- भाजपा कैंट पूर्व विधायक के कैम्प आॅफिस का हाल बेहाल
- पानी की निकासी नहीं, पूरे दिन भरा रहता है गंदा पानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ कैंट राजनीतिक दृष्टि से भाजपा का राजनीतिक किला है। इस राजनीतिक किले में कोई भी सेंध नहीं लगा सका। एक लाख प्लस वोटों से कैंट विधायक जीत दर्ज करते रहे हैं। सबसे लंबे समय तक कैंट में भाजपा विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल रहे। उनके लिए कैंट आॅफिस बेहद लकी रहा है, लेकिन वर्तमान में अमित अग्रवाल कैंट से विधायक हैं, जिस स्थान पर भाजपा के पूर्व विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल बैठकर जनता की समस्याएं सुनते थे, वहां की नाली बंद हो गई है।
पानी की निकासी बंद होने के बाद पूर्व विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल के आॅफिस के बाहर जलभराव हो गया है। यह एक दिन से नहीं, बल्कि पिछले 15 दिन से लोगों को इस समस्या से जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पानी निकासी बंद तो शहर में कई स्थानों पर होंगी, लेकिन बड़ी खबर इस वजह से है कि कैंट के पूर्व विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल के आॅफिस के बाहर गंदा पानी जमा है। उसकी निकास बंद हो गई है।
पानी के निकास की क्या व्यवस्था होनी चाहिए? इसकी पानी बंद होने की कैंट बोर्ड के अधिकारियों को भी चिंता नहीं है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों को इस बात का भी डर नहीं है कि पूर्व विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल के कैंप आॅफिस के बाहर गंदा पानी पिछले 15 दिन से जमा है। इससे बीमारी फैल सकती है। फिर भाजपा की छवि खराब हो रही हैं। पानी का निकास नहीं होने से खराब हो रही है, जब एक पूर्व विधायक के घर पर ही घर के सामने ही गंदा पानी का जमाव होगा तो फिर आम आदमी के महलों की हालत कैसी होगी?
इससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं। ऐसा भी नहीं है कि कैंट विधायक रहे सत्य प्रकाश अग्रवाल ने कैंट बोर्ड के अधिकारियों को फोन करके इसकी शिकायत नहीं की होगी शिकायतें भी हुई, लेकिन निकास की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। गंदा पानी हार हो जमा हो रहा है, जिसके चलते आम जनता को बड़ी दिक्कत हो रही है। कई बार तो यह कहा गया कि पूरी सड़क पर ही पानी भर जाता है जब विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल फोन करते हैं तभी कैंट बोर्ड के अधिकारी हरकत में आते हैं, इससे पहले ध्यान ही नहीं दिया जाता।
…तो बड़े हादसे का है इंतजार
पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के कैंप आॅफिस से जैसे ही दस कदम सदर बाजार की तरफ चलते हैं, वहां बीच सड़क में गड्ढा हो गया हैं। करीब तीन फीट गहरा हैं, इसमें बाइक व कार ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वाला कोई भी गिर सकता हैं। तब बड़ा हादसा हो सकता हैं, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं हैं। गड्ढे में कोई भी गिरे, कैंट बोर्ड के अफसरों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
यहां से हर रोज स्कूली छात्र-छात्राएं भी स्कूल में जाती हैं। ऐसे में किसी बच्चे के साथ हादसा हो गया तो क्या उसकी जिम्मेदारी कैंट बोर्ड के अधिकारी लेंगे? कैंट बोर्ड के अधिकारी पहले कभी इतने लापरवाह नहीं रहे, जिनते वर्तमान में हैं। क्योंकि अधिकारियों ने सड्कों के गड्ढे भरने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाये हैं।