंध में मुख्यमंत्री के विचारों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि मेरठ मंडल में बाढ़, सूखा, शीतलहर, अग्नि दुर्घटना, गैस लीकेज, डूबने से मृत्यु, सर्पदंश, नाव दुर्घटना जैसी हर तरीके की आपदाओं की संभावना हो सकती है।

कार्यशाला में उन्होंने कहा कि जनपद स्तर की भांति मंडल स्तर पर भी मॉनिटरिंग यूनिट होनी चाहिए। उन्होने कहा कि अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए सभी को बुनियादी व अग्नि शमन उपकरण चलाने का ज्ञान होना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राज्य मंत्री राजस्व विभाग अनूप प्रधान वाल्मीकि ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सभी को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया गया। उपाध्यक्ष एमडीए तथा एडीएम वित्त ने आगंतुकों को स्मृति चिन्ह भेंट किये, तथा आयुक्त को आईईसी किट प्रदान की गई।

मुख्य अतिथि राज्य मंत्री राजस्व विभाग अनूप प्रधान वाल्मीकि ने कहा कि आपदा को रोकना किसी इंसान के वश में नहीं है परंतु इसके जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया गया है, जहां वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में 38 जनपद बाढ़ प्रभावित थे वहीं अब इनकी संख्या केवल पांच रह गई है। यह कार्य सरकार की मंशा तथा अधिकारियों की बेहतर कार्यशैली के कारण ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित फसलों के लिए किसानों को मुआवजा देने का कार्य किया जा रहा है।

सोनभद्र में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया गया है तथा आपदा से बचाव के लिए लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय कंट्रोल रूम 1070 की स्थापना की गई है जो 24 घंटे कार्य करता है। लखनऊ में आपदा प्रबंधन के लिए हाईटेक भवन का निर्माण कराया जा रहा है, इसमें ट्रेनिंग सेंटर भी संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो लाख से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 25 जनपदों में आठ हजार आपदा मित्रों का भी चयन किया गया है। विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

कार्यशाला में मंडल के सभी जिला आपदा विशेषज्ञों ने आपदा की स्थिति में अपनी तैयारियो तथा आपदा न्यूनीकरण के संबंध में बताया गया। आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली, भूकंप, बाढ़, सूखा, शीतलहर, लू से बचाव तथा सांप के काटने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें से अवगत कराया गया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक राहत अदिति उमराव, वरिष्ठ सलाहकार आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञ यूनिसेफ घनश्याम मिश्रा, डिप्टी कमांडेंट एसडीआरएफ शोएब इकबाल, जिलाधिकारी दीपक मीणा, उपाध्यक्ष एमडीए अभिषेक पांडेय, सीडीओ शशांक चौधरी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त सूर्य कान्त त्रिपाठी सहित अन्य संबंधित अधिकारी व अन्य जनपदो से आये समस्त संबंधित अधिकारी व मंडलीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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