Monday, July 1, 2024
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जुलाई माह में घाटे की डगर पर रोडवेज का सफर

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  • रिकॉर्ड बारिश और कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न रूट बंद होने का परिवहन निगम की आय पर पड़ा साइड इफेक्ट
  • फरवरी में 24 प्रतिशत किराया वृद्धि के साथ बढ़ी आय पर लगा ब्रेक, एक माह में ढाई करोड़ का नुकसान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: फरवरी माह में की गई 24 प्रतिशत किराया वृद्धि ने रोडवेज को जून माह तक मेरठ परिक्षेत्र में छह करोड़ रुपये के प्रोफिट में पहुंचा दिया। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न मार्गों पर बंद हुए बसों के संचालन ने जुलाई माह में विभाग को ढाई करोड़ रुपये के घाटे की करारी चोट दी है। किराया वृद्धि से पहले रोडवेज लगातार घाटे का सौदा बनी हुई थी, जिसको देखते हुए विभाग ने एक साथ 24 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए छह फरवरी से एकाएक लागू कर दिया।

होली के अवसर पर लागू किए गए किराया वृद्धि के फैसले का विभाग को लाभ भी मिला। अगर सिर्फ मेरठ परिक्षेत्र के पांच डिपो की आय-व्यय के आंकड़े पर नजर डाली जाए, तो जून माह तक यहा छह करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया गया। इस बीच पांच जुलाई से 15 जुलाई तक मेरठ क्षेत्र में कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न मार्गों पर निगम की बसों का संचालन या तो बंद रहा, या बुरी तरह प्रभावित होकर रह गया।

इस दौरान कांवड़ यात्रियों को हरिद्वार ले जाने के लिए दिन रात बसों को संचालन किया गया। लेकिन इसमें एक तथ्य यह सामने आया कि यात्री एक ओर से ही गए। हरिद्वार से वापसी के समय अधिकांश बसें लगभग खाली ही लौटती रहीं। आरएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जून 2022 में 67 लाख 44 हजार 926 किमी बसों का संचालन होने पर 28 करोड़ 45 लाख 53 हजार 835 रुपये की आय हुई।

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जबकि जून 2023 में 71 लाख 83 हजार 388 किमी बसों का संचालन होने पर मेरठ परिक्षेत्र में 33 करोड़ 53 लाख 25 हजार 368 रुपये की आय दर्ज की गई। पिछले साल भी कांवड़ यात्रा जुलाई माह में चली थी। जुलाई 2022 में 61 लाख 94 हजार 435 किमी बसों का संचालन हुआ, जिससे रोडवेज को 24 करोड़ 14 लाख 51 हजार 938 रुपये की आय प्राप्त हुई। यह आय जुलाई माह में होने वाले खर्च के मुकाबले साढ़े तीन करोड़ रुपये कम रही।

यानि जुलाई 2022 में विभाग को साढ़े तीन करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। वहीं इस वर्ष कांवड़ यात्रा की अवधि समेत जुलाई माह में 62 लाख 97 हजार 259 किमी बसों का संचालन होने पर 26 करोड़ 34 लाख 33 हजार 226 रुपये की आय हुई। खर्च की तुलना में जुलाई 2023 में मेरठ परिक्षेत्र के पांचों डिपो की बसों के संचालन से विभाग को करीब ढाई लाख का नुकसान उठाना पड़ा है।

दो सावन का पड़ रहा आय पर असर

मेरठ समेत आसपास के जनपदों में शिवरात्रि का पर्व संपन्न होने के बाद भी श्रावण मास में इस वर्ष आठ सोमवार होने के कारण मुरादाबाद की ओर जाने वाले वाहनों को शुक्रवार से सोमवार तक हर सप्ताह रूट डाइवर्ट करके निकाला जा रहा है। मुरादाबाद क्षेत्र में प्रत्येक श्रावण सोमवार एवं शिवरात्रि पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा शिवालयों पर गंगाजल से जलाभिषेक किया जाता है।

जनपद में श्रद्धालुओं की मार्ग सुरक्षा के लिए 28 अगस्त तक प्रत्येक शुक्रवार से सोमवार तक यानी सप्ताह में चार दिन रूट डायवर्जन व्यवस्था लागू रहेगी। इसी को देखते हुए मेरठ में सोहराब गेट समेत निगम के विभिन्न डिपो द्वारा संचालित रोडवेज बसों के समस्त चालक / परिचालकों को निर्देशित किया गया कि विभिन्न राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर श्रावण मास के दौरान रोडवेज बसों की गति सीमा 30 किमी प्रति घंटा से अधिक न रखी जाए।

ई-रिक्शाओं पर भी पड़ रही भारी बरसात की मार

मेरठ परिक्षेत्र से चलने वाली बसों में यात्रियों की संख्या बहुत कम देखने को मिल रही है। इसका कारण जुलाई माह में रिकार्ड बारिश का होना भी रहा है। मेरठ और आसपास के जनपदों में बारिश के कहर के बीच लोग अपने घरों में कैद होकर रहे हैं। बारिश रुकने के बाद मजदूर वर्ग के लोग अपने घरों की मरम्मत आदि के काम में लगे हुए हैं। इसी कारण कांवड़ यात्रा के बाद रोडवेज में मुसाफिरों की तादाद एक तिहाई तक कम हो गई है।

इतन ही नहीं, बस स्टेशनों के पास ई-रिक्शा चलाने वाले लोगों ने बताया कि पहले वे पांच सवारियों को लेकर आठ-दस चक्कर लगाते थे। लेकिन जुलाई माह में पहला पखवाड़ा कांवड़ के कारण उनका संचालन बंद रहा। दूसरे पखवाड़े में इक्का दुक्का यात्री ही निकल रहे हैं। जिसके कारण उनके समक्ष भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा रहा है।

कांवड़ यात्रा की अवधि को आय के दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार समेत विभिन्न मार्गों पर एक ओर से ही सवारी मिलती रही हैं। अलबत्ता कांवड़ यात्रा के बाद भी जुलाई माह में लोड फैक्टर 50-55 प्रतिशत तक ही हो पाया है। जबकि पिछले साल कांवड़ यात्रा के बाद लोड फैक्टर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया था।

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इस बार दो सावन माह होने के कारण मुरादाबाद मार्ग पर सप्ताह में तीन से चार दिन तक बसों का संचालन ब्रजघाट रूट पर प्रभावित रहा है। यह स्थिति अगस्त माह के अंत तक रहने वाली है। भारी बरसात के कारण श्रमिक वर्ग घर से निकल नहीं पाया है। स्वाभाविक रूप से इसका प्रभाव निगम की आय पर पड़ रहा है। उम्मीद है आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार आ पाएगा। -केके शर्मा, आरएम, मेरठ परिक्षेत्र

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