जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा से कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने सनसनी फैला दी है। पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) भी शामिल है। इससे पहले मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छात्र नेता मोनोजीत मिश्रा (31), और कॉलेज के मौजूदा छात्र जैब अहमद (19) तथा प्रोमित मुखोपाध्याय (20) को गिरफ्तार किया गया था।
शादी से इनकार बना कारण
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि जब उसने मोनोजीत के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो वह बौखला गया। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले छात्रा को पीटा, फिर घसीटकर कॉलेज के गार्ड रूम में ले जाकर दुष्कर्म किया। उस समय बाकी दो आरोपी बाहर पहरा दे रहे थे और गार्ड को गेट पर बैठा दिया गया था, जिससे कोई अंदर न आ सके।
वीडियो बना धमकी दी गई
पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने दुष्कर्म का मोबाइल वीडियो भी बनाया और शिकायत करने पर उसे वायरल करने की धमकी दी। यह आरोप भी लगाया गया है कि मोनोजीत ने छात्रा के बॉयफ्रेंड को पीटने और उसके माता-पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी।
आरोपियों की स्थिति और भूमिका
मोनोजीत मिश्रा – लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र, TMC छात्र परिषद की दक्षिण कोलकाता इकाई का संगठन सचिव, वर्तमान में जिला अदालत में आपराधिक वकील, कॉलेज में 45 दिन के लिए अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी भी रहा। जैब अहमद व प्रोमित मुखोपाध्याय – वर्तमान छात्र, पहरेदार की भूमिका में थे। पिनाकी बनर्जी (गार्ड) – आरोप है कि उसने मुख्य गेट बंद कर दिया और अपराध में मदद की।
कानूनी कार्रवाई और मेडिकल पुष्टि
पीड़िता का बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया गया है। मेडिकल जांच में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। कोर्ट ने तीनों युवकों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
मामले पर बढ़ती चिंता
इस घटना ने न केवल शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा की पोल खोल दी है, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में पल रहे आपराधिक तत्वों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। एक वकील, एक छात्र नेता, और कॉलेज के गार्ड द्वारा इस तरह की घिनौनी वारदात में लिप्त पाया जाना व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है।