आज-कल के बदलते वातावरण में लोगों को तरह-तरह के संक्रमणों से जूझना पड़ रहा है। इन संक्रमणों में से जाना-माना संक्रमण है यूरिन इंफेक्शन यानि पेशाब में होने वाला संक्रमण।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, आपकी मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे -किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग। ज्यादातर यह निचले अंगों-मूत्राशय और मूत्रमार्ग को अधिक प्रभावित करता है। पुरुषों की बजाय महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है।
ब्लैडर का संक्रमण
ब्लैडर का संक्रमण आमतौर पर ई कोली नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आंतों और मल में पाए जाते हैं। महिलाओं में उनकी शारिरिक बनावट अलग होने का कारण इसका खतरा ज्यादा होता है।
इस संक्रमण के लक्षणों के अनुसार आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि, पेशाब करने की जरूरत है, लेकिन जब आप पेशाब करते हैं मात्रा बहुत कम होती है साथ ही पेशाब आने पर जलन और दर्द महसूस होता है। इसमें मरीज को कभी-कभी बुखार की भी शिकायत हो सकती है
किडनी का संक्रमण (एक्यूट पाइलोनफ्राइटिस)
यह यूटीआई का वह रूप होता है जिसमें इससे किडनी में संक्रमण फैल जाता है। साथ ही इसे यूटीआई का सबसे गंभीर रूप भी कहा जाता है। अगर इसका समय पर योग्य इलाज नहीं कराया जाये तो यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है। इसका इलाज इंजेक्शन के माध्यम से किया जाता है।
यूरिन इंफेक्शन के मुख्य लक्षण
-पेशाब करने में बहुत जलन
-पेशाब करने में दर्द होना
-बार-बार पेशाब जाने की तीव्र इच्छा होना लेकिन जाने पर बहुत कम मात्रा में पेशाब आना
-पेशाब का रंग बदल जाना, कोला या चाय की तरह होना
-पेशाब में खून का आना
-पेशाब में पस आना
-पेशाब में दुर्गंध आना
-महिलाओं के पेल्विस में दर्द होना
-पुरुषों के मलाश्य में दर्द होना
-पहले की अपेक्षा पेशाब में गाढ़ापन आ जाना
संक्रमण के कारण
यूटीआई का सबसे महत्वपूर्ण कारण माना गया है मूत्रमार्ग का गुदा के पास होना, आंत से आया बैक्टीरिया (ई. कोली) कभी-कभी आपके गुदा से मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद यह बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से ब्लैडर और फिर किडनी तक पहुंच जाता है।
यूटीआई को पहचानने के लिए परीक्षण
यूरीन कल्चर परीक्षण : इस परीक्षण के माध्यम से विशेषज्ञ यह पता लगाते हैं कि कौन से बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हुआ है। साथ ही इसी परीक्षण के अनुसार ही आपके यूटीआई में कौन सी दवाइयां देनी है, विशेषज्ञ तय करते हैं।
मूत्र-विश्लेषण : यह परीक्षण आपकी लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और बैक्टीरिया को जानने के लिए किया जाता है। आपके मूत्र में पाए जाने वाली सफेद और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या संक्रमण की गंभीरता के बारे में बताती है।
अल्ट्रासाउंड या कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी : ये दोनों ही परीक्षण तब किए जाते हैं, जब आपको इलाज के बावजूद बार-बार यूटीआई हो रहा हो और विशेषज्ञ को शंका हो कि कहीं आपके मूत्र पथ में कोई असामान्यता तो नहीं।
यूटीआई का इलाज
यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स को आमतौर पर सबसे कामगार माना जाता है। आपका डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति और संक्रमण के कारण के अनुसार आपको एंटीबायोटिक्स की सलाह देता है।
इसके अलावा इलाज आपके मूत्र में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के प्रकार और मात्रा पर भी निर्भर करता है।
यूटीआई के घरेलू इलाज
प्रत्येक मरीज की स्वस्थ्य स्थिति समान नहीं होती इसी लिए हर किसी के लिए, किसी बीमारी का इलाज भी समान नहीं हो सकता। यूटीआई एक सामान्य संक्रमण है, लेकिन सही इलाज के अभाव में यह गंभीर रूप भी ले सकता है।
ऐसे में मरीज को चाहिए कि वह विशेषज्ञ से ही बीमारी का इलाज कराए और उसी की सलाह के अनुसार ही घरेलू इलाज भी करे। ये नुस्खे संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं, लेकिन संक्रमण होने पर सीमित भूमिका ही निभाते हैं।
-पानी अधिक मात्रा में पिएं, 6 से 8 गिलास रोजाना। इससे जल्दी-जल्दी पेशाब आने से बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाता है।
-विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में लें इससे पेशाब की अम्लता बढ़ती है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में कामगार होती है।
-क्रैनबेरी (करोंदे) का जूस पिएं, क्रैनबेरी जूस बैक्टीरिया को मूत्र पथ में बढ़ने से रोकता है जिससे संक्रमण कम होता चला जाता है। इसके अलावा क्रैनबेरी के अर्क युक्त गोलियां आपको आसानी से मिल सकती हैं।
-सफाई का ध्यान रखें जैसे-रोज नहाना, ढीले अंदरूनी कपड़े पहनना और उन्हें रोज बदलना।
-पेशाब को रोक कर न रखें।