जनवाणी ब्यूरो |
शेरकोट: क्षेत्र के ग्राम मुस्तफापुर तैय्यब के पूर्व माध्यमिक स्कूल की चाहरदीवारी तक नहीं है। आरोप है कि कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराने के बाबजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अल्हेपुर विकास खंड क्षेत्र के ग्राम मुस्तफापुर तैय्यब में वर्ष 2002 में बना पूर्व माध्यमिक विद्यालय अपने निर्माण के लगभग 18 साल बाद भी चाहरदीवारी विहीन है।
चारों ओर जंगल होने के कारण आवारा व जानवरों को स्कूल में आने का भय बना रहता है। जो कभी भी इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए दुखदायी हो सकता है।
भले ही सरकार द्वारा स्कूलों के कायाकल्प के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर शौचालयों व कक्षाओं के टायलीकरण व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का काम किये जाने की बात कही जा रही है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है।
आज भी कई स्कूल ऐसे बताए जा रहे है जिनमे मूलभूत सुविधाओं की बात तो छोड़िए उनकी चाहरदीवारी तक नहीं है। ग्रामीण अंकुश, राधे, कैलाश, मोनू, शुभम आदि ने बीएसए से बच्चों के हित को देखते हुए चाहरदीवारी कराए जाने की मांग की है।