- सर्दी का मौसम बुजुर्गों और बच्चों के अलावा, लो इम्युनिटी वालों के लिए घातक
- बुजुर्ग और बच्चों को रखें सर्दी की चपेट में आए लोगों से हमेशा दूर
- तापमान में भारी गिरावट बन सकती है कई बीमारियों की वजह
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सर्दी का सितम शुरू हो गया है, इसलिए सावधानी जरूरी है। सावधानी हटी और सर्दी की वजह से दुर्घटना मसलन आप बीमार हुए। डाक्टरों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बुजुगों व बच्चों का खास ख्याल रखें। बीमारियों से लड़ने की क्षमता इनकी कुछ कम होती है या फिर कमजोर होती है। सर्दी इन्हें आसानी से जकड़ लेती है। इसके अलावा इस मौसम में जरूरी है कि बुजुर्ग व बच्चों को उन लोगों से दूर रखा जाए जो पहले से सर्दी की चपेट में आकर बीमार हैं।
विंटर सेलिब्रेशन तो ठीक मगर संभलकर
क्रिसमस और न्यू ईयर पर सेलिब्रेशन तो बनता है और बड़ी संख्या में इसमें सभी शामिल भी होते हैं, लेकिन विंटर सेलिब्रेशन में शामिल होने के दौरान यदि सावधानी न बरती जाए तो नुकसान भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि जब भी पार्टी में शामिल हों पूरी सावधानी बरती जाए।
सामान्य जुकाम
आम सर्दी को अक्सर ठंडे महीनों का एक अभिन्न अंग माना जाता है क्योंकि यह उस दौरान व्यापक रूप से फैलती है। इसका कारण यह है कि शुष्क और ठंडी जलवायु राइनोवायरस को पनपने और पनपने के लिए अनुकूलतम परिस्थितियाँ प्रदान करती है।
- लक्षण
सामान्य सर्दी के लक्षण आमतौर पर राइनोवायरस के संपर्क में आने के एक से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। उनमें से कुछ में नाक बहना, कंजेशन, गले में खराश, खांसी, छींक आना, हल्का सिरदर्द और शरीर में दर्द, अस्वस्थता और निम्न श्रेणी का बुखार शामिल हैं।
- रोकथाम
वायरस को फैलने से रोकना आम सर्दी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। बार-बार हाथ धोना और सर्दी से पीड़ित लोगों के संपर्क से बचना महत्वपूर्ण है। यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार है, तो बर्तन साझा करने से बचें और घर के अंदर लाइट स्विच और काउंटरटॉप जैसी सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक का उपयोग करें।
- उपचार
चूंकि सामान्य सर्दी का कोई इलाज नहीं है, इसलिए डिकॉन्गेस्टेंट लेने और उचित आराम करने की सलाह दी जाती है। एंटीबायोटिक्स सर्दी के वायरस के खिलाफ काम नहीं करते हैं और जब तक कोई जीवाणु संक्रमण न हो तब तक उनकी सिफारिश नहीं की जाती है।
निमोनिया
निमोनिया एक जानलेवा बीमारी है जिसमें वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण एल्वियोली या फेफड़ों की छोटी-छोटी थैलियों में फैल जाते हैं और उनमें तरल पदार्थ भर जाते हैं। इसलिए, निमोनिया से पीड़ित व्यक्तियों में सांस लेने में तकलीफ होती है। निमोनिया का कारण बनने वाले रोगाणु खांसने, छींकने या संक्रमित वस्तुओं को छूने और फिर मुंह या नाक को छूने से फैल सकते हैं।
- लक्षण
निमोनिया से जुड़े कुछ लक्षणों में हरे कफ के साथ गंभीर खांसी, ठंड और सिरदर्द के साथ तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, दस्त, त्वचा का बैंगनी रंग, उल्टी, पसीना और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।
- रोकथाम
बैक्टीरियल निमोनिया की रोकथाम के लिए पीसीवी13 (प्रिवनार 13) और पीपीएसवी23 (न्यूमोवैक्स) शॉट दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, आप सामान्य स्वास्थ्य और स्वच्छता मानकों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जैसे कि बैक्टीरियल निमोनिया होने के जोखिम को कम करने के लिए उचित व्यायाम, आराम और आहार लेना।
- उपचार
उपचार का सबसे सामान्य रूप एंटीबायोटिक्स लेना है। निर्धारित खुराक को पूरा करना महत्वपूर्ण है अन्यथा आप फिर से बीमार हो सकते हैं। गंभीर या जिद्दी निमोनिया के मामलों में, आॅक्सीजन उपचार, आईवी तरल पदार्थ और दवाएं दी जाती हैं।
स्कूल गोइंग बच्चों के लिए घातक
जो बच्चे ढाई साल से छह साल आयु वर्ग के हैं और स्कूल जाते हैं। उनको सर्दी के मौसम से जरूर बचाना चाहिए। उन्हें आसानी से सर्दी पकड़ती है। इनसे छोटे बच्चे जो घरों में होते हैं, उनको सर्दी इतना नुकसान नहीं पहुंचाती है।
इसके अलावा यदि क्लास में कोई बच्चा बीमार हो तो फिर पूरी क्लास के ही चपेट में आने की आशंका रहती है। ऐसे मामले में सावधानी जरूरी है। -डा. शिशिर जैन, बाल रोग विशेषज्ञ शुभम नर्सिंगहोम
सर्दी में गरिष्ठ पदार्थों से बचे
सर्दी के मौसम में बुजुर्गों का खास ख्याल रखा जाए। उन्हें गरिष्ठ भोजन के सेवन कराने के बजाए गर्म व तरल पदार्थ ज्यादा दें। इसके अलावा ठंड पदार्थों के सेवन से बचा जाए।
आमतौर पर लोग विवाह शादी व अन्य समारोह में जाने वाले आइसक्रीम या अन्य ऐसे ही पदार्थों का सेवन करते हैं। ये चीजें नुकसान देने वाली हैं। जो पदार्थ गरम तासीर के हों, उनका सेवन अधिक करें। -डा. वीरोत्तम तोमर, वरिष्ठ फिजीशियन
सभी को बचाना है सर्दी से
केवल बुजुर्ग या बच्चे नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के लोगों को सर्दी से बच कर रहना लाभदायक है। सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोगों की इम्युनिटी कुछ कम हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि खानपान का ध्यान रखा जाए।
प्रयास करें कि आसानी से पचने वाले पदार्थों का अधिक सेवन करें। वही सबसे मुफीद साबित होगा। ऐसा नहीं है कि युवाओं को सर्दी नुकसान नहीं पहुंचाएगी। -डा. संदीप जैन, अध्यक्ष आईएमए मेरठ