Saturday, July 27, 2024
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परीक्षा के दौरान क्या करें और क्या न करें?

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इस सत्य से इनकार करना आसान नहीं होगा कि परीक्षा विद्यार्थी जीवन के लिए लिए एक अनिवार्य अवस्था है जिसे हम टाल नहीं सकते हैं। इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए इसका साहस के साथ सामना करना भी उतना ही जरूरी है। परीक्षा की तैयारी कभी भी पूर्ण नहीं होती है। अच्छी तैयारी के बावजूद परीक्षा हॉल में घबराहट और भय के कारण भी स्टूडेंट्स परीक्षा में अच्छा नहीं कर पाते हैं। लिहाजा इग्जैमिनैशन हॉल में हमेशा ही मन को शांत रखें और धैर्य के साथ प्रश्नों के उत्तर लिखें।

परीक्षाएं स्टूडेंट्स के लिए वास्तव में अग्निपरीक्षा की घड़ी होती है जो भय, घबराहट और चिंताओं से भरी होती है। लंबे अरसे की तैयारी के बाद जब स्टूडेंट्स को परीक्षा में बैठना होता है तो उनका मन परीक्षा के अनजान डर और आशंकाओं से भयभीत रहता है। परीक्षा के कारण माहौल अफरातफरी का होता है और सब कुछ विचित्र – सा लगता है। मन नकारात्मक विचारों से भरा होता है और समझ में कुछ नहीं आता है। ऐसी स्थिति को ही परीक्षा का तनाव कहते हैं। परीक्षा के दिन करीब आते ही दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं, मन का विश्वास भी कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में जब यह पता हो कि परीक्षा कल ही है तो फिर तो समस्याएं और भी गंभीर हो जाती हैं।

स्टूडेंट के लाइफ में परीक्षा की अहमियत के लिहाज से परीक्षा के एक दिन पहले का दिन काफी अहम होता है क्योंकि यह दिन ड्रेस रिहर्सल जैसा ही महत्वपूर्ण होता है। यह दिन स्टूडेंट कैसे इस्तेमाल करता है इस पर परीक्षा में परफॉरमेंस निर्भर करता है। परीक्षा के एक दिन पूर्व मन की कमजोरी और तनाव की स्थिति स्टूडेंट्स की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है। इसलिए परीक्षा के एक दिन पहले के दिन स्टूडेंट्स को निम्न बातों पर अवश्य गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि वर्षों की कठिन मिहनत फलीभूत हो पाए।

परीक्षा के पाठ्यक्रम में नया कुछ भी नहीं पढ़ें
स्टूडेंट्स की साइकॉलजी यह होती है कि उन्हें यह लगता है कि उनकी तैयारी कभी भी पूरी नहीं हुई है और इस कारण वे हमेशा कुछ नया पढ़ते रहते हैं। परीक्षा हॉल में प्रवेश करते वक्त तक वे अपने हाथों में किताबें लेकर पढ़ते रहते हैं। हकीकत में यह स्थिति ठीक नहीं है। इस स्थिति में कुछ नया पढ़ने के कारण कुछ अधिक ज्ञान तो प्राप्त नहीं होता है बल्कि पूर्व में तैयार किए गए चैप्टर्स से सीखे हुए टॉपिक्स भी क्लियर नहीं हो पाते हैं। इसीलिए परीक्षा के एक दिन पूर्व कुछ भी नया पढ़ने से बचना चाहिए।

अपने से तैयार नोट्स को ही दुहराएं
परीक्षा के एक दिन पहले टेक्स्ट बुक्स पढ़ने का कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि उनमें सब्जेक्ट मैटर्स काफी विस्तृत होते हैं। लिहाजा ऐसी स्थिति में केवल अपने द्वारा बनाए गए नोट्स को दुहराने से ही तैयारी मुकम्मल हो सकती है। नोट्स में भी हाइलाइट किए गए मुख्य बिंदुओं और कॉनसेप्टस को अधिक प्राथमिकता से रिवाइज करना अच्छा माना जाता है। नोट्स में सभी चैप्टर्स को एक बार अच्छी तरह से दुहरा लेने से आत्मविश्वास बना रहता है।

देर रात तक पढ़ते नहीं रहें
जब अगली सुबह परीक्षा हो तो उस रात बहुत देर तक पढ़ना सही नहीं माना जाता है। इसके कारण अगली सुबह परीक्षा देते समय मन बोझिल बना रहता है, यह फ्रेश नहीं रह पाता है। परीक्षा से पहली वाली रात में पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। यह कई तरह से परीक्षार्थी को परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने में मदद करती है। सबसे अधिक तो पर्याप्त नींद के कारण पीछे के पढे हुए सारे कन्टेनट्स मेमरी में फ्रेश रहते हैं। उनमें कोई कन्फ़्युजन नहीं रहता है।

नकारात्मक विचारों से खुद को बचाएं रहें
कुछ व्यक्ति हमेशा ही नकारात्मक सोचते हैं और ऐसे लोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए कभी भी अच्छे नहीं होते हैं। अपने जीवन में ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए और जहां तक संभव हो उनसे दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। विशेष रूप से जब परीक्षा काफी करीब हो तो इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

