Monday, July 7, 2025
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एलिवेटेड रोड और चौड़ीकरण से हल की जाएगी जाम की समस्या

  • जिलाधिकारी ने औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में जानीं समस्याएं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सोमवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आहुत की गई। बैठक में औद्योगिक क्षेत्र की ओर से विभिन्न समस्याएं रखी गई। जिनमें मुख्य रूप से ट्रैफिक जाम, सड़क व आवारा बंदर, कुत्तों से संबंधित रही। स्वर्णकार कारीगरों को विश्वकर्मा सम्मान योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की गई। जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को स्थान चयन कर कैम्प लगाने के निर्देश दिए। जाम की समस्या के समाधान के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर कार्रवाई की जा रही है। जिसमें एलिवेटेड रोड बनाने, सड़क चौड़ीकरण आदि शामिल है।

कुत्तों व बंदर की समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, जिला विकास अधिकारी अम्बरीष कुमार, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, उपायुक्त उद्योग दीपेन्द्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी व औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बूढ़ी गंगा के पुनरुद्धार के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश

मेरठ: जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति, जिला वृक्षारोपण समिति तथा जिला वेटलैंड समिति का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया क बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने प्रदूषण विभाग को जनपद में संचालित एसटीपीओ की मॉनिटरिंग के लिए समिति का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने हस्तिनापुर क्षेत्र में बूढ़ी गंगा के पुनरुद्धार के लिए सिंचाई विभाग को जल्द से जल्द उचित कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

उन्होंने पंचायत विभाग को गंगा किनारे गंगा वाटिकाओं के निर्माण के लिए स्थान को चिन्हित करना, कृषि विभाग को नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत गंगा किनारे रसायन मुक्त खेती की केस स्टडीज को जिला गंगा समिति को प्रस्तुत करने और क्लस्टर वाइज आख्या प्रस्तुत करने, आगामी पौधरोपण अभियान को लेकर सभी विभागों को पौध लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने को कहा।

उन्होंने इसकी सूचना जल्द से जल्द विभाग को देने, जनपद में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित योजना और जिला पर्यावरण प्लान के क्रियान्वन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कराने के लिए संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिएक जिलाधिकारी ने हस्तिनापुर क्षेत्र में बूढ़ी गंगा के पुनरुद्धार के लिए सिंचाई विभाग को जल्द से जल्द उचित कार्य योजना बनाकर जिला गंगा समिति को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। तथा उच्च शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ को गंगा स्वच्छता

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एवं संरक्षता के लिए अभियान चलाकर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर उसकी रिपोर्ट जिला गंगा समिति मेरठ को प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए क वर्चुअल बैठक में डीएफओ राजेश कुमार, जिला गंगा समिति मेरठ से तुषार गुप्ता, जिला परियोजना अधिकारी ( नमामि गंगे) उपस्थित रहे

जितना बड़ा प्लाट, उतनी ऊंची बना सकेंगे बिल्डिंग

मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) जोनल प्लान तैयार कर रहा है। इस जोनल प्लान से जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है। रैपिड के चार स्टेशन ऐसे हैं, जिसके डेढ़ किलोमीटर के दायरे में व्यावसायिक हो या आवासीय या फिर उद्योग कोई भी निर्माण लोग कर सकेंगे। जोनल प्लान में यही सब तैयार किया जा रहा है। हालांकि इस पर फिलहाल कोई फाइनल मुहुर तो नहीं लगी है, लेकिन यह भी तय माना जा रहा है कि जोनल प्लान के तहत जो मिश्रित भू-उपयोग है, उसमें जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी चल रही है।

दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण ने जोनल प्लान तैयार किया जा रहा हैं, उसमें रैपिड रेल के चार स्टेशनों का चयन किया है। उसमें मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम शामिल हैं। ये ऐसे स्टेशन है, जहां से नमो भारत और मेरठ मेट्रो का संचालन होगा। इसके साथ ही इन चार रेलवे स्टेशनों के गोलाई में डेढ़ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग कोई भी निर्माण कर सकेंगे। ऐसी छूट इस जोनल प्लान में तैयार की जा रही हैं। आठ स्टेशन बच्चे हैं, जिसमें मेरठ मेट्रो के लिए पांच-पांच मीटर तक ये नियम लागू रहेगा,

लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि चार स्टेशनों पर डेढ़ किलोमीटर के दायरे में यह नियम लागू रहेगा। दरअसल, 2021 महायोजना यहां पर लागू है। इसमें एफएआर 1.5 मेरठ विकास प्राधिकरण के बायोलॉजी में दिया गया था, जिसमें ढाई मंजिल तक ही निर्माण करना संभव था। अब जो बदलाव किया जा रहा हैं, उसमें 4 स्टेशनों के डेढ किलोमीटर के दायरे में नये जोनल प्लान में एफएआर 4 किया जा रहा है, जिसमें जितनी मंजिल चाहे बनाए जा सकती है। उदाहरण के तौर पर एक हजार वर्ग मीटर का यदि किसी का प्लॉट है

तो उसमें 8 मंजिल तक का निर्माण किया जा सकता है। इसमें उद्योग, आवासीय, व्यावसायिक का उपयोग होगा। इसमें भी आवास के लिए 50 फीसदी, उद्योग के लिए 10 फीसदी, दुकानों के लिए 10 फीसदी, शिक्षण संस्थाओं के लिए 10 फीसदी प्लान तैयार किया जा रहा है। उसमें सेटबैक का होना आवश्यक दशार्या गया है। इस जोनल प्लान को तैयार करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर लगे हुए हैं। जल्द ही इस जोनल प्लान पर फाइनल मुहुर लगा दी जाएगी।

पूठखास में होंगे वाहनों के फिटनेस

रोहटा रोड स्थित पूठखास गांव में आरटीओ का प्राइवेट फिटनेस सेंटर बनने जा रहा है। इसको आरटीओ की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। ये कृष्णा चौधरी के नाम से शासन ने स्वीकृत किया है। फिटनेस सेंटर के पास पर्याप्त मात्रा में जमीन है और अपना पूरा स्टाफ भी रहेगा। कहा जा रहा है कि ब्रेक चेक और गाड़ियों के कई उपकरणों को जांच करने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी प्राइवेट सेंटर स्वामी को खरीदनी होगी।

आॅटोमेटिक मशीनों से ही वाहनों की चेकिंग के बाद ही फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाएगा। दरअसल, अब तक आरटीओ आॅफिस में ही तमाम वाहनों की फिटनेस का कार्य किया जाता था, लेकिन शासन के आदेश पर गाजियाबाद की तरह से मेरठ में भी प्राइवेट सेक्टर को वाहनों की फिटनेस का कार्य दिया जा रहा है, जिसमें तीन केंद्र बनाए जाने हैं, लेकिन वर्तमान में एक केंद्र को हरी झंडी दे दी है।

ये सेंटर रोहटा रोड स्थित पूठखास गांव में बनाया जा रहा है। यहां पर्याप्त मात्रा में जमीन भी है और तमाम व्यवस्थाओं को आरटीओ ने हरी झंडी दे दी है। वाहनों के फिटनेस का कार्य कब से चालू होगा, अभी इसकी तिथि घोषित नहीं की गई हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही वाहनों की फिटनेस का कार्य प्राइवेट हाथों में चला जाएगा।

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