- कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम की मैस को पिछले चार माह से नहीं हुआ खिलाड़ियों की डाइट का भुगतान
- 8 से 10 हजार रुपये रोज खर्च होते स्टेडियम के हॉस्टल में रहने वाले खिलाड़ियों की डाइट पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खेल के क्षेत्र में देश को कई पदक विजेता देने वाले जिला मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में मैस में खिलाड़ियों के लिए तैयार होनें वाले भोजन पर रोक लग सकती हैं। स्टेडियम की मैस को पिछले चार माह से एक भी पैसा हॉस्टल में रहने वाले खिलाड़ियों की डाइट के लिए नहीं मिला हैं। मैस के स्टाफ ने चार दिन बाद मैस बंद करनें की बात कही है तो आरएसओ ने भुगतान नहीं होनें के लिए अपने कार्यालय के ही एक लेखाकार को जिम्मेदार बताया हैं।
प्रदेश के अलग अलग जिलों से विभिन्न खेलों के लिए चुनकर आए 45 खिलाड़ी स्टेडियम के हॉस्टल में रहकर प्रशिक्षण ले रहें हैं। यह खिलाड़ी आनें वाले समय में अपने देश का प्रतिनिधित्व करनें के सपने देख रहें हैं। इन खिलाड़ियों के खानें की व्यवस्था स्टेडियम में बनी मैस में होती हैं। यहां पर सभी खिलाड़ियों को सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम का नाश्ता व रात का भोजन उपलब्ध कराया जाता हैं।
इस पूरे मेन्यू का खर्च 8 से 10 हजार रूपये प्रतिदिन आता हैं। जिसमें सुबह नाश्ते में दो अंडे, केला, चना, बै्रड-बटर व आधा लीटर दूध शामिल हैं। इसी तरह दोपहर के भोजन में दो सब्जी जिनमें से एक दाल, रोटी-चावल, रायता, सलाद व दही शामिल हैं। जबकि शाम चार बजे मिलनें वाले रिफै्रशमेंट में जूस, मैंगो शेक, बनाना शेक व ड्राईफ्रूट दिया जाता हैं। इसके बाद रात के भोजन में मटर-पनीर, चिकन या मटन, रोटी-चावल, सलाद, स्वीट डिश व आधा लीटर दूध दिया जाता हैं। स्टेडियम में दो साल कोरोना रहनें के कारण हॉस्टल बंद कर दिया गया था।
इसके बाद हॉस्टल 11 अप्रैल 2022 को फिर से शुरू हुआ। इस दौरान हॉस्टल में पूरे प्रदेश से चुनकर आए खिलाड़ियों के रहनें की व्यवस्था की गई। इसको अब चार माह से ज्यादा का समय बीत चुका हैं। लेकिन मैस को एक भी पैसा इस दौरान खिलाड़ियों की डाइट के लिए नहीं मिला हैं।
खिलाड़ियों के लिए भोजन तैयार करनें वाले स्टाफ व ठेकेदार ने अबतक 10 लाख रूपये अपनी तरफ से खिलाड़ियों की डाइट पर खर्च किए हैं। लेकिन स्टाफ का कहना है कि अब उनकी हिम्मत जवाब दे रहीं हैं। आखिर कबतक वह कर्ज लेकर अपनी ओर से पैसा खर्च करते रहेंगे। 22 अगस्त के बाद यदि उन्हें स्टेडियम की तरफ से पैसे का भुगतान नहीं होता है तो वह काम बंद कर देंगे।
बोले-ठेकेदार
मैस का ठेका लेनें वाले ठेकेदार कुलदीप का कहना है कि अभीतक उन्हें कोई भुगतान नहीं हुआ हैं। वह अपनी जेब से दो लाख रूपये खर्च कर चुके हैं। उनका प्रयास है कि मैस बंद न हो, वह कुछ और पैसा खर्च कर सकते है। मैस के स्टाफ की सेलरी भी दे रहें हैं, उम्मीद है कि दो-चार दिनों में भुगतान हो जाएगा।
कार्यालय के ही एक लेखाकार से मैस का चार्ज वापस ले लिया गया हैं। लेकिन उन्होंने अभीतक रिकार्ड हैंडओवर नहीं किया हैं। इसी वजह से मैस का भुगतान रूका हुआ हैं। यदि लेखाकार चार्ज हैंडओवर कर देते है तो भुगतान हो जाएगा। शासन से पैसा आया हैं केवल चार्ज हैंडओवर नहीं होनें के कारण पैसे का भुगतान ठेकेदार को नहीं हुआ हैं।