जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: नवी मुंबई के कलंबोली पुलिस स्टेशन में तैनात एक सहायक पुलिस निरीक्षक पर गुरुवार को थाने परिसर में 28 वर्षीय एक दलित व्यक्ति के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया।
पीड़ित विकास उजगारे के खिलाफ कथित रूप से जातिसूचक गालियां देने के आरोप में अधिकारी दिनेश पाटिल पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पाटिल पर आरोप है कि उसने थाने में उजगारे के चेहरे पर थूका और उन्हें अपने जूते चाटने के लिए मजबूर किया।
ये है पूरा मामला…
मीडिया से बात करते हुए पीड़ित उजगारे ने कहा कि 6 जनवरी को रात 8 बजे के आसपास, मैं अपने दोस्त के साथ एक चीनी रेस्तरां में था, जिसका रेस्तरां के मालिक के साथ झगड़ा हुआ था। मालिक ने हम पर हमला किया और मैंने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। जल्द ही कलंबोली पुलिस स्टेशन की एक टीम मौके पर पहुंच गई।
उजगारे ने कहा कि चोट लगने के कारण उन्होंने पुलिस अधिकारियों से उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। बहुत मिन्नतें करने के बाद, अधिकारी मुझे पनवेल के एक सरकारी अस्पताल में ले गए।
डॉक्टरों ने पुलिस को मुझे दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। हालांकि, अधिकारी मुझे कलंबोली पुलिस स्टेशन ले गए, जहां मुझे फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया गया। तभी पाटिल आया और मुझे थप्पड़ मारने लगा।
मेरे चेहरे और गर्दन पर मारना शुरू कर दिया
उजगारे ने कहा कि पुलिस ने उनकी पहचान उस व्यक्ति के रूप में की जिसने उनके खिलाफ शिकायत की थी। नाराजगी रखते हुए पाटिल ने मेरे चेहरे और गर्दन पर मारना शुरू कर दिया। इसके बाद वह मुझे घसीटते हुए एक कमरे में ले गया, जहां मुझ पर बेरहमी से हमला किया गया।
मुझसे मेरी जाति के बारे में पूछा …
अधिकारी ने तब मुझसे मेरी जाति के बारे में पूछा … जब मैंने कहा कि मैं एक दलित हूं, तो उसने मेरी जाति को गाली दी और मुझ पर निचली जाति का होने के लिए थूका। 28 वर्षीय उजागर ने कहा, पाटिल ने उसे अपने जूते चाटने के लिए मजबूर किया।
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