- दो बाइपास भी बनेंगे, कई जगह फुट ओवरब्रिज का निर्माण होगा
- जाम से निपटने को हुआ गंभीर मंथन, जनप्रतिनिधियों ने मेडा के कार्य को सराहा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर में बेहतर यातायात प्रबंधन को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से आयोजित प्रथम गोलमेज हैकेथान-2024 में सभी छह जोन के 48 प्रस्तावित परियोजनाओं पर मंथन हुआ। जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों से सुझाव लिए गए। लैंडमोनेटाइजेशन से जुटाई गई 350 करोड़ की रकम को किस-किस तरह से खर्च किया जाएगा, इसे विस्तार पूर्वक बताया गया। हर परियोजना के कार्य के सामने उसके खर्च का विवरण दिया गया। इस दौरान कई प्रस्तावों को मौके पर मंजूरी मिल गई। जल्द ही मेडा टेंडर कराकर कार्य शुरू कराएगा। शहर को जाम मुक्त करने के लिए सबसे अधिक कार्य सड़कों का चौड़ीकरण, सड़कों पर रेलिंग और डिवाइडर का होगा। जनप्रतिनिधियों ने मेडा की इस पहल की सराहना की।
जाम की समस्या के समाधान के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं पर मंथन करने के लिए मेडा ने मंगलवार को देहरादून बाइपास स्थित मार्स रिसोर्ट में प्रथम गोलमेज हैकेथान-2024 का आयोजन किया। जिसमें पहले जोन के 22, दूसरे जोन के सात, तीसरे जोन के तीन, चौथे जोन के नौ, पांचवें जोन के तीन और छठे जोन के चार प्रस्तावों की जानकारी विस्तार से दी। बिंदुवार सभी प्रस्तावों पर चर्चा की गई। जिनपर जनप्रतिनिधियों, विषयों के जानकारों, संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों, मेडा के इंजीनियर्स और शहर के गणमान्य लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए। मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि मेरठ को जाम की समस्या से निजाद दिलाने के लिए छह जोन में बांटा गया है।
इसके लिए उनके पास करीब 100 से अभी अधिक प्रस्ताव आए थे, लेकिन उन्हें जोन के हिसाब से आंवटित करते हुए 48 परियोजनाओं को प्रस्तावित किया गया है। इन पर आम सहमति के बाद कार्य शुरू किया जाएगा। इस दौरान ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई, सांसद अरुण गोविल, बागपत सांसद डा. राजकुमार सांगवान, विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे., मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने धरोहर स्कैन ऐप का विमोचन किया। इस ऐप में मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से किए जाने वाले कार्यों की जानकारी मिलेगी। इस दौरान मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव आनंद सिंह, जोनल अर्पित यादव, नगर नियोजक विजय समेत मेडा के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
एसपी ट्रैफिक की जगह पहुंचा टीआई, भड़क गए वाजपेई
यातायात प्रंबधन को लेकर हुए हैकेथान में पुलिस अधीक्षक यातायात ही नहीं पहुंचे। ऐसे में कई चर्चाएं अधूरी ही रह गयीं। एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा की जगह टीआई विनय शाही पहुंचे तो राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई भड़क उठे। उन्होंने कहा कि एसपी साहब कहां है…उनकी अनुपस्थिति लापरवाही का इशारा करती है। जाम का मुख्य मुद्दा ई-रिक्शा हैं, जिनपर चर्चा होनी चाहिए थी। इस पर टीआई विनय शाही ने कहा कि एसपी ट्रफिक साहब छुट्टी पर हैं, इसलिए वह आए हैं। इसके बाद वाजपेई ने नगर निगम के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर भी गुस्सा जाहिर किया। वह बोले कि जिन अधिकारियों की नेम प्लेट टेबल पर रखी हुई है, उनकी अनुपस्थिति निंदनीय है।
इस तरह छह जोन में बांटा गया मेरठ शहर
- जोन-1
मेरठ शहर का पुराना क्षेत्र, बेगमपुल से दिल्ली रोड होते हुए संजयवन, संजयवन से बिजली बंबा बाइपास होते हुए हापुड़ रोड, हापुड़ रोड से शास्त्रीनगर होते हुए तेजगढ़ी तिराहा, तेजगढ़ी तिराहे से कमिश्नर चौराहा होते हुए बेगमपुल के भीतर का क्षेत्र।
