- यौम-ए-गम के साथ मोहर्रम का दो माह आठ दिन का सोग खत्म
- सोगवारों के उतरे काले लिबास, गहने पहने
- ईद ए जेहरा आज, लंबे सोग के बाद आज खुशियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ‘उम्मत के सताए हैं आफत के रुलाए हैं, उजड़े हुए परदेसी घर लौट के आए हैं’। सुप्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय नोहेख्वान हुमायूं अब्बास ‘ताबिश’ के इस अलविदाई नोहे के साथ दो माह आठ दिन तक चला मोहर्रम का सोग बुधवार को समाप्त हो गया। सोग समाप्त होने के बाद आज ईद ए जेहरा की खुशियां मनाई जाएंगी।
अंजुमन दस्ता-ए-हुसैनी के बैनर तले बुधवार को रेलवे रोड स्थित वक्फ मनसबिया में बड़ा व परम्परागत अलविदाई कार्यक्रम ‘यौम-ए-गम’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मेरठ जनपद के अलावा आसपास के जनपदों से भी हजारों की तादात में हुसैनी सोगवार शामिल हुए।
इस अवसर पर आयोजित मजलिस को कनाडा से आए मौलाना सैयद इमाम हैदर जैदी ने खिताब किया। सोजख्वानी असगर मेहंदी (ककरौली) व पेशख्वानी की रस्म आसिफ जलाल (बिजनौरी) ने अदा की। मजलिस के दौरान हुसैनी सोगवार वाक्या-ए-करबला सुन फूट फूट कर रोए।
मजलिस ए अजा के बाद मनसबिया परिसर में जुलूस निकाला गया जिसमें शबीह ए ताबूत (इमाम हसन असकरी), गहवारा (हजरत अली असगर) व 72 अलमों की जियारत बरामद हुई। जुलूस के दौरान अंजुमन दस्ता ए हुसैनी के कमाल अब्बास जैदी ने सभी 72 शहीदों की याद में परम्परागत 72 फीट ऊंचा अलम ए मुबारक उठाया। इस दौरान हुमायूं अब्बास ‘ताबिश’ के नोहे ‘हम को पहचान लो मौला के अजादार हैं हम, ताजियादार हैं हम, शह के गमखार हैं हम…’ पर हुसैनी सोगवार लगातार मातम करते चले।
सोग खत्म, ईद ए जेहरा आज
मोहर्रम का दो माह और आठ दिनों तक चला सोग बुधवार शाम समाप्त हो गया। सोग समाप्त होने के बाद सभी सोगवारों ने काले कपड़े उतार कर आम लिबास पहन लिया जबकि महिलाओं ने भी गहने पहन लिए। गुरुवार को ईद ए जेहरा मनाई जाएगी। अंजुमन दस्ता ए हुसैनी के साहिब ए ब्याज हुमायूं अब्बास ‘ताबिश’ के अनुसार गुरुवार को सभी हुसैनी सोगवार ईद ए जेहरा की खुशियां मनाएंगे।