Saturday, July 27, 2024
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साइबर ठगी का नया हथियार सेक्सटॉर्शन

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Nazariya


AMIT BAIJNATH GARGसोशल हैंडल पर आपके पास सबसे पहले एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आएगी। फिर आपका व्हाट्सएप नंबर मांगा जाएगा। इसके बाद आपके पास एक वीडियो कॉल आएगी, जिसमें एक लड़की न्यूड होती दिखाई देगी। इधर से आपका चेहरा इस वीडियो में कैप्चर हो जाएगा। इसके बाद आपको फोन और मैसेज आने लग जाएंगे, जिसमें कहा जाएगा कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो आपका वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। आप डर कर पैसे दे देंगे या फिर बहादुरी दिखाते हुए विरोध करेंगे और पैसे देने से साफ इनकार कर देंगे। असल में यह ठगी का नया तरीका है, जिसे सेक्सटॉर्शन कहते हैं। इस काम को अंजाम देने वाला गिरोह सबसे ज्यादा हरियाणा के मेवात से जुड़ा हुआ है। मेवात इन दिनों जामताड़ा के नक्शे-कदम पर चल रहा है। साइबर अपराधियों का नया केंद्र बनकर उभरे मेवात के गिरोह के कारनामे हरियाणा के अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक फैल गए हैं।

साल 2023 में मेवात के क्षेत्रों से इस तरह के मामले आने शुरू हुए यानी कि सेक्सटॉर्शन के केस पुलिस तक पहुंचने शुरू हुए। इन ठगों का यह नया तरीका साइबर पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए चुनौती बनकर उभर रहा है। इस तरह की ठगी पर जारी कुछ रिपोर्ट कहती हैं कि 300 से लेकर 400 व्यक्ति प्रतिदिन इन ठगों के शिकार होते हैं। इनका कई लोगों का गिरोह होता है, जो अलग-अलग तरह से खुद को बताता है। कोई सेना का जवान बनेगा, कोई साइबर पुलिस का अधिकारी बनेगा, कोई व्यापारी बनेगा, कोई यूट्यूब का कर्मचारी बनेगा तो कोई खुद को कोर्ट से जुड़ा हुआ बताएगा। सबके नंबर अलग होंगे और आपको अलग-अलग नंबरों से ही कॉल आएगी।

फिर शुरू होगा ठगी का खेल। सबसे पहले कोई साइबर पुलिस का अधिकारी बनकर आपको फोन करेगा और कहेगा कि यूट्यूब पर आपका अश्लील वीडियो चल रहा है, जिसे आप हटवाइए। फिर वह आपको एक नंबर देगा, जिसे यूट्यूब के कर्मचारी का होना बताया जाएगा। यूट्यूब का कर्मचारी पहले आपका वीडियो यूट्यूब पर चलना बताएगा। उसे हटाने के पैसे लेने के बाद कहेगा कि आपका वीडियो इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी चल रहा है, वहां से भी हटवाइए। फिर उन दोनों जगहों से हटाने के पैसे ले लिए जाएंगे। इसके बाद वीडियो हटाने की कहकर सिक्योरिटी के नाम पर पैसे लिए जाएंगे। यूट्यूब का कर्मचारी एक हजार रुपए काटकर 12 घंटे में सारे पैसे खाते में लौटाने का बात कहेगा और आपका अकाउंट नंबर ले लेगा। फिर साइबर क्राइम का अधिकारी मामला सेटल होने की बात कहकर मिठाई के नाम पर पैसे लेगा। इस तरह आपको एक लाख रुपए या फिर इससे ज्यादा तक की चपत लग जाएगी।

रिपोर्ट बताती हैं कि ठगों का यह गिरोह लोगों के फंसने के बाद लाखों रुपए तक की कमाई करता है। सारा पैसा गिरोह के सदस्यों में बराबर बंट जाता है। प्रत्येक धोखेबाज हजारों रुपए तक की ठगी कर रहा है। कुछ महीने पहले पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें एक व्यक्ति का आरोप था कि उसे एक अज्ञात व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया। वहां एक न्यूड लड़की थी। कॉल के दौरान उसके चेहरे को कैप्चर करते हुए एक स्क्रीन शॉट लिया गया था। कुछ ही समय बाद उसे दो अलग-अलग नंबरों से फोन आए। कॉल करने वालों ने खुद को साइबर क्राइम दिल्ली से होने का दावा किया और कहा कि कथित स्क्रीन शॉट प्रसारित होने वाला है। वे पीड़ित को धमकाने लगे और बड़ी रकम की मांग करने लगे। उसे गिरफ्तारी होने का डर भी दिखाया गया। धमकियों से डरकर शिकायतकर्ता ने जालसाज द्वारा दिए गए बैंक खाते में लगभग 12 लाख रुपए से अधिक ट्रांसफर कर दिए। बीते साल नवंबर में एक 22 वर्षीय युवक को खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करने, वॉट्सएप कॉल के माध्यम से युवा महिलाओं के नग्न वीडियो प्रदर्शित कर लोगों को धोखा देने और बाद में उनके मोबाइल स्क्रीन के शॉट कैप्चर कर पीड़ितों से जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूरे देश में संचालित साइबर अपराधों के मामले लगातार दर्ज हो रहे हैं। वहीं पुलिस अधिकारियों का दावा है कि साइबर अपराधों की वारदातों के रोकथाम के लिए देश भर में साइबर ठगों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। हाल ही में राजस्थान के भरतपुर जिले में कई आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधों के संबंध में रिसर्च के लिए लगभग सभी राज्यों की पुलिस टीमें मिलकर काम कर रही हैं। साइबर ठगी के कुछ मामलों में सफलता भी मिली है। जयपुर में भी ऐसे कई मामलों को सुलझाने में साइबर पुलिस को सफलता मिली है। कई आरोपियों को गिरफ्तार कर अन्य राज्यों की पुलिस को सौंपा गया है। पुलिस की लोगों से अपील है कि सेक्सटॉर्शन से डरिए मत, यह ठगी से ज्यादा कुछ नहीं है। किसी को पैसे मत दीजिए, आपका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।

अब एक नजर आंकड़ों पर भी डालते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी कि एनसीआरबी के साल 2022 के आंकड़ों से पता चलता है कि देश भर में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे चिंताजनक हालात पैदा हो रहे हैं। साल 2021 के मुकाबले साइबर अपराधों में तकरीबन 24.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साइबर धोखाधड़ी के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी के चलते देश में साइबर अपराध तेजी से पैठ बना रहे हैं। इनसे जुड़ी गतिविधियों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। इनसे निपटने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों और जागरुकता की जरूरत है।


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