- सरकार को घेरने की बड़ी रणनीति, बार काउंसिल का निर्णय, विधानसभा को घेरेंगे प्रदेशभर के वकील
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और गाजियाबाद में वकील की हत्या के विरोध में जारी हड़ताल अब थम गई। अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत नहीं रहेंगे, वह अदालत का कार्य सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे ताकि वादकारियों को तकलीफ न उठानी पड़े। अधिवक्ता पूर्ण रूप से अपने कामकाज पर लौटेंगे, लेकिन सरकार के प्रति वकीलों का विरोध जारी रहेगा। इसके लिए बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश ने एक रूपरेखा बनाई है। इस रणनीति के तहत अधिवक्ता अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे।
अधिवक्ताओं का यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है। बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट जजों और बार काउंसिल के अध्यक्ष व इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की एक समिति का गठन किया है जो हापुड़ लाठीचार्ज केस की रिपोर्ट देगी। बार काउंसिल ने निर्णय लिया है कि अधिवक्ता काम पर लौटेंगे और सरकार के प्रति विरोध जारी रहेगा जो चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा।
मेरठ के अधिवक्ता आज करेंगे मंथन
मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री विनोद चौधरी ने जनवाणी को बताया कि वैसे तो बार काउंसिल से अधिवक्ता बंधे हुए हैं मगर, वेस्ट यूपी के अधिवक्ता जो हाईकोर्ट बेंच की भी लड़ाई लड़ रहे हैं हम सभी लोग इस पूरे मामले पर रविवार को मंथन करेंगे। इसके साथ ही बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के निर्णय पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। आपसी विमर्श के उपरांत जो भी निर्णय सर्वसम्मति से होगा हम लोग आगे की कार्रवाई करेंगे।
हापुड़ में जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन
हापुड़ बार एसोसिएशन ने आपात बैठक कर निर्णय लिया है कि सोमवार को भी शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट जारी रहेगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि दोषी पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अफसरों पर शासन स्तर से कोई कार्रवाई न किए जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब तक अपेक्षित कार्रवाई नहीं होती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। फिलहाल सोमवार को आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से आगे की रणनीति पर निर्णय होगा।
लोक अदालत का बहिष्कार
शनिवार को वकीलों ने कचहरी में राष्ट्रीय लोक अदालत का पूर्ण बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने कचहरी में मार्च निकालकर विरोध किया और पुलिस, प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। साथ अधिवक्ता जुलूस निकालकर न्याय भवन पहुंचे जहां राष्ट्रीय लोक अदालत चल रहा था, वहां पहुंचकर अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद लोक अदालत को बंद कराया।
इस दौरान कुछ कुर्सियां तितर-बितर की गईं। कचहरी में वकील लोक अदालत को नहीं चलने दिए। वकीलों ने कहा कि जब तक हापुड़ कांड में पीड़ित वकीलों को न्याय नहीं मिल जाता है हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वकीलों की मांग है कि हापुड़ प्रकरण में वकीलों पर जो मुकदमा हुआ है वो वापस लिया जाए। पीड़ित वकीलों को आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही हापुड़ के डीएम, एसपी का तबादला होना चाहिए।
ये हैं सरकार के विरोध की पांच रणनीति
- 16 सितंबर को ट्रेजरी और रजिस्ट्री आॅफिस पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन होगा।
- 22 सितंबर को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन के साथ प्रदेश सरकार का पुतला फूंका जाएगा।
- 6 अक्टूबर को मंडलवार अधिवक्ताओं का सम्मेलन होगा।
- 13 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की समस्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री का प्रयागराज में अधिवेशन होगा।
- 20 अक्टूबर को लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा।