नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अीनंदन है। चेतन आनंद देश के मशहूर निर्देशकों में से एक थे। चेतन आनंद का जन्म 3 जनवरी 1921 को लाहौर में हुआ था। वह एक निर्देशक और लेखक थे। चेतन आनंद को कुदरत, हकीकत और नीचा नगर के निर्देशन के लिए जाना जाता है। तो आइए उनकी जयंती के अवसर पर जानते है कुछ दिलचस्प बातें…
लाहौर में की थी शुरुआती पढ़ाई
बता दें कि, चेतन आनंद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय और गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से की थी। बाद में, वह फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए। यहां उन्होंने फिल्म निर्देशन में अपना हाथ आजमाया। उनकी पहली फिल्म ‘नीचा नगर’ ने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। फिल्म में पंडित रविशंकर का संगीत सुनने को मिला।
फिल्म ‘कान’ में जीता पुरस्कार
उनका निर्देशन करियर शानदार रहा। उनकी पहली फिल्म ‘नीचा नगर’ ने 1946 में पहले कान फिल्म समारोह में ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार (अब गोल्डन पाम) जीता था। यह भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि दूसरे विश्व युद्ध की वजह से उस समय कान फिल्म फेस्टिवल में बहुत कम फिल्में ही पहुंच सकी थी, जिसकी वजह से उस समय सभी फिल्मों को सम्मानित कर दिया गया था।
इन फिल्मों से मिली पहचान
चेतन आनंद ने 1949 में अपने छोटे भाई देव आनंद के साथ ‘नवकेतन फिल्म्स’ की स्थापना की। उन्होंने कई सफल फिल्मों का निर्देशन किया। उनकी निर्देशित प्रमुख फिल्मों में ‘आंधियां’ (1952), ‘हकीकत’ (1964), ‘आखिरी खत’ (1966), ‘हीर रांझा’ (1970) और ‘कुदरत’ (1981) शामिल हैं। उन्होंने इन फिल्मों में सामाजित मुद्दों को प्रमुख रूप से दिखाया और भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी।
इन फिल्मों में किया अभिनय
चेतन आनंद न केवल एक निर्देशक थे, बल्कि वह अभिनय में भी अपने हाथ आजमा चुके थे। उन्होंने फिल्म ‘हमसफर’ (1957) और ‘काला बाजार’ (1960) अर्पण और अंजलि जैसी फिल्मों में अभिनय किया। इसके अलावा उन्होंने ‘हिमालय फिल्म्स’ नाम से अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी खोली। इस बैनर तले उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया।
भारतीय सिनेमा को दिया पहला सुपरस्टार
चेतन आनंद की फिल्मों में नई सोच और संवेदनशीलता को प्रमुख स्थान दिया जाता था। उनका योगदान भारतीय सिनेमा में अनमोल है। उनकी बनाई फिल्में आज भी फिल्मकारों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। बॉलीवुड को पहला सुपरस्टार देने का श्रेय भी चेतन आनंद को ही जाता है। उन्होंने अभिनय प्रतियोगिता से राजेश खन्ना को खोजा था। राजेश खन्ना को पहला ब्रेक भी उन्होंने फिल्म आखिरी खत में दिया था। हालांकि, इससे पहले उनकी फिल्म ‘राज’ रिलीज हो गई, जिसका निर्माण जीपी सिप्पी ने किया था। फिल्म में बबीता ने मुख्य अभिनेत्री के रूप में काम किया था।