Thursday, April 17, 2025
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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत पारण समय

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल महाशिवरात्रि का पर्व महादेव और माता पार्वती के विवाह की वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती ​की अराधना को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस तिथि पर शंकर जी और देवी पार्वती की पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों का निवारण करते हैं। वहीं महिलाएं वैवाहिक जीवन सुखमय के लिए महाशिवरात्रि पर निर्जला उपवास रखती हैं।

पंचांग की मानें तो यह व्रत फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर रखा जाता है। इस बार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। हालांकि इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया बना हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि भद्रा होने पर महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ समय क्या होगा?

भद्रा काल का समय

पंचांग के अनुसार 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन प्रातः11 बजकर 08 मिनट से रात्रि 10 बजकर 5 मिनट तक भद्रा साया बना रहेगा। परंतु शास्त्रों का मानें तो शिव कालों के काल महाकाल हैं, इसलिए भद्रा का उनकी पूजा पर कोई प्रभाव नहीं होगा और पूरे दिन भोलेनाथ की पूजा की जा सकती है।

चार प्रहर की पूजा का समय

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:29 से रात 09 बजकर 34 मिनट तक
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09:34 से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 39 मिनट तक
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03 बजकर 45 मिनट तक
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक

शिव पूजा का निशिता मुहूर्त

  • शिव पूजा का निशिता काल मुहूर्त: 26 फरवरी 2025, मध्यरात्रि 12:09 बजे से 12:59 बजे तक
  • निशिता काल पूजा की कुल अवधि: कुल 50 मिनट

महाशिवरात्रि व्रत पारण समय

  • ज्योतिषियों की मानें तो महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय 27 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 48 मिनट से 08:54 मिनट तक है।

चार प्रहर की पूजा में मंत्र जाप

प्रथम प्रहर का मंत्र- ‘ह्रीं ईशानाय नमः’
दूसरे प्रहर मंत्र- ‘ह्रीं अघोराय नम:’
तीसरे प्रहर मंत्र- ‘ह्रीं वामदेवाय नमः’
चौथे प्रहर मंत्र- ‘ह्रीं सद्योजाताय नमः

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