Friday, March 29, 2024
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कृषि कानून के विरोध में भाकियू व ‘आप’ ने डूंडाहेडा में जाम लगाया

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  • किसानों ने कृषि कानून की प्रतियां जलाकर जताया विरोध, अधिकारियों से नोकझोंक
  • समझाने के बाद किसानों ने खोला जाम, दिल्ली रवाना, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

जनवाणी संवाददाता |

खेकड़ा: केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून बनाने के विरोध में गुरुवार को भाकियू, आम आदमी पार्टी व अन्य किसान संगठनों ने दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर डूंडाहेड़ा चौकी व पाठशाला चौकी पर जाम लगाकर धरना दिया। उन्होंने नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग की है।

किसानों ने नए कानून की प्रतियां जलाकर कानून का विरोध जताया। वहां पहुंचे अधिकारियों द्वारा किसानों को समझाने पर उन्हें धरना खत्म कर जाम हटाया। जिसके बाद किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गए। इससे पूर्व भाकियू ने बागपत राष्ट्र वंदना चौक पर भी थोड़ी देर के लिए जमा लगाया था।

गुरुवार को नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर भाकियू, आप व अन्य किसान संगठनों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर पाठशाला व डूंडाहेड़ा चोकी पर धरना देकर जाम लगा दिया। धरने पर हरियाणा से आए अन्नदाता भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह विर्क ने कहा कि किसान की स्थिति काफी दयनीय है।

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वर्तमान में कोरोना काल में लगाए गए लाकडाउन के बाद फसलों के दाम धड़ाम हो गए है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा कृषि को लेकर ऐसे कानून बना दिए है। जिससे किसानों की स्थिति और भी दयनीय हो जायेगी। उन्होंने कहा कि देशभर के किसान इस किसान विरोधी बिल के खिलाफ सड़कों पर उतर आए है। हरियाणा व पंजाब के किसान पहले ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए है इसी के साथ अन्य राज्यो के किसान भी सड़कों पर उतरने लगे है।

यदि जल्द ही सड़कर ने बनाए हुए नए कृषि बिलो को रद्द नहीं किया तो देश का किसान सड़को पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ये ना समझे कि उन्होंने उन्हें बोर्डरों पर रोक दिया है। किसान छह माह का राशन लेकर आंदोलन के लिए निकले है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि जब तक आंदोलन चलेगा देशभर का किसान उनके साथ खड़ा रहेगा।

भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर ने कहा कि सरकार को कानून बनाने से पहले किसानों की राय जरूर जान लेनी चाहिए थी। वहीं मोदी सरकार द्वारा चुनाव से पूर्व स्वामीनाथन रिपोर्ट पर कानून बनाने का भरोसा देकर सत्ता हासिल की थी। लेकिन सत्ता के नशे में सरकार किसानों को भूल गई, लेकिन सरकार ये बिल्कुल ना भूले की सत्ता का गलियारा खेत खलियानों से होकर गुजरता है।

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यदि सरकार द्वारा इस किसान विरोधी कानून को रद्द नही किया गया तो किसान भाजपा को हाशिये पर लाकर खड़ा कर देंगे। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सोमेंद्र ढाका ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के विरोध को ध्यान में रखते हुए किसान विरोधी कानून को रद्द कर किसानों के हितों को ध्यान में रखकर कानून बनाए।

किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिले। किसान खुशहाल हो। देश का किसान खुशहाल होगा तभी देश तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होगा। धरने पर पहुंचे एसडीएम अजय कुमार व सीओ मंगल सिंह रावत के समझाने पर किसान किसान धरना खत्म करते हुए दिल्ली अपने वाहनों से दिल्ली की तरफ रवाना हो गए।

किसानों ने जलाई कानून की प्रतियां

गुरुवार नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर हाइवे पर जाम लगा रहे किसानों ने दिल्ली जाने से पूर्व नए कानून की प्रतियां जलाई। उन्होंने कहा कि जो कानून किसान विरोधी है उस कानून को किसान हरगिज नही मानेंगे। उन्होंने कहा देश किसानों का है किसान सरकार को झुकाकर ही दम लेंगे।

महिला के प्रति किसानों ने दिखाई सहानुभूति

गुरुवार को कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने जब हाइवे जाम किया तभी एक महिला ने आकर बताया कि उसके माता पिता एक दुर्घटना में घायल हो गए है। उसे वहाँ तत्काल पहुचना है। किसानों ने हाइवे से धरना हटाकर महिला को निकालकर सहानुभुति का परिचय दिया।

धरने पर चला हुक्का

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किसान धरने की अपनी पुरानी परम्परा को एक बार फिर से नही भूले। किसानों ने हाइवे पर जाम लगाकर धरना शुरू किया। इसके बाद हुक्के ताजी कर पीना शुरू कर दिया। जब तक धरना चलता रहा। वक्ता अपनी बात सुनाते गए किसान भी हुक्के की गुड़गुड़ाहट पर बात सुनते रहे।

कई किलोमीटर लंबा लगा जाम

दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर किसानों ने डूंडाहेड़ा चौकी व पाठशाला चौकी दोनों ही जगह जाम लगा दिया। जिसके कारण वाहनों का आवागमन बिल्कुल बंद हो गया। जिससे हाइवे पर बुरी तरह जाम लगा गया। डूंडाहेड़ा चोकी से ईपीई तक वाहनों।की कई किलोमीटर लंबी कतार लग गई। धरना खत्म होने के बाद भी जाम खुलने में घँटे भर से ज्यादा समय लग गया।

जाम में फंसे बाराती किसानों से उलझे

हाइवे पर किसानों द्वारा लगाए गए जाम में बाराती भी फस गए। जिसके बाद वह किसानों से उलझ गए, लेकिन किसानों ने उनकी बात नही सुनी। जाम खुलने के बाद ही बाराती जा पाए।

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