- मारपीट का वीडियो वायरल, भाजपा के एमएलसी के दबाव में गंगानगर पुलिस
- सूबेदार की बेटी को नहीं मिल पा रहा न्याय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गंगानगर थाना क्षेत्र गंगाधाम में नकाबपोश बदमाशों ने एक विवाहिता को ससुरालियों के ईशारे पर मारपीट कर घर के बाहर फेंक दिया। विवाहिता ससुराल की चौखट पर रोती बिलखती रही। लेकिन कोई भी उसकी फरियाद को सामने नहीं आया। थाना पुलिस भी भाजपा के एमएलसी के दबाव में चुप्पी साधे रही।
ससुरालियों पर पूर्व में गंभीर धारा में दर्ज एक मुकदमें को भाजपा के एक एमएलसी के दबाव में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी। उधर बेटी के साथ होते अन्याय पर फौजी पिता गंगानगर थाने पर डेरा डाले रहा, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। विवाहिता के साथ मारपीट की एक वीडियो वायरल होने के बाद गंगानगर पुलिस की नींद नहीं खुली है।
कस्तला गांव निवासी महक चन्द की बेटी प्रिया की शादी भावनपुर थाना क्षेत्र गांवड़ी निवासी रोहित के साथ 22/11 वर्ष 2019 में हुई थी। महक चन्द हिसार कैं ट में सबूेदार मेजर है। वहीं रोहित का पिता दिल्ली में फोर्स में जवान है। प्रिया गंगाधाम ए-7 में अपनी ससुराल में रह रही थी। दो दिन पहले तीन चार नकाबपोश बदमाशों व ससुरालियों ने घर में घुसकर प्रिया के साथ मारपीट की और फिर उसे घर से बाहर फेंक दिया।
इसके बाद ससुराली मेनगेट पर ताला डालकर फरार हो गए। ससुराल की चौखट पर पड़ी प्रिया ने अपने पिता को फोन कर पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। पिता महक सिंह सूबेदार अपने साथ सात आठ जवान फौजियों के साथ गंगानगर गंगाधाम पहुंचा और बेटी से बातचीत की।
उधर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पिता बेटी को साथ लेकर गंगानगर थाने पर पहुंचा, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। देर रात तक फौजी अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय पर थाना गंगानगर में कार्रवाई की मांग पर अड़ा था। सूबेदार ने पुलिस के आलाअफसरों से शिकायत करने की बात कही है।
ससुरालियों पर गत 5 अप्रैल को गंगानगर थाने में दर्ज कराया था मुकदमा
प्रिया की अपने पति रोहित व ससुरालियों से नहीं बनी। ससुरालियों ने लगातार विवाहिता का दहेज के लिए उत्पीड़न किया और उसके साथ मारपीट करते रहे। दो साल तक ससुरालियों का उत्पीड़न झेलती रही विवाहिता ने तंग आकर उन पर दहेज एक्ट व धारा 307, 323, 504, 506 सहित कई के खिलाफ गंगानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि भाजपा के एक एमएलसी के द्वारा थाना पुलिस पर दबाव बनाकर मुकदमे की गंभीर धारा हटा दी गई। सभी को थाने से जमानत देकर मुकदमे को शून्य कर दिया।