- जोन-2
कमिश्नर चौराहे से मवाना रोड होते हुए कसेरू बक्सर तक, कसेरू बक्सर से अब्दुल्लापुर के समीप परीक्षितगढ़ मार्ग तक, किला परीक्षितगढ़ मार्ग से गढ़ रोड पर काली नदी तक, गढ़ रोड काली नदी से हापुड़ रोड पर लोहियानगर तक।
- जोन-3
बिजली बम्बा बाइपास से संजयवन तथा शताब्दीनगर एवं गगोल मार्ग सम्मिलित करते हुए अच्छरौंडा काशी होते हुए बराल परतापुर तक।
- जोन-4
दिल्ली रोड पर फुटबॉल चौक से बराल परतापुर तक, बराल परतापुर से मेरठ बाइपास, वेदव्यासपुरी को सम्मिलित करते हुए बागपत रोड तक, बागपत रोड से फुटबॉल चौक तक सम्मिलित क्षेत्र।
- जोन-5
फुटबॉल चौक से बागपत बाइपास तक, बागपत बाईपास से श्रद्धापुरी में सरधना रोड तक, सरधना रोड से कैंटोनमेंट गांधी बाग होते हुए बेगमपुल तक, बेगमपुल से कैंटोनमेंट गांधी बाग होते हुए श्रद्धापुरी सरधना रोड तक।
- जोन-6
सरधना रोड से बाइपास मेरठ-1 अंसल टाउन खड़ौली को सम्मिलित करते हुए रुड़की रोड तक, रुड़की रोड से डौरली, सोफीपुर कैंटोनमेंट एरिया तथा मीनाक्षीपुरम होते मवाना रोड कसेरू बक्सर तक।
पहले जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- हापुड़ अड्डे से भूमिया पुल होते हुए लगभग 2.40 किलोमीटर पर डिवाइडर व रेलिंग का कार्य।
- हापुड़ अड्डे से तेजगढ़ी चौराहे तक लगभग 3.20 किलोमीटर पर डिवाइडर और रेलिंग का कार्य।
- बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी को हटाते हुए इंद्रा चौक से जली कोठी तक सड़क का विकास कार्य।
- बच्चा पार्क, टाउन हॉल, जिमखाना, कचहरी परिसर, मेरठ कालेज परिसर में अंडरग्राउंड, मल्टीलेविल पार्किंग।
- बच्चा पार्क से जली कोठी चौराहा तक थापर नगर के समानांतर नाले के ऊपर एलिवेटिड रोड का निर्माण कार्य।
- हापुड़ अड्डा, कमिशनरी चौराहे के ऊपर ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य।
दूसरे जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- तेजगढ़ी चौराहे से काली नदी तक लगभग 1.00 किलोमीटर पर डिवाइडर और रैलिंग का कार्य।
- परीक्षितगढ़ मार्ग पर भावनपुर के पास एनएच द्वारा निर्मित किये जा रहे ईस्टर्न बाइपास के जंक्शन से जेल चुंगी तक परीक्षितगढ़ रोड को लगभग 7.00 किलोमीटर लम्बाई का चौड़ीकरण कर फोरलेन डिवाइडर रोड का निर्माण कार्य।
- हापुड़ अड्डे से घोसीपुर लोहिया नगर के डिवाइडर रोड तक फोरलेन लगभग 5.70 किलोमीटर पर डिवाइडर तथा रेलिंग लगाने का कार्य।
- परीक्षितगढ़-गढ़ रोड (आबूनाला-2) के चौड़ीकरण का कार्य।
- एचआरएस और तेजगढ़ी के चौराहे के पुर्नविकास का कार्य।
तीसरे जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- बिजली बम्बा बाइपास का चौड़ीकरण एवं डिवाइडर का निर्माण कार्य।
- गगोल रोड निकट एचडीएफसी बैंक, ब्रह्मपुरी निकट जीजे फार्म हाउस पर आॅफ स्ट्रीट पार्किंग का निर्माण कार्य।
- गगोल रोड चौक, केसरगंज रोड चौक, शॉपरिक्स मॉल चौक पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट का कार्य।
चौथे जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- दिल्ली रोड से बागपत रोड को मिलाने वाली ट्रांसपोर्ट नगर के मध्य स्थित सड़क का विकास कार्य।
- परतापुर बाइपास से घाट रोड तक रजवाहे के समानांतर सड़क का निर्माण, विकास कार्य।
- बागपत रोड से घाट रोड तक के चौड़ीकरण का कार्य।
- मेरठ-रुड़की बाइपास (अपोजिट सुशांत सिटी)
- घाट रोड तक के चौड़ीकरण का कार्य।
- परतापुर औद्योगिक क्षेत्र से ट्रांसपोर्ट नगर तक (दिल्ली रोड) लगभग 7.00 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण का कार्य।
पांचवें जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- मेरठ-रुड़की बाइपास सेंट्रल डिस्टलरी एवं बेदरीज आबूनाला-2 पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य।
- कंकरखेड़ा बाइपास (खिर्वा रोड) कैलाशी हॉस्पिटल तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य।
