- महानगर के 14 मुख्य नालों में से मात्र एक का ही दोबारा से निर्माण शुरू हो सका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर में वैसे तो नालों की संख्या सैकड़ों में हैं, लेकिन बड़ों नालों की संख्या निगम के रिकॉर्ड में 14 है। इन नालों का पक्का निर्माण अंग्रेजी हुकूमत या उससे पूर्व कराया गया था, लेकिन उसके बाद इन नालों का दोबारा से निर्माण कराया जाना तो दूर की बात, अच्छे से तलीपाड़ साफ-सफाई भी नहीं कराई जा रही।
हाल ही में 14 में से एक नाले का दोबारा से निर्माण शुरू कराया गया है, लेकिन उस नाले का निर्माण भी टेंडर के हिसाब से नहीं कराया जा रहा। जब नालों का निर्माण एवं साफ-सफाई अच्छे से नहीं हो सकेगी तो बरसात के समय शहर के बारिश के पानी की निकासी कैसे ठीक तरह से हो सकेगी।
महानगर के निगम क्षेत्र में 90 वार्ड हैं। जिसमें इन वार्डों में नालों की संख्या काफी है, लेकिन निगम के रिकॉर्ड में समूचे शहर के पानी की निकासी के लिए 14 नाले 100 वर्षों पूर्व से बने हुए हैं। बताया जाता है कि जिस समय इन नालों का निर्माण कराया गया था। उस समय यह नाले देखने में बडेÞ ही सुंदर लगते थे। जब इन नालों की जेसीबी से नहीं मनुअल तरीके से सफाई कर्मचारियों के द्वारा तलीपाड़ सफाई की जाती थी तो वह बडेÞ साफ-सुथरे नाले दिखते थे।
बताया जाता है कई नालों की गहराई अधिक होने के कारण नालों में नीचे सफाई कर्मी कैसे उतरेगा उसके लिए सीढ़ी तक बनी होती थी, लेकिन साफ-सफाई के अभाव में अब नाले अटकर पूरी तरह से चोक हो गए हैं। अब जेसीबी से भी अच्छे तरह से साफ-सफाई नहीं हो पाती। जिसमें सूरजकुंड, कंकरखेड़ा एवं दिल्ली रोड डिपो के क्षेत्र से जुडेÞ जो नाले हैं। जिनका काफी समय पहले निर्माण कराया गया था, लेकिन दोबारा से मरम्मत या निर्माण नहीं कराया जा सका।
इन नालों में सूरजकुंड वाहन डिपो से जो जुडेÞ हैं। उसमें बड़ा नाला कसेरूखेड़ा खटकाना पुल से गोकलपुर से काली नदी तक। चिंदौड़ी काली नदी जलालपुर के पुल से नया कमेला घोसीपुर, हापुड़ रोड पुलिया तक। आबू नाला काली नदी जागृति विहार से बेगमपुल तक। नाला बच्चा पार्क थापर नगर से गढ़ रोड स्थित पुलिया तक। नाला मकाचीन की पुलिया से सूरजकुंड के बड़े नाले तक। गुर्जर चोक काजीपुर से कासीराम आवास का नाला।
पांडवनगर से संजय नगर चेक पोस्ट तक नाला। दिल्ली रोड वाहन डिपो से जुडेÞ नालों में ट्रांसपोर्टनगर से चंदो देवी द्वार तक। नाला ओडियन मेट्रो प्लाजा से पिल्लोखड़ी के पुल तक, इस नालों पर दोबारा से निर्माण चल रहा है, यह एक मात्र नाला है। जिस पर दोबारा से निर्माण चल रहा है। पिल्लोखड़ी पुलिया से कमेला पुलिया तक। नाला शताब्दीनगर, नाला फिल्मिस्तान के पीछे से थापरनगर पुलिस चौकी के पीछे से जली कोठी ढलावघर तक।
कंकरखेड़ा वाहन डिपो क्षेत्र में दो ही नाले बड़े हैं। जिसमें बाइपास बेस्ट प्राइज के पीछे से नंगलाताशी, लाला मोहम्मदपुर होते हुए शराब मिल रेलवे रोड पुलिया तक। रुड़की रोड रेलवे पुल से कृष्णानगर डौरली होते हुए लावड़ रोड तक बना है। जिसमें नालों की समय पर साफ-सफाई भी नहीं हो पा रही है। जिसके चलते शहर में बरसात के समय भयंकर जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है।