जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रशासन की ओर से लोगों को 24 घंटे के अंदर आॅक्सीजन आपूर्ति कराने की योजना पहले ही दिन दम तोड़ती नजर आई। प्रशासन की ओर से बनाये गये तीनों केन्द्रों पर सिलेंडर जमा कराने के लिये 100 लोग भी नहीं पहुंचे। पहले दिन 67 सिलेंडर जमा हुआ।
लोगों की इतनी कम संख्या से लगता है कि पब्लिक को प्रशासन पर विश्वास ही नहीं है। लोग आॅक्सीजन प्लांटों पर जाकर आॅक्सीजन लेना ही पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे क्या कारण है यह तो वह लोग ही जाने जो आॅक्सीजन के लिये मारे-मारे फिर रहे हैं।
आॅक्सीजन के लिये पिछले कई दिनों से आॅक्सीजन प्लांटों पर मारामारी चल रही है। एक आॅक्सीजन प्लांट पर सैकड़ों लोग आॅक्सीजन के लिये लाइन में लग रहे हैं, लेकिन उन्हें लाख कोशिश करने के बावजूद आसानी से सिलेंडर नही मिल पाता।
लोगों की परेशानी को देखते हुए प्रशासन की ओर से रविवार से मेरठ में तीन जगहों पर तीन केन्द्र बनाये गये। जहां से लोग अपना आॅक्सीजन सिलेंडर जमा कर 24 घंटे से 48 घंटे के बीच आॅक्सीजन पा सकते हैं, लेकिन पहले ही दिन प्रशासन की इस योजना पर पानी फिरता नजर आया। यहां लोगों ने आॅक्सीजन सिलेंडर जमा कराने में रुचि ही नहीं दिखाई। तीनों प्लांटों की बात करें तो 100 लोग भी सिलेंडर लेकर नहीं पहुंचे।
बता दें कि प्रशासन की ओर से परतापुर स्थित विद्या इंटर कालेज में सेंटर बनाया गया यहां 20 लोगों ने आॅक्सीजन लेने के लिये सिलेंडर जमा कराये। दूसरा केन्द्र जागृति विहार स्थित सामुदायिक केन्द्र पर बनाया गया यहां भी लोगों ने नौ सिलेंडर ही जमा कराये। उधर, कंकरखेड़ा में भी केन्द्र बनाया गया जहां पर लोगों ने 38 सिलेंडर जमा कराये। इस तरह तीनों केन्द्रों पर मात्र 67 लोगों ने ही आॅक्सीजन लेने के लिये सिलेंडर जमा कराये।
खाली पड़े रहे केन्द्र
तीनों केन्द्रों पर ही न के बराबर लोग सिलेंडर जमा कराने पहुंचे। केन्द्रों पर कोविड नियमों का विशेष तोर पर ध्यान रखा गया था। सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे इसका ध्यान रखते हुए केन्द्रों पर गोले बनाये गये थे। जिसमें खड़े होकर लोग अपनी बारी का इंतजार करेंगे। शहर के तीनों केन्द्रों पर इसी प्रकार की व्यवस्था की गई थी। सभी केन्द्रों पर पुलिस बल तैनात किया गया था जिससे किसी प्रकार का कोई हंगामा न हो।
नगरायुक्त ने किया केन्द्रों का निरीक्षण
तीनों केन्द्रों पर व्यवस्था का जाएजा लेने के लिये नगरायुक्त मनीष बंसल खुद टीम के साथ घूमते रहे। सुबह 11 बजे के आसपास पहले वह जागृति विहार स्थित सामुदायिक केन्द्र पर पहुंचे यहां उनके साथ अपर नगरायुक्त श्रद्धा शांडिल्यान व अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।
उन्होंने यहां सभी को सोशल डिस्टेसिंग व अन्य नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने एक व्यक्ति का जमा सिलेंडर भी वापस कराया। व्यक्ति ने पहले तो सिलेंडर जमा करा दिया था बाद में उसने कहा कि उसकी प्लांट पर व्यवस्था हो गई है। जिसके बाद उसका सिलेंडर वापस करा दिया गया।
एक मरीज के नाम पर कई बार लिये जा रहे सिलेंडर
