- खेमों में बंटी भाजपा, विवेक रस्तौगी, महेश बाली, कमलदत्त शर्मा, राहुल गुप्ता, संजय त्रिपाठी व सुरेश जैन रितुराज कतार में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा के कदावर नेताओं में तलवारें खींची हैंं। हालत यह है कि कोई भी तलवार म्यान में रखने को तैयार नहीं है। दावेदारों की बात करें तो आधा दर्जन से ज्यादा नाम ऐसे हैं। जिन्हें सीरियस बताया जा रहा है। इन सभी दावेदारों के पैरवी के पीछे कोई न कोई बड़ा नेता मजबूती से खड़ा नजर आ रहा है।
अब यदि दावेदारों की बात की जाए तो इनमें पहला नाम विवेक वाजपेयी का है। इनकी पैरवी कौन कर रहा है यह किसी को पता नहीं, लेकिन विवेक रस्तौगी का नाम फिलहाल पहले पायदान पर बताया जा रहा है, हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि दावेदारी को लेकर पहले पायदान पर टिके ही रहेंगे।
सूत्र बताते हैं कि जो अन्य दावेदार हैं उन्हें कम तर नहीं आंका जा सकता। अन्य दावेदारों की यदि बात की जाए तो उनमें शहर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके कमलदत्त शर्मा कुछ दिन पहले तक जबरदस्त चर्चाओं में था, लेकिन कुछ दिन से पार्टी के गलियारों में इनका नाम की रैंक नीचे से गयी है। लेकिन रेस से बाहर नहीं माने जा रहे हैं।
इनके अलावा जय करण गुप्ता, महेश बाली, संजय त्रिपाठी और नया बताया जा रहा राहुल गुप्ता शास्त्री नगर का नाम दावेदारों की सूची में शामिल है। सूत्रों की मानें तो जय करण गुप्ता की पैरवी प्रदेश संगठन मंत्री विजय बहादुर के स्तर से की जा रही है। जबकि महेश बाली की पैरवी के पीछे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम लिया जा रहा है। संजय त्रिपाठी महानगर भाजपाध्यक्ष मुकेश सिंहल की पंसद बताए जा रहे हैं।
जबकि राहुल गुप्ता जिन्हें कुछ भाजपाई संगठन में नयी इजाद बताया जा रह है उनके नाम या कहें पैरवी को लेकर योगी सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर का नाम लिया जा रहा है। इस बीच एक नया नाम भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज का भी अब लिया जाने लगा है।
रितुराज की पैरवी के पीछे उनके पूर्व के कार्यकाल का उल्लेख किया जा रहा है। पैरवी करने वालों में भाजपा के एक राष्टÑीय स्तर के नेता का नाम लिया जा रहा है। महानगर अध्यक्ष की कुर्सी की लाटरी किसके नाम खुलेगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन महानगर अध्यक्ष तय होने के साथ ही पैरोकारों का कद भाजपा में तय हो जाएगा।
जर्जर गोदाम में नहीं रखा जा सका कली, चूना रंग
मेरठ: नगर निगम के जर्जर गोदाम में कली व चूना के बारे के साथ रंग के बोरे रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं हैं। जिसके चलते इस बार बाजार में इधर से कली व चूना के साथ रंग के बोरे आए। जैसे ही वाहन निगम में प्रवेश करता तो वाहन से दूसरे वाहन में कली,चूना व रंग के बोरे को लाद लिया जाता। इस दौरान निगम में अफरातफरी का माहौल रहा। किसी पार्षद को पांच बोरे मिले तो किसी के हिस्से में तीन बोरे आए।
कुछ को रंग के बोरे ही नहीं मिल सके। बताया गया कि इस बार तीन सौ बोरे कली व चूने के ओर 150 बोरे रंग के आए थे, लेकिन पार्षदों के वार्ड के हिसाब से बटवारा सही तरह से नहीं हो सका। यदि गोदाम में कली व चूने के रखने की व्यवस्था होती तो इस तरह की अवयवस्था न फैलती। इस बार करीब सवा लाख रुपये का कली व चूना स्वतंत्रता दिवस पर शहर में निगम द्वारा विभिन्न वार्डो में सफाई नायक व पार्षदों को बांटा गया।