- अभिषेक हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली निवासी अभिषेक की हत्या के मामले में आरोपियों के एनबीडब्ल्यू वारंट जारी कर दिये हैं। हत्याकांड में जो भी आरोपी है उनको पकड़ा नहीं जा रहा हैं, जिसके बाद ये गैर जमानती वारंट अदालत से जारी हुआ हैं। इसमें अदालत ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के पुलिस को आदेश दिये हैं। पुलिस ने गैर जमानती वारंट दंग प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)की धारा 70 के तहत ये नोटिस जारी हुआ हैं। आरोपियों के लगातार फरार रहने के बाद ये नोटिस जारी हुआ हैं।
दरअसल, ये मामला है दिल्ली रोड स्थित शिवा टूरिस्ट ढाबा का। यहां पर अगस्त माह में दिल्ली निवासी अभिषेक एक टूरिस्ट बस से अपने साथियों के साथ उत्तराखंड टूर पर जा रहा था। बस इस ढाबे पर रुकी, जहां पर सभी टूरिस्टों ने भोजन ग्रहण करने का आॅर्डर दिया था। इसमें अभिषेक के सामने जो भोजन परोसा गया, उसमें नमक और मिर्च को लेकर आपत्ति जताते हुए दूसरी सब्जी की मांग की थी। इसी पर ढाबा संचालक और उसमें कार्य करने वाले कर्मचारी भड़क गए और अभिषेक के साथ मारपीट कर दी।
यही नहीं, बात आगे बढ़ी तो लोहे की राड लेकर कुछ कर्मचारी अभिषेक के पीछे दौड़े। अभिषेक अपनी जान बचाने के लिए एनएच-58 की तरफ को दौड़ लगा दी। पीछे हमलावर भाग रहे थे और आगे अभिषेक। इस तरह से अभिषेक को एक ट्रक ने रौंद दिया। अभिषेक की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर तो भाग निकले, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया। ढाबा संचालक मनोज शर्मा व अन्य को भागने का मौका दे दिया। तब पुलिस ने ये मामला एक दुर्घटना का बताते हुए थाने में मामला दर्ज किया।
इसी बीच अभिषेक की शिनाख्त हुई, जिसके बाद उसके परिजन परतापुर थाने पहुंचे और तहरीर लिखकर दी। इसके आधार पर पुलिस ने गैर इरादत्तन हत्या का मामला दर्ज किया। इस मामले में पुलिस पहले दिन से ही आरोपियों को बचाने में जुटी हैं। एक भाजपा के नेता भी आरोपियों को बचा रहे हैं, जिससे मृतक के परिजनों में आक्रोश हैं। नामजद आरोपियों पर पुलिस शिकंजा नहीं कस रही हैं। पहले ढाबा सील किया था, फिर सील कैसे खोल दी? सिर्फ एक शपथ पत्र लिया, जिसके आधार पर सील कैसे खोली जा सकती हैं।
अब ढाबे पर अपराध घटित हुआ हैं, उसे खत्म कैसे किया जा सकता हैं। ये पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ, लेकिन उस सबूत को भी नष्ट कर दिया गया। आखिर सबूत नष्ट करने के मामले में भी मुकदमा ढाबा संचालक के खिलाफ दर्ज होना चाहिए था। क्योंकि ये सीधे मर्डर हैं, इसमें लीपापोती पुलिस कर रही हैं। एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह का कहना है कि किसी भी आरोपी का नाम नहीं निकाला गया हैं। फिलहाल इसकी विवेचना चल रही हैं। आरोपियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। उधर, सीओ सुचिता सिंह का कहना है कि आरोपियों के एनबीडब्ल्यू वारंट जारी हो गए हैं। अदालत के आदेश के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं।