जनवाणी संवाददाता |
शामली: रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था जिसके चलते वहां एमबीबीएस की पढाई कर रहे भारतीय छात्र-छात्राएं भी युद्ध में फंस गए थे। बच्चों के युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसने के बाद उनके अभिभावकों में भी बच्चों के प्रति चिंता बढ गयी थी। भारत सरकार ने भी यूक्रेन में युद्ध को देखते हुए वहां रहने वाले सभी भारतीयों व छात्र-छात्राओं को सकुशल वापस लाने के लिए आपरेशन गंगा अभियान चलाकर सभी बच्चों को सकुशल देश वापस ले आई थी।
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अपने बच्चों को सुरक्षित देखकर अभिभावकों की चिंता भी दूर हो गयी थी। अब अभिभावकों के मन में अपने बच्चों की आगे की पढाई को लेकर टेंशन बढती जा रही है। मंगलवार को जनपद के अभिभावकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी आगे की पढाई भारत में ही पूरी कराए जाने की मांग की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम जसजीत कौर को सौंपा गया।
अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन छात्रों को भारत स्थित मेडिकल कालेजों व विश्वविद्यालयों में आगे की पढाई को वर्षवार एडमिशन दिलाकर पूरी कराए जाने की व्यवस्था की जाए, वर्षवार एडमिशन दिलाया जाए तथा न्यायसंगत फीस को लागू किया जाए, फीस इतनी रखी जाए ताकि अभिभावक उन्हें आसानी से दे सके, कुछ अभिभावकगण कोरोना काल में रोजगार की समस्या से ग्रसित हो गए हैं, ऐसे में बैंकों में उन्हें सुगम शिक्षा ऋण भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए, छात्रों को अवसाद एवं तनाव से बचाने के लिए काउंसलिंग की भी व्यवस्था की जाए।
उन्होंने आशा जताई कि सरकार बच्चों के भविष्य को देखते हुए भारत में ही उनकी पढाई कराने की व्यवस्था करेगी। इस अवसर पर दिनेश कुमार, कुसुम, पंकज कुमार जैन, प्रभात भार्गव, मौ. साजिद, प्रमोद मलिक, प्रभात भार्गव, विक्रम शर्मा, रामनिवास, मौ. अनीस, अरश हुसैन, धर्मवीर पाल, सोमनाथ, फैजल, जुल्फिकार, बिट्टू पाहीवाल, कन्हैयालाल शर्मा, अजय सिंह, हरबीर सिंह, सुधीर कुमार, सुभाष चंद, शशि कुमार आदि भी मौजूद रहे।