- लोहियानगर विस्फोट की घटना में पुलिस नहीं है गंभीर, हुई थी पांच की मौत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहिया नगर थाना क्षेत्र लोहिया नगर कालोनी के एम पाकेट स्थित आवासीय दो मंजिला आतिशबाजी के गोदाम में विस्फोट की घटना को बीते 17 दिन हो चुके हैं। विस्फोट की भेंट चढ़े पांच लोगों की मौत के बाद भी पुलिस प्रशासन आरोपी पर मेहरबान है। वजह कुछ नहीं सिर्फ यही कि वे सभी गरीब मजदूर जिले से कोसों दूर बिहार के वाशिंदे थे।
पांच मजदूरों की मौत के जिम्मेदार गोदाम मालिक की गिरफ्तारी को आखिर पुलिस को किसका इंतजार है। यह सवाल वाकई चौंकाने वाला है। हालांकि पटाखे बम की फैक्ट्री चलाने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
लोहिया नगर में 17 अक्टूर को हुआ विस्फोट इतना जबरदस्त था कि गोदाम पूरी तरह जमींदोज हो गया था। वहीं आसपास कई घरों की दीवारें और छत व बिजली का पोल उखड़कर दूर जा गिरे थे। विस्फोट के चलते पांच लोगों की मौत हो गई। जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे। लोहिया नगर थाना क्षेत्र लोहिया नगर एम पॉकेट कालोनी में शास्त्री नगर निवासी संजय गुप्ता का एम- 307 व 308 आवासीय प्लॉट हैं।
दोनों प्लॉट पर दो मंजिला गोदाम बना रखे हैं। शास्त्रीनगर निवासी गौरव गुप्ता और आलोक रस्तौगी ने महीनों पहले संजय गुप्ता से दोनों गोदाम किराये पर लिये थे। दोनों गोदाम में बिहार राज्य के जिला भोजपुर के गांव कोइल निवासी पांच छह लोग रह रहे थे। आलोक व गौरव आवासीय गोदाम में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी के लिए बम बनाये जा रहे थे। मंगलवार सुबह सात बजकर पांच मिनट के आसपास पटाखों के दोनों गोदाम में जबरदस्त विस्फोट हुआ था।
विस्फ ोट के चलते दोनों गोदाम चंद सेकंड में खंडहर में तब्दील तो हुए ही थी। बल्कि उसमें पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कई लोग महिलाएं व बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गए थे। गोदाम में होने वाला धमाका इतना तेज था कि पूरा लोहिया नगर दहल उठा था। धमाके से आसपास दो सौ मीटर तक दूर बने घरों की दीवारें व छत और खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे।
वहीं समीप ही सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल की बिल्डिंग के शीशे भी चटक गए थे। विस्फोट की सूचना के बाद मौके पर जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण व एसपी सिटी पीयूष कुमार व सीओ कोतवाली अमित कुमार सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों का अमला मौके पर पहुंच गया था। जिलाधिकारी ने अधिकारिक तौर पर गोदाम में साबुन बनाने की फैक्ट्री बताई थी। लेकिन मौके पर मिले बोरों में टॉय गन के कारतूस और गोदाम में पटाखों का जखीरा भरा था।