- योजना के अंतर्गत सौर एनर्जी से डीजल और बिजली के खर्च से भी मिलेगी राहत, प्रदूषण भी होगा कम
- पीएम कुमुम योजना के तहत किसान लगवा सकते हैं सोलर प्लांट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मोदी सरकार ने किसानों की सहायता के लिए एक और बड़ी योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है कुसुम सोलर प्लांट। इस योजना के तहत किसान सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। जिससे वह सिंचाई के कार्य और बिजली उत्पाद कर बेच भी सकते हैं। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वह बिजली बना सकते हैं।
उसके साथ ही जरूरत के अनुसार बिजली का इस्तेमाल कर बाकी बची हुई बिजली को वह बेच कर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं। इस योजना के तहत लाखों किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी। वहीं, किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन भी मुहैया कराया जाएगा। किसानों के सिंचाई के लिए बहुत सारी परेशानियां आती रहती हैं। वर्षा के अभाव के कारण बहुत बार किसानों के फसल बर्बाद हो जाती है। इसको देखते हुए इस याजना की शुरुआत की गई है।
क्या है कुसुम सोलर प्लांट योजना?
मोदी सरकार ने पीएम किसान जैसी बड़ी योजना को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना का नाम कुसुम यानी कृषि ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान रखा गया है। इस योजना से किसान न केवल अपने खेतों में सिंचाई का कार्य कर पाएंगे, बल्कि सोलर प्लांट से बिजली पैदा कर उसे बेच कर कमाई भी कर पाएंगे। इसके लिए किसानों को केवल 10 प्रतिशत ही पैसा चुकाना होगा।
इस योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जाएगा। सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान पहले अपने सिंचाई के काम में करेंगे। इसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को बेचकर कई साल तक आमदनी कर सकते हैं। इस योजना के तहत सौर एनर्जी से डीजल और बिजली के खर्च से भी राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा। सोलर पैनल 25 साल तक चलेगा और इसका रखरखाव भी आसान है।
बिजली की होगी बचत
इस योजना को लेकर सरकार का मानना है कि अगर देश की सभी सिंचाई पंप को सोलर पंप से बदल दिया जाए तो इससे न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि 28 हजार मेगावट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी संभव हो सकेगा। कुसुम सोलर प्लांट योजना के अगले चरण में सरकार किसानों को उनके खेतों के ऊपर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा बनाने की छूट देगी। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को दस हजार मेगावट एनर्जी वाले सोलर प्लांट मुहैया कराएगी।
कुसुम योजना के फायदे
इस योजना से किसानों को दोनों तरफ से फायदा मिलेगा। पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी और दूसरा सोलर प्लांट से अतिरिक्त बिजली को वे किसी कंपनी को बेच सकेंगे। कुसुम योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटेगी। सात ही किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और ग्रिड को बेचने में सक्षम होंगे यानी उनकी आमदनी भी बढेÞगी।
90 फीसदी मिल रही छूट
कुसुम सोलर प्लांट योजना के तहत किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए केवल 10 फीसदी रकम का भुगतान करना होता है। केंद्र और राज्य सरकार किसानों को बैंक खाते में 60 फीसदी सब्सिडी की रकम देती हैं। इसमें केंद्र और राज्यों की ओर से बराबर का योगदान देने का प्रावधान है।
वहीं, बैंक की ओर से 30 फीसदी लोन का प्रावधान है। इस लोन को किसान अपनी होने वाली आमदनी से आसानी से भर सकते हैं। कुसुम योजना के पहले चरण में डीजल से चलने वाले पंप को बदला जाएगा एवं सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलने के लायक बनाया जाएगा। जिससे डीजल की खपत कम होगी और कच्चे तेल के आयात पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी।
ऐसे मिलेगा लाभ
- कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल की कुल लागत का दस फीसदी पैसा किसान को लगाना होगा
- 30 फीसदी पैसा केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर किसानों को दिया जाएगा।
- 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार सब्सिडी के तौर पर किसानों को दिया जाएगा।
- 30 फीसदी बैंक से लोन ले सकते हैं किसान, लोन दिलाने में सरकार किसानों की मदद करेगी