नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना जाता है। यह व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष मन जाता है। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की कृपा होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत एक माह में दो बार रखा जाता है। ऐसे में चलिए जनता है मार्च माह में दूसरा तथा चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत किस दिन पड़ेगा।
प्रदोष व्रत की तिथि और समय
दृक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 मार्च को रात 1:42 बजे शुरू होकर 27 मार्च को रात 11:03 बजे समाप्त होगी। चूंकि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस बार यह व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा।
शुभ उपाय
यदि आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें और गुड़ तथा अन्न का दान करें। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक परिणाम मिलने की मान्यता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
नियम
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ कर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें।
- शिव परिवार की विधिपूर्वक पूजा करें और बेलपत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
- प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें, फिर भगवान शिव की आरती और शिव चालीसा का पाठ करें।
- अंत में पूजा संपन्न करने के बाद ही उपवास समाप्त करें।