Monday, April 28, 2025
- Advertisement -

ऐसी भी क्या जल्दी, ये जिंदगी न मिलेगी दोबारा

  • नहीं सुधरेंगे हम, कासमपुर रेलवे फाटक पर जा चुकी है तीन की जान, फिर भी ये नासमझी कैसी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: रेलवे प्रशासन के नियमों का दरकिनार कर लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार कर रहे हैं। जबकि रेलवे क्रासिंग बंद होने पर पटरी पार करना अपराध की श्रेणी में आता है। हालत ये है कि बिना टिकट के लोग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर अनधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक पार करते हैं। इससे अनहोनी का खतरा भी मंडराया करता है, लेकिन उसके बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। सिटी स्टेशन सोमवार दोपहर करीब एक बजे।

06 22

इलेक्ट्रॉनिक्स लाइन होने के चलते वाया मेरठ होकर जाने वाले ट्रेनें एक बाद एक आ जा रही है, लेकिन इस सब से बे-खबर कुछ लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए सिटी स्टेशन पर बनाए गए लोहे के फुट रेस पुल का इस्तेमाल करने के रेलवे लाइनों को जंप कर आ जा रहे थे। इस बात से बेखबर कि जिस रेलवे ट्रेक को वो अवैध तरीके इस्तेमाल कर जंप कर रहे हैं, वहां से इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसी भी कुछ ट्रेन हैं जो हाई स्पीड की श्रेणी में शामिल की जाती हैं।

मासूमों की जान जोखिम में

सिटी स्टेशन से गुजरने वाली तेज गति ट्रेनों से बेखबर नजर आने वाले ये लोग एक प्लेट फार्म से दूसरे प्लेट फार्म तक पहुंचने के लिए गलत तरीका प्रयोग कर खुद की तो जान खतरे में डाल ही रहे हैं साथ ही अपने साथ परिवार के बाकी सदस्यों का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं। रेलवे टैÑकजंप करने वाले इन लोगों में बहुत से ऐसे भी होते हैं। जिनके साथ महिलाएं और बच्चे भी होते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि अचानक धड़धड़ाती हुई ट्रेन आ जाती है। उसकी तेज वाहन से कई बार महिला व बच्चे बुरी तरह से डर जाते हैं।

05 23

घबरा जाते हैं उनको समझ में नहीं आता कि क्या करें। अक्सर ऐसा भी होता है कि कुछ लोग रेलवे टैÑक से होकर एक ओर से दूसरी ओर आ जा रहे होते हैं और अचानक ट्रक के आ जाती है। उस वक्त बेहद डरावना नजारा होता है। प्लेटफार्म पर खडेÞ लोग रुकने के लिए चिल्लाने लगते हैं, लेकिन यह सब बहुत ज्यादा खतरानाक होता है। कई बार घबराहट में पता नहीं चलता है कि इधर जाए या उधर जाएं जब तक दिमाग यह फैसला लेता है। तब तक तेज आवाज करती ट्रेन आकर गुजर जाती है और पल भर में वो जिसकी उम्मीद नहीं की थी।

बहुत कीमती है जिंदगी

कंकरखेड़ा का कासमपुर स्टेशन पर तीन की मौत का दर्दनाक मंजर याद कर आज भी मन सिहर उठता है। कासमपुर स्टेशन पर बंद फाटक से निकलने की पिता की जल्दी में दो मासूमों व उनकी मां को तेज गति से आ रही ट्रेन रौंदती चली गयी। पति ने यदि चंद मिनट का सब्र किया होता तो हंसता खेलता परिवार बे मौत न मारा जाता। कासमपुर फाटक पर हुए हादसे के बाद भी लगता है कि लोगों को ऐसे हादसों से सबक लेना याद नहीं रहता। दो मासूमों व एक महिला की मौत के बाद लगता है कि फिर किसी वैसे ही हादसे का इंतजार है तभी बजाय फुटरेस पुल का प्रयोग करने के रेलवे टैÑक से होकर एक ओर से दूसरी ओर आते जाते हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि इस प्रकार की चूक में बचने की कोई गुंजाइश नहीं होती है।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: आतंकी हमले के विरोध में बंद रहा मेरठ, सड़कों पर उमडा जन सैलाब

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: पहलगाम में आतंकी हमले के विरोध...

Meerut News: पांच सौ पांच का तेल भरवाने पर मिला ट्रैक्टर इनाम

जनवाणी संवाददाताफलावदा: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने किसान...
spot_imgspot_img