- दौराला और फफूंड़ा निवासी श्रद्धालु पहुंचे मेरठ
- रविवार को जम्मू के रियासी में बस पर हुआ था आतंकी हमला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: श्रद्धालुओं से भरी बस पर जम्मू के रियासी इलाके में आतंकी हमला हुआ था। जिसमें नौ लोगों की जान चली गई थी। हमले में 31 लोग घायल हो गए थे। जिनमें मेरठ के रहने वाले तीन युवक भी शामिल है। तीनों युवक बुधवार शाम मेरठ पहुंचे। जिसके बाद प्रशासन ने इन्हें इलाज के लिए मेडिकल में भर्ती कराया। युवकों ने 15 मिनट के आतंकी हमले की जो तस्वीर बयां की है, वह रोंगटे खड़े करने वाली है।
आतंकवादी हमले में घायल हुए दौराला निवासी दो सगे भाई प्रदीप, पवन व उनके भांजे फफूंड़ा निवासी तरुण उर्फ अभिषेक को एंबुलेंस के जरिए जम्मू से मेरठ लाया गया। घायलों को लेने सरधना तहसील की टीम सुबह पांच बजे जम्मू रवाना हुई थी। वहीं, जम्मू प्रशासन ने मेरठ भेजने से पहले घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे का चेक सौंपा। मेरठ पहुंचे तरुण ने हमले को लेकर जो बताया वह रुह कपाने वाला है। शिवखेड़ी से सभी श्रद्धालु खुशी-खुशी वैष्णो देवी के लिए निकले थे, लेकिन जैसे ही उनकी बस रियासी पहुंची तो अचानक सड़क किनारे से फायरिंग की आवाज आई।
एक गोली बस के टायर में लगी। जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया। जबकि सड़क पर उतरे एक आतंकी ने चालक को निशाना बनाते हुए गोली चला दी। जिससे मौके पर ही चालक की मौत हो गई थी। इसके बाद बस अनियंत्रित होकर 15 फीट नीचे खाई में जा गिरी। तरुण ने बताया कि आतंकियों ने खाई में गिरी बस पर भी करीब 10 मिनट तक फायरिंग की। इस बीच वह बस की सीट के पीछे छिप गया। जबकि कई गोलियां उसके साथ यात्रा कर रहे दूसरे श्रद्धालुओं को लगी और वह वहीं पर मौत के मुंह में समा गए।
हमले के समय बस में मौजूद प्रदीप ने बताया आतंकी बस में सवार हर किसी को मारना चाहते थे। यही वजह थी जब उन्होंने खाई में गिरी बस पर भी अंधाधुंध फायर किए। प्रदीप ने बताया कि जब गोलियां चल रही थी तो ऐसा लग रहा था कि पता नहीं किस गोली पर उसका नाम लिखा हो, एक गोली तो उसके कान के पास से सनसनाती हुई निकली। जिसकी आवाज अब भी उसके कानों में गूंज रही है। यदि वह दो सूत भर भी बाई ओर होता तो गोली उसके माथे में समा गई होती।
इसके बाद वह निढाल होकर बस में ही एक ओर पड़ा रहा। 15 मिनट बाद जब गोलियों की आवाज बंद हुई तो उसकी सांस में सांस आई। मेरठ पहुंचने के बाद डीएम दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, सीएमओ डा. अखिलेश मोहन व मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. आरसी गुप्ता घायलों से मिलने मेडिकल की इमरजेंसी में पहुंचे। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया तीनों घायल खतरे से बाहर है, बस पवन के पैर में चोट है, जो जल्द ही ठीक को जाएगी।
मेडिकल प्रशासन ने घायलों का विशेष ध्यान रखने के दिए निर्देश
जम्मू हमले में घायलों को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। डीएम ने तीनों घायलों के इलाज की निगरानी करने के लिए सरधना तहसीलदार नटवर सिंह को लगाया है। वहीं, मेडिकल प्रशासन ने भी घायलों के इलाज में कोई चूक नहीं होने की बात कही है। रविवार को जम्मू में हुए आतंकी हमले में घायल तीन युवक बुधवार को मेरठ पहुंचे। जिन्हें प्रशासन ने मेडिकल में भर्ती कराया है। घायलों को लेकर मेडिकल कॉलेज के एसआईसी धीरज बालियान ने इलाज कर रहे स्टॉफ से कहा कि बाहर से कोई दवा नहीं आनी चाहिए। साथ ही डीएम दीपक मीणा से इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही वहां फैली गंदगी साफ कराई गई। वहीं, इलाज में कोई कोताही न बरती जाए इसके लिए सरधना तहसीलदार नटवर सिंह की ड्यूटी लगाई गई है।