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मुंबई, वार्ता: विंडीज के हाथों हार के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाजों पर बिफरे कपिल, कहा-सुनील गावस्कर सरीखा दिग्गज उपलब्ध लेकिन भारतीय बल्लेबाजों को सलाह लेने की सुध नहीं, वो समझते हैं कि उन्हें सब कुछ आता है।
विश्व कप 1983 के विजेता कप्तान कपिल देव ने कहा कि कभी-कभी ज्यादा पैसे होने से अहंकार भी आ जाता है। मौजूदा दौर के खिलाड़ी पैसों के अहंकार में पूर्व खिलाड़ियों से सलाह लेने नहीं जाते हैं और बार-बार एक ही गलती को दोहराते हैं। जबकि खेल में हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है।
कपिल देव ने कहा कि क्रिकेटर्स को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। पहले और आज के क्रिकेटर में यही अंतर है। मैं कहूंगा कि बहुत सारे क्रिकेटर हैं जिन्हें मदद की जरूरत है। जब सुनील गावस्कर हैं, तो आप उनसे बात क्यों नहीं कर सकते? उन्हें लगता है कि हम सब कुछ जानते हैं।
हो सकता है कि वे सब कुछ जानते हों, लेकिन जिसने क्रिकेट के 50 सीजन देखे हों, उसकी अतिरिक्त मदद से कोई नुकसान नहीं होगा। कपिल देव की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीता था। लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से मात दी थी।
विंडीज टीम इससे पहले 1975 और 1979 में विश्वकप जीत चुकी थी, ऐसे में फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को जीत का दावेदार माना जा रहा था। हाल ही में सुनील गावस्कर ने भी कहा था कि आज का कोई खिलाड़ी मेरे पास सलाह लेने नहीं आता।
सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण मेरे पास आकर बल्लेबाजी में आई खामियों को लेकर मेरे से बात करते थे। गावस्कर ने कहा था कि वे किसी खास समस्या को लेकर मुझसे संपर्क करते थे। सीनियर्स आपको कुछ ऐसा बता सकते हैं जिस पर आपने गौर न किया हो।
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