- करनाल हाईवे के भूमि अधिग्रहण को किसानों का हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: मेरठ-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 709 ए के निर्माण में किसानों ने रोड़ा खड़ा कर दिया है। किसानों का आरोप है कि एनएचआईए किसानों की अधिग्रहित की जा रही भूमि का पूरा मुआवजा नहीं दे रहा है,जिसे लेकर गुरुवार को किसानों ने एनएचआईए के अधिकारियों के सामने हाईवे पर हंगामा करते हुए अधिग्रहण का काम रुकवा दिया।
इसे लेकर भूनी के ग्रामीणों ने एनएचआई के अधिकारियों पर अधिग्रहण से ज्यादा भूमि कब्जा करने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।जिसे लेकर फिलहाल एनएचआईए को बैकफुट पर आना पड़ा है। किसानों ने अधिग्रहण भूमि का मुआवजा देने के बाद ही कब्जा करने की बात कही है। इसे लेकर गुरुवार को एनएचआई के अधिकारियों की मौजूदगी में नापतोल की गई, तो किसानों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया।
किसान भूनी के किसानों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 13 मीटर तक से लेकर 16 मीटर तक रोड के किनारे भूमि का अधिग्रहण कर लिया है,जबकि मुआवजा होने मात्र 3 मीटर का ही दिया जा रहा है। जबकि कहीं तो 13 मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, तो मात्र 3 मीटर का ही मुआवजा किसान को दिया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप था कि भूनी चौराहे से लेकर रजवाहे तक मनमानी तरीके से किसानों की बेशकीमती भूमि का अधिग्रहण कर रोड बनाने का काम कर रहे हैं,इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिसे लेकर एनएचआईए के अधिकारियों व गांव के लेखपाल की मौजूदगी में पैमाइश कराई गई,जहां एनआईए के अधिकारियों को सर्विस रोड बननी थी लेकिन अधिकारियों ग्रामीणों के विरोध के चलते काम रोकना पड़ा,मेरठ से और की बाईं और की लेन पर सर्विस रोड का का काम रोकना पड़ा। भूनी के ग्रामीणों ने अधिकारियों की मौजूदगी में काफी हंगामा किया।
इस संबंध में ग्रामीणों का आरोप है कि एनएचआई अधिकारियों को बार-बार शिकायती पत्र देकर भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग की जा रही है,लेकिन अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं । जबकि है राष्ट्रीय राजमार्ग वितरण के अफसरों ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि किसानों के जमीन का मुआवजा चुकता कर दिया गया है, इसे लेकर किसानों ने अधिकारियों पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए भूमि अधिग्रहण कराने से इंकार कर दिया है।
फिलहाल करनाल हाईवे पर एक और सर्विस रोड का काम रोक दिया गया है। इसे लेकर गुरुवार को काफी बखेड़ा रहा और किसान एनआईए के अधिकारियों की बात नहीं मानी। नापतोल के बाद ग्रामीणों का आरोप है कि अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा दिए जाने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।
इस संबंध में एनएचआईए के अफसर प्रभात कुमार से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया इस दौरान मुख्य रूप से किसानों में मौजूद इस दौरान मनवीर सिंह, सुभाष, नरेन्द्र कुमार, ब्रजभूषण, किशन चंद, ब्रजपाल, अरूण कुमार, महेन्द्र सिंह, राजकुमार, मुकेश, राजवीर आदि मौजूद रहे।