- सैनी गांव से झुनझुनी तक नहीं जलती है लाइटें राहगीरों को उठानी पड़ती है भारी परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: मेरठ-बिजनौर हाइवे-34 पर पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन चालक खतरों से भरा सफर कर रहे हैं। हाइवे अथॉरिटी वाहन चालकों को कोई भी सुविधा नहीं दे रही है। नेशनल हाइवे पर व्यवस्थाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। टोल के पास बने शौचालय के काम भी अधूरे पड़े हुए हैं।
मेरठ से बिजनौर जाने वाला हाइवे-34 पर रात को प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं है। मेरठ रोड पर मुजफ्फरनगर सैनी गांव से आगे बने फ्लाईओवर से झुनझुनी तक दोनों ओर की लाइटें बंद पड़ी हुई है। वहीं, हाइवे पर कुछ स्थानों पर स्ट्रीट लाइट भी गायब है। प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हाइवे से रात के समय में गुजरने वाले हजारों वाहन चालक खतरों से भरा सफर कर रहे हैं।
हाइवे पर इंचौली से झुनझुनी तक बने हाइवे पर लाइटें बंद पड़ी हुई है। इस क्षेत्र में हाइवे के दोनों ओर लगी लाइटें जनरेटर से जुड़ी हुई है। बिजनौर जाने वाले वाहन चालकों ने बताया कि दस दिनों से इंचौली से आगे की सभी लाइटें बंद पड़ी हुई है। कई बार टोल पर तैनात कर्मियों से इस बाबत शिकायत की गई हैं। अंधेरा होने के कारण रात के समय में वाहन चालकों के साथ हादसा होने की आशंका रहती है।
अंधेरे के कारण पूर्व में वाहन चालक कई बार हाईवे पर हादसे का शिकार हो चुके हैं। हाइवे पर रात में हुए हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है। अंधेरा होने के कारण हाइवे किनारे आवारा गोवंश भी घायल हो रहे हैं। मवाना आने वाले वाहन चालकों का कहना है कि बदमाश रात के समय में कई बार कार लूट और अन्य आपराधिक वारदात की फिराक में लगे रहते हैं। हाइवे पर वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर कई बार क्षेत्र के लोग प्रकाश की उचित व्यवस्था के अलावा अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग कर चुके हैं,
लेकिन हाइवे पर सुविधा दिए जाने की उठ रही बार-बार मांग के बावजूद हाइवे अथॉरिटी वाहन चालकों को सुविधा दिए जाने के लिए गंभीर नहीं है। हाइवे अथॉरिटी केवल टोल वसूली में रुचि दिखा रही है। हाइवे अथॉरिटी के रवैये को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है।
बिजली कनेक्शन से चल रही है हाइवे की लाइटें
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रशासनिक प्रबंधक अभय प्रताप ने बताया कि रात को हाइवे पर लाइटें बंद होने का कारण बिजली नहीं आना होगा। वे इस बारे में बिजली के अधिशासी अभियंता से बात करेंगे और पथ प्रकाश व्यवस्था जलाने का प्रयास करेंगे।
सोलर मॉडल गांव बनाने की हुई घोषणा
मेरठ: सरकार ने गांवों में ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए सोलर माडल गांव बनाने की घोषणा की है। प्रत्येक जिले के एक गांव को सोलर मॉडल गांव बनाने की तैयारी है। मॉडल गांव में बिजली, पेयजल आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, खेतों में नलकूप समेत बिजली के सभी काम सौर उर्जा से होंगे। किसानों के खेतों में भी सोलर प्लांट लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा और इसकी मदद से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। सोलर मॉडल गांव बनने पर ऐसे गांव को सरकार एक करोड़ रुपया प्रोत्साहन राशि देगी।
इस राशि से गांव में विकास व अन्य जरूरी कार्य होंगे। जबकि अन्य गांवों, कस्बों और शहर में एक भी मकान की छत पर सोलर प्लांट स्थापित होने पर उससे संबंधित गांव पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को सरकार एक हजार रुपया प्रोत्साहन राशि देगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए जनपद में ऐसे 85 गांवों का चयन किया है जिनमें एक हजार से ज्यादा मकान हैं। इन गांवों में सौर ऊर्जा के कार्यों को प्राथमिकता पर कराया जाएगा।