- औघड़नाथ मंदिर से सर्वत्र चौक तक सड़क किनारे ही चारा डाल जाते हैं लोग
- डेयरी वाले भी पशुओं को छोड़ देते हैं खुला, सेना के वाहनों के आगे भी आ जाते हैं गाय, भैंस और बछड़े
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिस स्मार्ट कैंट की मिसाल नगर निगम पर धरना-प्रदर्शन करने वाले देते थे वो आज दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। माल रोड, बांबे बाजार, सदर जैसे प्रमुख इलाकों की गड्ढों में बदल चुकी सड़कों को कोई देखने वाला नहीं है। इन सड़कों पर चलने में डेयरी वालों के पशुओं की वजह से और खतरा बढ़ जाता है। औघड़नाथ मंदिर से वेस्ट एंड रोड और मंदिर से सर्वत्र चौक तक गाय, भैंस और बछड़ों का ही जमावड़ा रहता है।
रैपिड रेल के कार्य की वजह से पूरा शहर जाम झेल रहा है। ऐसे में माल रोड एक तरह से इनर रिंग रोड में तब्दील हो चुकी है। कमिश्नर आवास चौराहे से माल रोड एंड तक सप्लाई डिपो रोड की चौड़ाई भी कम है। इस पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। स्कूलों की छुट्टी के वक्त हालात और विकट हो जाते हैं।
रही सही कसर तब पूरी हो जाती है। जब लालकुर्ती थाने के आसपास के इलाके में माल रोड पर आवारा पशुओं का जमावड़ा हो जाता है। कैंट बोर्ड का कैटल कैचर गैंग कहीं कार्य करता दिखाई नहीं देता। लालकुर्ती में गाय और बछड़े कचरे में खाना तलाशते नजर आते हैं।
रेलवे स्टेशन जा रहे हैं तो संभल जाएं
सिटी रेलवे स्टेशन से शहर को जोड़ने वाली सड़क बेहद बदहाल है। आॅल इंडिया एससी एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन के कार्यालय के सामने से कोई भी वाहन गड्ढों में फंसे बिना निकल ही नहीं सकता। यह सड़क भी कैंट की है।
कैंट बोर्ड सुध ले रहा न एमईएस
कैंट में सिविल एरिया में कुछ सड़कें एमईएस की हैं तो कुछ कैंट बोर्ड की। हालत ये है कि दोनों में से किसी ने भी सड़कों की मरम्मत नहीं की है। सोफिया स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने भी सड़क टूट गई है।
कैंट में रिहायशी इलाकों में चल रहीं डेरियां बनीं मुसीबत
कैंट में रविंद्रपुरी, तोपखाना, लालकुर्ती के रिहायशी इलाकों में चल रहीं डेरियां मुसीबत बन गई हैं। डेयरी संचालक पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। ऐसे में सड़कों पर यातायात प्रभावित होता है।