परीक्षा के एक दिन पहले क्या करें
परीक्षा के एक दिन पहले खुद को मानसिक रूप से अच्छा रखना जरूरी होता है। इसके लिए मन को अनवांटेड डर और चिंता से बचाए रखना जरूरी होता है। परीक्षा के एक दिन पूर्व स्टूडेंट्स को खुद को मेंटली और फिजिकलि फिट रखने के लिए निम्न बातों का अनिवार्य रूप से ध्यान रखना चाहिए –
– जिससे आपका मन बहलता हो उसके लिए समय दें। इससे आप तनावग्रस्त नहीं होंगे। आप टीवी पर अपने फेवरिट प्रोग्राम देख सकते हैं, मनपसंद गाने सुन सकते हैं या फिर कोई मनपसंद कार्य कर सकते हैं।
– कोई नया चैप्टर नहीं पढ़ें।
– टारगेट व्यावहारिक रखें जिसे आप प्राप्त कर सकते हैं।
– भविष्य के बारे में चिंता नहीं करें। न ही किसी प्रकार के तनाव में आयें।
– मेडिटेशन करें। इससे मन को शांति रखने में मदद मिलती है।
– खुद को अन्डरएस्टिमेट नहीं करें। अपनी काबिलियत में पूरा भरोसा रखें।
– अपना आत्मविश्वास बनाए रखें।
– दूसरों की उपलब्धियों से प्रभावित होने से बचना चाहिए।
– भरपूर नींद भी बहुत जरूरी है। इसलिए परीक्षा की पहली रात पर्याप्त सोएं।
– फास्ट और आॅइली फूड से दूर रहें।
– नियमित रूप से ब्रेक लेकर ही पढे गए पाठों को दुहराना जरूरी है।

उस दिन परीक्षा हॉल में क्या करें
परीक्षा का दिन कन्फ़्युजन और घबराहट का होता है। मन परेशान रहता है और परीक्षा में उत्कृष्ट करने की चिंता में कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। मूड उखड़ा हुआ रहता है और किसी की अच्छी बातें भी खराब लगती हैं। सच पूछिए तो परीक्षा के दिन किसी स्टूडेंट के ये सभी लक्षण इग्जैम स्ट्रेस के होते हैं। परीक्षा के इस तनाव के कारण उत्कृष्ट तरीके से तैयार किए गए विषय में भी स्टूडेंट्स अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। खुद को परीक्षा के डर, तनाव और कन्फ़्युजन से बचा कर रखने के लिए और अपना परफॉरमेंस बेहतर करने के लिए इस दिन स्टूडेंट्स को निम्न बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए –
-डरें नहीं और धैर्य रखें। खुद पर आत्मविश्वास रखें और यह मानकर चलें कि सब कुछ अच्छा होगा।
-इस दिन प्राय: स्टूडेंट परीक्षा के डर के कारण कुछ खाते नहीं हैं। यह उचित नहीं है। नाश्ता अवश्य करें।
-परीक्षा के लिए अपने घर से समय से पूर्व चलें ताकि व्यस्त ट्रैफिक मंत आपका टाइम खराब न हो और इसके कारण मूड खराब नहीं हो।
-सुनिश्चित कर लें कि आपने अपने साथ एडमिट कार्ड या हॉल टिकट रख लिया है। इसके अतिरिक्त अच्छी क्वालिटी के दो-तीन ब्लू और ब्लैक पेन, पेंसिल, इरेजर, स्केल जरुर रखें।
-अपने साथ मोबाइल, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉच और अन्य डिजिटल इक्विपमेंट्स कभी भी साथ नहीं रखें, क्योंकि ये सारे उपकरण एग्जामिनेशन हॉल में अलाउड नहीं होते हैं।
-परीक्षा हॉल में परीक्षा के शुरू होने का इंतजार करते समय गहरी सांस लें। इससे आपको कोई घबराहट नहीं होगी।
-परीक्षा हॉल में कॉपी या स्क्रिप्ट मिलने के बाद फ्रंट पेज पर आवश्यक इनफार्मेशन को सावधानी से भरें। गलतियां नहीं करें। दुविधा की स्थिति में हॉल में उपस्थित इनविजिलेटर से बिना हिचक के मदद लेना अच्छा माना जाता है।
-आंसर शीट और क्वेश्चन पेपर पर लिखे गए सभी निर्देशों को सावधानी से पढ़ें और उनका सख्ती से पालन करें।
-प्रश्नों को सावधानी से पढ़ें और तभी उनके आंसर लिखें।
-कठिन प्रश्नों पर समय बर्बाद नहीं करें। वैसे प्रश्नों के उत्तर लास्ट में दें।
-प्रश्नों के उत्तर छोटे-छोटे पैराग्राफ में और पॉइंट्स में दें। आंसर शीट में मार्जिन अवश्य छोड़ें। जहां इग्जैमनर प्रश्नों के उत्तर के लिए मार्क्स बिठा पाएं।
-प्रश्नों के उत्तर देते समय शब्द सीमा का ध्यान रखें। सार्थक लिखें, सारगर्भित लिखें और विषयांतर नहीं होएं।
-प्रश्नों के उत्तर देते समय आपके पास परीक्षा के लिए निर्धारित समय में से बचे हुए समय का भी ध्यान रखें, जिससे शेष प्रश्नों के उत्तर देने में टाइम को मैनेज कर पाएं।
-अपनी निर्धारित सीट पर ही बैठें और अपने ऐड्मिट कार्ड से अपने रोल नंबर को सीट पर लिखे रोल नंबर से मैच कर लें।
-जब परीक्षा में प्रश्न काफी कठिन आयें तो भी धैर्य रखें। घबराएं नहीं और परीक्षा छोड़कर भाग नहीं जाएं। मन को स्थिर रखें। पहले वैसे प्रश्नों के उत्तर लिखें जो आपको बहुत अच्छी तरह से आता हो। कठिन प्रश्नों के उत्तर देने की चिंता में समय को जाया नहीं करें।                                                               -श्रीप्रकाश शर्मा


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