Saturday, July 27, 2024
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नवागत मेयर, नगरायुक्त के बीच हुई गुप्त मंत्रणा

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  • करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत
  • निगम की सरकार क्या बदली? जनाब भी बदले-बदले से नजर आने लगे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गंगानगर स्थित नवागत मेयर हरिकांत अहलूवालिया के आवास पर सोमवार को मेयर और नगरायुक्त के बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक गुप्त मंत्रणा चली। मेयर और नगरायुक्त के बीच मंत्रणा में किन मुद्दों पर बातचीत हुई, उसके बारे में न तो नगरायुक्त ने बताया वहीं मेयर ने भी इस मुलाकात को औपचारिक मुलाकात बताया।

नवागत मेयर व नगरायुक्त के बीच चली इस गुप्त मंत्रणा को लेकर महानगर में भी तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। नगरायुक्त नवागत मेयर के यहां तो पहुंचे, लेकिन वह नगर निगम में आयोजित नौचंदी मेले के संबंध में मीटिंग एवं व्यापारियों की बैठक में शामिल नहीं हो सके। निगम के कुछ कर्मचारियों के द्वारा बताया गया कि नगरायुक्त अवकाश पर थे जिस कारण वह निगम में आयोजित मीटिंग व बैठक में शामिल नहीं हो सके।

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नगर निगम में ट्रिपल इंजन की सरकार बनी है, उसका असर सोमवार से ही साफ दिखाई देने लगा है। नगर निगम के कार्यालय हो या फिर नगरायुक्त के व्यवहार में बदलाव का मामला हो। नगर निगम में 28 वर्षों से जिस पार्टी की प्रदेश में सरकार होती थी, उसका महापौर नहीं बनता था। वह मिथक इस बार टूट गया। वहीं निगम में कार्यरत कुछ अधिकारी एवं कर्मचारियों का व्यवहार जिस तरह का कई वर्षो से चला आ रहा था,उसमें भी बदलाव देखने को मिला।

निगम की सरकार बदली तो जनाब भी बदले-बदले नजर आने लगे। हालांकि अभी नवागत मेयर एवं पार्षदों की शपथ होना बाकी है। जिसके बाद मेयर एवं पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यभार संभालेंगे, लेकिन मेयर एवं पार्षदों के कार्यभार संभालने से पूर्व ही निगम में मठाधीश की तरह से विराजमान कुछ अधिकारी एवं कर्मचारियों की कार्यशाली में सोमवार से ही बदलाव नजर आने लगा।

बदलाव नजर आए भी क्यों न उसके लिये पहले तो अधिकारी एवं कर्मचारी को उच्चाधिकारी को जवाब देने में आसानी होती थी। मामला सर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टकराव का है। छोटे से छोटे एवं बडेÞ से बडेÞ मामले में यदि शासन या किसी बड़े नेता एवं अधिकारी के द्वारा संज्ञान लिया जाये तो एक ही जवाब मिलता था। मामला मेयर एवं सत्ता पक्ष के बीच का होने के चलते समाधान होने में समस्या पैदा हो रही है,

लेकिन इस बार नगर निगम में नगरायुक्त से लेकर अन्य अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों का वह बहाना छिन गया। जिसमें वह दो पार्टी एवं पक्षों के बीच का मामला बताकर समस्या के निस्तरण से पल्ला झाड़ लेते थे। अब वह समय बदलता दिखाई देने लगा है। उसमें सोमवार को नगर निगम में व्यापारियों की पहली मीटिंग हो या फिर नगरायुक्त नगर निगम में किसी कार्यदिवस में मेयर से मिलने की जगह उनके आवास पर अवकास के दिन जाने का मामला रहा हो।

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फिलहाल मेयर एवं नगरायुक्त के बीच घंटो तक चली गुप्त मंत्रणा में क्या बातचीत हुई। वह अभी गुप्त ही है, लेकिन निगम में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की कार्यशाली में बदलाव जरूर देखा जा सकता है। हालांकि नवनिर्वाचित मेयर ने इस मुलाकात को औपचारिक मुलाकात बताया।

वंदेमातरम के साथ होगी बोर्ड बैठक की शुरुआत

नगर निगम के नवागत भाजपा के मेयर हरिकांत अहलूवालिया के बोर्ड की पहली बैठक जो आयोजित की जायेगी। उस बोर्ड बैठक की शुरुआत वंदेमातरम गीत से होगी। भाजपाइयों के द्वारा नगर निगम में विपक्ष में रहते हुये वंदेमातरम गीत को लेकर बोर्ड बैठक के दौरान कई बार विरोध का सामना करना पड़ा था,

लेकिन इस बार भाजपा के पार्षदों की संख्या भी 42 है और प्रदेश व केंद्र में सरकार भी भाजपा की है। निगम में पहली बार ट्रिपल इंजन की सरकार बनी है तो वंदेमातरम से ही बोर्ड बैठक की शुरुआत होगी। मतगणना केंद्र पर मतगणना पूरी होते ही नवागत मेयर ने बोर्ड बैठक में वंदेमातरम पर अपने पूर्व के स्टैंड को कायम रखने की बात कही थी।

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