- दो करोड़ का किया था मलियाना गन्ना समिति में घोटाला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मलियाना गन्ना समिति पर हुए दो करोड़ के घोटाले में पुलिस ने 52 लाख रुपये आरोपियों से बरामद कर लिये है। जिन एससीडीआई के फर्जी हस्ताक्षर से दो करोड़ रुपये निकाले गए थे, उन पर भी शासन ने तबादले की गाज गिरा दी है। पुलिस की जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि एससीडीआई के हस्ताक्षर फर्जी बनाये गए थे। उनकी इसमें संलिप्ता तो नहीं है, सिर्फ लापरवाही रही है।
दरअसल, मलियाना गन्ना समिति के एकाउंट को हैंडल एससीडीआई करते रहे हैं। उनके ही बैंक में हस्ताक्षर चलते हैं। उनके ही हस्ताक्षर से लेन-देन चलता है। मलियाना समिति में तैनात क्लर्क नरेश शर्मा ने इसमें खेल यह किया कि डी सिंह एससीडीआई का तबादला हो गया था।
उनके हस्ताक्षर को फर्जी बनाकर नरेश शर्मा बैंक से पैसे निकालते रहे। जो नये एससीडीआई रूपेश कुमार आये थे, उन्होंने बैंक में जाना गंवारा नहीं समझा। अपने हस्ताक्षर का आदान-प्रदान नहीं किया। करीब दो करोड़ रुपये इस बीच क्लर्क नरेश शर्मा ने निकाल दिये।
जब बैंक एकाउंट खाली हो गया, तब मलियाना समिति के अन्य कर्मचारियों को इसका पता चला। रूपेश कुमार मलकपुर (बागपत) में तैनात चल रहे थे। शासन ने उनका तबादला पूर्वांचल कर दिया। इसी तरह से डी सिंह व एक अन्य का भी इस मामले में लापरवाही बरतने के मामले में पूर्वांचल में तबादला कर दिया है। डीसीओ डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि दो करोड़ के इस घोटाले में 52 लाख रुपये बरामद कर लिये गए हैं। बाकी की बरामदगी के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है।