Friday, March 29, 2024
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अब तक सबसे घातक वायरस से 5 इंडियंस हुए संक्रमित, कहीं खतरे की घंटी तो नहीं बजी

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान सहित दुनिया के कई देशों में कोहराम मचाने वाले कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबसे खतरनाक सबवैरिएंट XBB 1.5 ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। कोरोना का ये सब वैरिएंट अमेरिका में सबसे पहले पाया गया था। भारत में भी इसके पांच मामले सामने आ चुके हैं। इनमें तीन संक्रमित गुजरात, जबकि कर्नाटक और राजस्थान में एक-एक मामले सामने आए हैं।

कोरोना का ये सब वैरिएंट काफी खतरनाक बताया जा रहा है। अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वाले 44 प्रतिशत लोगों में यही सब वैरिएंट पाया गया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों कोरोना का ये सब वैरिएंट काफी खतरनाक बताया जा रहा है? भारत में इसके फैलने की कितनी आशंका है?

क्यों खतरनाक है कोरोना का ये सब वैरिएंट

104 गुना तेजी से फैलता है ये वायरस

कोरोना का नया सब वैरिएंट XBB.1.5 अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट बताया जा रहा है। इसकी रफ्तार पहले के वैरिएंट से 104 गुना ज्यादा तेज है। ये कोरोना के दो वैरिएंट्स के दोबारा मिलने से बना है। विशेषज्ञों का कहना है कि BJ1 और BM1.1.1 नाम के दो कोरोना वैरिएंट आपस में मिले, तो इन दोनों का DNA यानी जेनेटिक मैटेरियल आपस में मिल गया। इससे XBB बना। फिर XBB वैरिएंट ने रूप बदला और वह XBB1 बना। इसके बाद एक बार फिर से XBB1 में G2502V म्यूटेशन हुआ जिसके बाद वो XBB.1.5 वैरिएंट बना है।

कोशिकाओं के प्रोटीन पर करता है असर

कोरोना का ये सब वैरिएंट इंसान के शरीर में घुसने के बाद सबसे पहले कोशिका के प्रोटीन पर असर करता है। ये शरीर के अंदर संक्रमण फैलने का पहला स्टेज है। इस वायरस की कोशिका से चिपकने की कैपेसिटी बाकी वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा है। यही वजह है कि ये ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है। इसका असर संक्रमित व्यक्ति की छाती के ऊपरी हिस्से पर ज्यादा होता है। हालांकि, राहत की बात ये है कि डेल्टा वैरिएंट की तरह ये सीधे फेफड़ों पर असर नहीं करता है। यही कारण है कि इससे जान जाने का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, अगर फिर से इस सब वैरिएंट ने रूप बदला तो ये जानलेवा भी हो सकता है।

वैक्सीन को बेअसर करता है ये वायरस

विशेषज्ञों की मानें तो ये वैरिएंट इतना खतरनाक है कि ये इंसान के शरीर में कोरोना वैक्सीन को भी बेअसर कर देता है। मतलब वैक्सीनेशन और प्राकृतिक तरीके से शरीर में बनी एंटी बॉडीज को बेअसर करके संक्रमण फैलाता है।

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भारत पर इस वैरिएंट का कितना होगा असर?

जनरल फिजिशियन डॉक्टर्स ने बताया कि ‘भारत में 95 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। 80 से 90 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्हें वैक्सीन का डबल डोज लगाया जा चुका है। करीब 25 करोड़ लोगों को बूस्टर डोज भी लगाया जा चुका है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोग संक्रमित भी हुए थे। ऐसे में भारत में बड़ी संख्या में लोगों के अंदर एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है। लोगों के अंदर हर्ड इम्यूनिटी, कम्युनिटी इम्यूनिटी है। ऐसे में अगर कोरोना का ये वैरिएंट फैलता भी है तो लोग आसानी से इससे लड़ लेंगे। लोगों के जान जाने का खतरा कम रहेगा।

कोरोना के नए वैरिएंट से बचने के लिए करें यह उपाय!

सार्वजनिक जगहों पर मास्क का प्रयोग जरूर करें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें।
लक्षण मिलने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करें और जांच कराएं।
विदेश यात्रा से लौटने वाले सभी लोगों की RT-PCR जांच हो।
पॉजिटिव केस आने पर जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए।
बूस्टर डोज की संख्या बढ़ाई जाए, ज्यादा से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज लगाया जाए।

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