Friday, June 27, 2025
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बेलगाम कर्मचारी और परेशान फरियादी

  • सीएम के आदेशों को हवा में उड़ा रहे ऊर्जा निगम अधिकारी
  • 10 से दोपहर 12 बजे के बीच अधिकारियों को आॅफिस में बैठने के हैं आदेश
  • आफिस में कार्य के समय कर्मचारियों की कुर्सियां पड़ी रहती है खाली
  • जनवाणी की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए कई अहम् तथ्य

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: विक्टोरिया पार्क स्थित ऊर्जा निगम के चीफ इंजीनियर के आॅफिस में काम के समय कर्मचारियों की कुर्सी खाली पड़ी थी। अधिकारी भी नदारद मिले। 10 से दोपहर 12 बजे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेश है कि अधिकारी अपने आॅफिस में बैठकर जनता की समस्या सुनेंगे और उनका निस्तारण करेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों का ऊर्जा निगम आॅफिस में पालन नहीं होता।

‘जनवाणी’ के फोटो जर्नलिस्ट ने ऊर्जा निगम के चीफ इंजीनियर अनुराग अग्रवाल के आॅफिस में अचानक जो फोटो कैमरे में कैद कि वह बहुत कुछ कह रही है। तस्वीर से स्पष्ट हो रहा है कि मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन ऊर्जा निगम के अफसर कितना गंभीरता से कर रहे हैं। खाली पड़ी कुर्सियां नदारद स्टाफ और अधिकारी भी गायब। कुछ इस तरह का माहौल चीफ इंजीनियर के आॅफिस में गुरुवार को देखने को मिला।

फरियादी समस्या बिजली से संबंधित लेकर चीफ इंजीनियर और उनके मातहत से मिलने के लिए आ रहे थे कि यहां पर उनकी समस्या का कम से कम निस्तारण तो होगा, लेकिन निस्तारण तो दूर यहां अधिकारी और कर्मचारी ही गायब थे। कई दिनों की छुट्टी के बाद गुरुवार को सरकारी आॅफिस खुले थे। इस दौरान भी अधिकारी और कर्मचारी गायब मिले तो यही समझा जाएगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कमान इन बेलगाम अफसरों और कर्मचारियों पर ढीली पड़ रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्पष्ट कह चुके हैं कि 10 से 12 बजे के बीच जनता से सीधे संवाद करें। उनकी समस्याओं का निस्तारण करें, लेकिन ऊर्जा निगम में ऐसा नहीं होता। चीफ इंजीनियर के आॅफिस में समस्या लेकर पहुंचने वाले रविंद्र का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी बैठे ही नहीं है तो समस्या का निस्तारण ही क्या होगा? उनका आरोप है कि उनका मीटर तेजी से दौड़ रहा है और निचले स्तर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी तरह का मामला है ब्रहम सिंह का यह ब्रह्मपुरी से यहां समस्या लेकर आए थे।

इनका बिजली का मीटर भी तेज दौड़ रहा है, जिसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब चीफ इंजीनियर के आॅफिस में गुहार लगाने पहुंचे थे, लेकिन चीफ इंजीनियर भी नदारद है और उनका स्टाफ भी। यह हालत तो चीफ इंजीनियर के आॅफिस की हो गई हैं, फिर एक्सईएन स्तर के आॅफिस में तो बैठना ही मुश्किल होगा। कई दिनों की छुट्टी के बाद गुरुवार को आॅफिस खुले थे, उसमें ये हालत हैं।

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