आॅक्सीजन के लिये जहां आज पूरे देश में मारामारी मची है। हर आदमी परेशान है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद लोगों को आॅक्सीजन नहीं मिल पा रही है। उनके मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों ने इसे धंधा बनाकर रख दिया है। आॅक्सीजन प्लांटों पर देखने में आ रहा है कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक मरीज के नाम पर कई बार आॅक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहे हैं। अब वह आॅक्सीजन का क्या कर रहे हैं इसका पता कोई नहीं कर रहा है।
प्रशासन की ओर से आॅक्सीजन सिलेंडर दिलाये जाने की व्यवस्था करने के बावजूद आॅक्सीजन प्लांटों पर भीड़ टूटने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को भी माहेश्वरी प्लांट और अग्रवाल गैस प्लांट पर लोगों की भीड़ जमा रही। यहां लोग आॅक्सीजन सिलेंडर लेने के लिये घंटो लाइन में लगे रहे। कुछ लोग वही थे जो कल लाइन में आकर लगे थे और उन्हें कह दिया गया था कि कल आकर आॅक्सीजन ले जाना।
वह फिर रविवार को आकर लाइन में लग गये। प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था पर लोग भरोसा करते नजर नहीं आ रहे हैं या फिर लोगों ने इसे धंधा बना लिया है कि लाइन में लगकर पहले यहां से आॅक्सीजन लेंगे और फिर उसे मुंह मांगे दामों पर बेच देंगे। क्योंकि शहर में कई लोग ऐसे भी हैं।
जिनके मरीजों को आॅक्सीजन की तत्काल आवश्यकता है और वह किसी भी कीमत पर आॅक्सीजन लेना चाह रहे हैं। ऐसे में कई लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। लोग यहां से आॅक्सीजन सिलेंडर लेकर उसे हाथों हाथ ब्लैक कर देते हैं।
आॅक्सीजन की व्यवस्था हो गई, खाली सिलेंडर ले आओ
ऐसा ही एक मामला रविवार को पकड़ में भी आय गया। रविवार को एक व्यक्ति सामुदायिक केन्द्र पर सिलेंडर जमा करा चुका था। उसने रुपये भी जमा करा दिये थे, लेकिन अचानक उसके पास फोन आता है कि तुम खाल सिलेंडर लेकर आ जाओ आॅक्सीजन की व्यवस्था हो गई है।
वह व्यक्ति यहां जागृति विहार स्थित सामुदायिक केन्द्र से तुरंत अपना आॅक्सीजन सिलेंडर वापस मांगता है और अपने जमा कराये गये रुपये भी वापस लिये। जब उससे पूछा गया कि तुम्हें अचानक से सिलेंडर कैसे मिल रहा है तो उसने कहा कि मेरे लिये आॅक्सीजन की आवश्यकता माहेश्वरी प्लांट पर हो गई है मुझे जाते वहां सिलेंडर मिल जायेगा तुम बस मेरे रुपये और सिलेंडर वापस कर दो। उस व्यक्ति को उसका सिलेंडर और रुपये वापस कर दिय गये। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग आॅक्सीजन को ब्लैक भी कर रहे हैं।
प्लांटों पर नहीं टूटी भीड़
अग्रवाल और माहेश्वरी प्लांट पर रविवार को भीड़ उसी प्रकार मिली जैसे अन्य दिनों में रहती है। कोई अपने पिता, कोई अपने चाचा तो कोई अन्य रिश्तेदारों के लिये यहां आॅक्सीजन लेने पहुंचा। यहां जब कुछ लोगों से बात की गई उनसे पूछा गया कि प्रशासन की ओर से कई जगहों पर आसानी से सिलेंडर जमा कराकर सिलेंडर अगले दिन दिया जा रहा है तो तुम वहां क्यों नही चले जाते।
सिलेंडर लेने आये युवक ने कहा कि उसे सिलेंडर बहुत जल्दी चाहिए। वह प्रशासन पर भरोसा नहीं कर सकता। न जाने कब सिलेंडर मिलेगा। हालांकि यहां प्लांट पर भी उसे कोई उम्मीद नहीं थी जल्द ही उसे सिलेंडर मिल पायेगा या नहीं। दोनों प्लांटों के हालात कुछ ऐसे ही थी। दोनों प्लांटो पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस प्रशासन जरूर व्यवस्था बनाये हुए है, लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी नजर आ रही है।