- रेलवे स्टेशन चौक पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट का कार्य।
छठे जोन की प्रस्तावित परियोजनाएं
- मेरठ कैंट में माल रोड पर डिवाइडर का निर्माण कार्य।
- मेरठ-रुड़की बाइपास-मेरठ कैंट बाउंड्री बायां सोफीपुर रोड तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य।
- मेरठ कैंट (खटकाना पुल)-मवाना रोड तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य।
अपने शहर और खुद से करना होगा प्यार: गोविल
सांसद अरुण गोविल ने कहा कि सुविधा हर कोई चाहता है, लेकिन नियमों का पालन कोई नहीं करता। सबसे पहले अपने शहर और खुद से प्यार करना होगा। यह सबसे मुश्किल और आसान काम है। उन्होंने कहा कि एक भी चौराहे पर लेफ्ट खुला नहीं रहता है, यह जाम की सबसे बड़ी समस्या है। सभी चौराहों के लेफ्ट खोले जाएं तो आधा जाम खुद ब खुद खत्म हो जाएगा। अतिक्रमण भी जाम का बड़ा कारण है, इसे खत्म किया जाना चाहिए। पार्किंग की सुविधा कहीं नहीं है, इस पर काम होना चाहिए। कॉलेजों में पार्किंग नहीं है, ऐसे में उनके बाहर वाहन खड़े होते हैं और जाम लगता है। उन्होंने सुझाव दिया कि एक समन्वय समिति गठित हो, जिसमें मेडा, निगम, हाइवे, ट्रैफिक और व्यापार संगठन का एक-एक व्यक्ति हो।
वीआईपी हो या आमजन, सभी पर हो कार्रवाई: वाजपेई
राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि जाम की बड़ी समस्या अतिक्रमण है। इसे हटाने और नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती से पेश आए। वीआईपी हो या फिर आमजन किसी का चेहरा, जाति, धर्म और नाम देखकर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडा ने सराहनीय कदम उठाया है। पहली बार ऐसा हुआ कि मेडा ने अपने धन को दिखाया। ऐसे ही एनएचएआई और आरआरटीएस को भी अपने धन को दिखाकर जनहित के कार्यों में खर्च करना होगा। उन्होंने कहा कि रीवा फ्लाईओवर का शहर है, वहां फ्लाईओवर के चौराहे है, इसी तरह से काम करने की जरूरत है। अभी तक डेरिया शिफ्ट करने का प्रयास नहीं हुआ। उन्होंने पूर्व डीएम अवनीश अवस्थी का जिक्र करते हुए उनके वेस्टर्न रोड पर जाम से मुक्त कराए गए कार्यों का उदाहरण दिया।
जाम से मुक्ति को लोगों का सहयोग जरूरी: सोमेंद्र तोमर
ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि नियम तो बनाए जाते हंै, लेकिन उन्हें तोड़ने वाली जनता ही होती है। जाम से मुक्ति के लिए लोगों का सहयोग भी जरूरी होता है। सड़कों पर पानी भरने की वजह भी नालियों पर कब्जा और अतिक्रमण है। नियमों को तोड़ने वालों पर सख्ती बरतना बेहद जरूरी है। सड़कें चौड़ी करके दोनों तरफ रेलिंग लगानी चाहिए। रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्थायी व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी रोजी-रोटी बिना किसी परेशानी के चलती रहे। चौराहों की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि सड़क बनने से पहले पूरी योजना बननी चाहिए, ताकि बाद में कोई भी कार्यदायी संस्था आकर उसकी खुदाई ना करें। नालों से अतिक्रमण हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2017 में मेडा की स्थिति ऐसी थी कि वह अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पाते थे, अब उनके पास पैसा भी है और खर्च करने के लिए कदम भी उठाए जा रहे हैं।
सभी सुझावों पर गंभीरता से किया जाएगा काम: कमिश्नर
मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. ने कहा कि यातायात को लेकर प्रशासन काफी चिंतित है। शहरभर में जाम की जगह-जगह भीषण समस्या है। इससे लोगों को निजात दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन फंड की बड़ी समस्या थी। अब मेडा के पास पर्याप्त फंड है। मास्टर प्लान तैयार किए गए हैं। कई योनजाएं पाइपलाइन में है। जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों से मिले सभी सुझावों पुन: गंभीरता से काम किया जाएगा। जिससे शहर की जनता को रोज लगने वाले जाम के झाम से परेशान न होना पड़ेगा।