- महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था व अन्य मुद्दों को लेकर सपा का आज धरना-प्रदर्शन, टकराव के आसार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था व अन्य मुद्दों को लेकर सपा का आज प्रदेश व्यापी तहसील स्तर पर धरना-प्रदर्शन है।
इस धरना-प्रदर्शन को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। ऐसे में सपा कार्यकर्ता व पुलिस-प्रशासन के बीच टकराव बन सकता है। ऐसी संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए आला अफसरों ने प्रत्येक तहसील को पहले ही पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया जाएगा।
हालांकि सपा नेता प्रदर्शन करने पर अडिग है, ऐसे में टकराव बनना लगभग तय है। भीड़ जुटाने के लिए सपा नेता भी लगे हुए हैं। अब देखना ये है कि सपा नेता इस प्रदर्शन में भीड़ जुटा पाते है या फिर नहीं।
महंगाई बढ़ रही है। डीजल व पेट्रोल के दाम बढ़ गए। आलू के दाम आसमान छू रहे हैं। किसान का आलू फ्री बराबर बिक रहा है। हत्या, लूट और डकैती की घटनाएं सरेआम हो रही है।
कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची है। इन तमाम मुद्दों को लेकर सपा का पहला प्रदर्शन सोमवार को प्रत्येक तहसील पर होने जा रहा है। तहसील स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए सपा नेताओं ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी, मगर पुलिस-प्रशासन की तरफ से कह दिया गया कि धारा 144 लागू है। ऐसे में भीड़ एकत्र होती है तो कोरोना सामुदायिक तरीके से फैल सकता है। ऐसे में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
प्रशासन के इस तर्क के बावजूद सपा नेता प्रदर्शन करने पर आमादा है। तहसील स्तर पर अलग-अलग लोगों को प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी तय की गई है, जिसमें सपा के बड़े नेता भी शामिल होंगे। ऐसे में टकराव बनाना भी तय माना जा रहा है। क्योंकि पुलिस-प्रशासन ने भी भीड़ को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। तहसील में पर्याप्त मात्रा में फोर्स लगाई जाएगी। एक तरह से तहसील सोमवार सुबह से ही पुलिस छावनी में तब्दील हो जाएगी।
भाजपाइयों को सपा के प्रदर्शन की कमान?
सपा के तहसील स्तर पर होने वाले प्रदर्शन की कमान जिला स्तर से एक भाजपा नेता को दे दी गई? इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सपा के प्रदर्शन की सफलता को लेकर चर्चाएं चल रही है। दरअसल, ये मामला है सरधना तहसील का। यहां पर प्रदर्शन की कमान ऐसे व्यक्ति को सौंप दी है, जो भाजपा से जुड़ा हुआ है। फेसबुक पर भी भाजपा नेताओं के साथ उसके फोटो लगे हुए हैं। रविवार को ये फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए। इस पूरे मामले की सूचना सपा के कुछ नेताओं ने पार्टी हाईकमान को जानकारी दे दी है।
कृषि भी अब कॉरपोरेट घरानों की हुई: गौरव टिकैत
कृषि बिल को लेकर संसद से लेकर सड़क तक बवाल मचा है। भाकियू के युवा राष्टÑीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि नए कानून के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों चला गया और इसका नुकसान किसानों को होगा। किसानों को यदि बाजार में अच्छा दाम मिल रहा होता तो वो बाहर ही क्यों जाते?
इसका सबसे बड़ा नुकसान आने वाले समय में ये होगा कि धीरे-धीरे मंडियां खत्म होने लगेंगी। उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत छोटे किसान एक जिले से दूसरे जिले में कृषि उपज को लेकर नहीं जा पाते हैं,किसी दूसरे राज्य में जाने का तो सवाल ही नहीं उठता।
ये बिल बाजार के लिए बना है, किसान के लिए नहीं। मैं पूछना चाहता हूं कितने किसान अपनी फसल की उपज को दूसरे राज्यों तक लेकर जाएंगे? किसानों की छोटी जोत है। मंडियों में अपनी उपज पहुंचाते थे, वह भी खत्म हो जाएगी।
इस प्रावधान से किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर हो जाएगा। यही नहीं, इससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिल सकता है। क्योंकि सरकार ने जमाखोरी को वैधता दे दी है।
इन चीजों पर अब कंट्रोल नहीं रहेगा। भाकियू नेता गौरव टिकैत रविवार को परतापुर के दिल्ली रोड स्थित भारतीय किसान यूनियन कैंप कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए आये थे।
इस मौके पर उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि 21 सितंबर को प्रदेश के सभी मुख्यालयों पर केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिल और एमएसपी के विरोध में धरना प्रदर्शन करेंगे। कहा कि केंद्र और प्रदेश में बैठी सरकार किसान विरोधी हैं। केंद्र में जिस तरह चुपचाप एमएसपी और किसान विरोधी अध्यादेश को पास किया गया है, वह किसानों के साथ धोखा है, जिसके लिए भारतीय किसान यूनियन 21 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी। 25 सितंबर को प्रदेश के सभी कमिश्नरी मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को पांच वर्ष तक संविदा पर कार्यरत रहना पड़ेगा। ऐसे में रिजल्ट पास कर सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को अधिकारियों के इशारे पर ही नौकरी करनी पड़ेगी, वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार के इशारे पर बिजली विभाग किसानों का उत्पीड़न कर रहा है, वह गलत है।
जहां किसानों को अभी तक उनका गन्ना बकाया भुगतान नहीं मिला, मगर इसको लेकर सरकार चुप क्यों है? जबरन बिजली विभाग किसानों के कनेक्शन काट कर उन पर मुकदमे दर्ज करा रहा है। कृषि अध्यादेश, भूमि अधिग्रहण, बकाया गन्ना भुगतान जैसे किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन 21 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर और 25 सितंबर को सभी कमिश्नरी पर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रदर्शन करेगी।
कार्यक्रम के दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत, विजयपाल घोपला, बाबा इलम सिंह, विशाल पार्षद, दीपक राणा आदि मौजूद रहे।
कृषि बिल की प्रतिलिपियों में लगाई आग
रविवार को किसान विरोधी बिल की प्रतिलिपियों में आग लगा दी। कृषि बिल के प्रति इतना आक्रोश किसानों में देखने को मिल रहा है। किसानों में यह आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव व पीसीसी सदस्य रोहित गुर्जर के नेतृत्व में राज्यसभा में किसानों के खिलाफ दो बिलों को पास करने के विरोध में घोसीपुर के खेतों में किसानों ने पहुंच कर किसान विरोधी काला बिल की प्रतिलिपियों में आग लगा दी।
विरोध प्रदर्शन करते हुए रोहित गुर्जर ने कहा कि आज देश के किसानों के लिए इतिहास का सबसे काला दिन है। राज्यसभा में जबरन कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 दोनों बिल पास कर किसानों के अधिकार को भाजपा सरकार ने कुचलने का काम किया है।
इस दौरान एसके शाहरुख, नसीम राजपूत, नौशाद सैफी, सुमित विकल मिठेपुर, मोहित, अरुण कुमार, शावेज सेफी, आशु, ऋषभ चौहान, अमित, अनिल चौधरी, अनीश, सुभम, आर्यन, राजीव आदि मौजूद रहे।