जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा यूनिफॉर्म विवादों से घिर गई है। उज्जैन के साधु-संतों ने उनके कपड़ों, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पर आपत्ति उठाई है।
उन्होंने रेलमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर वेटर्स की ड्रेस नहीं बदली गई तो वे ट्रेन रोकेंगे। अगली ट्रिप का विरोध करेंगे।
रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप सात नवंबर को शुरू हुई थी। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई।
आईआरसीटीसी ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन चलाई है। इस ट्रेन के वेटर्स का ड्रेसकोड भगवा कपड़े रखे गए हैं।
उज्जैन में अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने बयान जारी कर इस ट्रेन का विरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी।
कि जल्द ही वेटर्स की यूनिफॉर्म को बदला जाए, वरना 12 दिसंबर को ट्रेन की अगली ट्रिप का संत समाज विरोध करेगा। ट्रेन के सामने हजारों हिंदू प्रदर्शन करेंगे।
राम धुन पर थिरके थे यात्री
सफदरजंग से ट्रेन के रवाना होने से पहले प्रभु राम की धुन पर यात्री जमकर थरकते दिखे थे। रेलवे ने विशेष कीर्तन गायक को बुलाया था। रामलीला की तरह कलाकारों को रामायण के मुख्य किरदारों के तौर पर प्रस्तुत किया था।
संगीतमय कार्यक्रम के बाद यात्रियों को तिलक लगाकर रवाना किया गया। स्टेशन परिसर के प्रवेश द्वार को मंदिर की तरह सजाया गया था। एक सेल्फी प्वाइंट भी बना था।
पांच सितारा होटल से कम नहीं है ट्रेन का कोच
रामायण एक्सप्रेस को खासतौर से डिजाइन किया गया है। एसी कोच वाली ट्रेन में साइड वाले बर्थ को हटा कर यहां आरामदायक कुर्सी-टेबल लगाए गए हैं ताकि यात्री सफर का आनंद बैठ कर भी ले सके।
इसमें होटल की तरह यात्रियों को किट मिलेगी। अलग से शौचालय का भी निर्माण किया गया है। जिसमें नहाने का विशेष प्रबंध है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं जहां गर्मागर्म और मनपसंद खाना यात्रियों को दिया जाएगा।
यात्रा का पहला पड़ाव अयोध्या में
रामायण सर्किट सफदरजंग से श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या गई थी। यहां यात्रियों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन कराया गया।
फिर यात्रियों को सीतामढ़ी ले जाया गया, जहां जानकी जन्म स्थान और नेपाल के जनकपुर स्थित राम-जानकी मंदिर का दर्शन कराया गया। नेपाल से लौटने के बाद ट्रेन का पड़ाव काशी था।
फिर चित्रकूट से नासिक, किष्किंधा नगरी हंपी और रामेश्वरम गई। यह ट्रेन 17वें दिन 7,500 किलोमीटर सड़क व रेल मार्ग का सफर तय कर लौटेगी।
12 दिसंबर को चलेगी दूसरी रामायण एक्सप्रेस
यात्रियों की मांग को देखते हुए आईआरसीटीसी ने दूसरी रामायण सर्किट एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 12 दिसंबर को दूसरी ट्रेन रवाना होगी। आईआरसीटीसी की
वेबसाइट https://www.irctctourism.com पर ऑनलाइन बुकिंग यात्री करा सकेंगे। बुकिंग की सुविधा आधिकारिक वेबसाइट पर, पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध है।
मोबाइल नंबर 8287930202, 8287930299, 8287930157 पर भी इस ट्रेन से संबंधित जानकारी यात्री ले सकेंगे। एसी फर्स्ट में यात्रा के लिए 1,02,095 रुपये प्रति व्यक्ति व एसी द्वितीय श्रेणी से यात्रा के लिए 82,950 रुपये लगेंगे।