Saturday, July 27, 2024
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जिधर से निकलिये, उधर जाम ही जाम

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  • जहां जाइएगा, वहां जाम ही जाम पाइएगा, क्रांतिधरा की सड़कों पर चलना हुआ दुभर, मिनटों का सफर हो रहा घंटों में

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर या फिर कैंट का इलाका या फिर महानगर के बाइपास व दूसरे आउटर इलाके कहीं भी चला जाइए जाम से दो चार होना ही पडेÞगा और जाम भी ऐसा वैसा नहीं यदि एक बार जाम में फंस गए तो गए घंटे भर के लिए। इस बात के पुख्ता प्रमाण भी हैं।

जाम की यदि बात की जाए तो शहर की हालत तो जाम ने बद से बदतर बना दी है। हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर के वक्त गाड़ी लेकर निकलने से पहले लोग अब जाम को लेकर फोन काल्स कर पूछते हैं कि स्थिति क्या है?

पांच मिनट का रास्ता एक घंटे में पार

जाम के हालात कैसे इसकी एक बानिगी भर देख लीजिए और यह सब कुछ सोमवार को जब ज्यादातर बाजारों में साप्ताहिक अवकाश का दिन होता है तब थी। संवाददाता अपने छायाकार के संग जाम को कवर करने के लिए हापुड़ रोड शास्त्रीनगर एल ब्लाक चौराहे से चला। एल ब्लॉक चौराहा भी जाम से मुक्त नहीं था, लेकिन हालात खराब नहीं थे। यहां से पुराने कमेला के सामने से होते हुए लिसाड़ीगेट चौराहे पर किसी तरह से पहुंचे तो उल्टे पांव लौटना पड़ा।

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रोड पर चल रहे नाला या किसी अन्य निर्माण कार्य के चलते लिसाड़ीगेट चौराहे को जोड़ने वाली पिलोखड़ी रोड बंद की गयी थी। तय किया की प्रहलाद नगर से होकर निकल जाएंगे, जब वहां पहुंचे तो लोगों ने बताया कि प्रहलादनगर से जोड़ने वाला रास्ता तो अरसे से बंद है। उसके बाद विकासपुरी होते हुए पिलोखड़ी पुल जा पहुंचे और सोचा कि पांच मिनट में पिलोखड़ी पुल से भूमियापुल पर पहुंच जाएंगे। बस यहीं लगती हो गयी। जिसकी कीमत एक घंटे बर्बाद कर चुकानी पड़ी।

हापुड़ रोड की ओर आने व जाने वाला सारा ट्रैफिक वाया नाला के बराबर होकर जा रहा था। इस रास्ते पर दोपहर करीब एक बजे निगम की जेसीबी मशीन, कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर-ट्राली, कई कारें, ई-रिक्शा, अनगिनत बाइक व स्कूटी। उस पर तंग रोड बामुश्किल 10 फीट या ज्यादा से ज्यादा 15 फीट का रास्ता उससे दोनों ओर ट्रैफिक जाम था।

तमाश देख रहे थे पुलिस कर्मी

ऐसा नहीं कि भूमिया पुल चौराहे पर पुलिस नहीं थी। जिसकी वजह से जाम लगा हुआ था। यातायात बेतरकीब था। वहां पुलिस वाले भी थे और जाम में फंस लाचार लोगों का तमाश देख रहे थे। वाहन चालकों के बीच हो रही गाली-गलौज व हाथापाई का आनंद ले रहे थे।

पूरा शहर जाम की चपेट मेें

यहां से आगे चले तो सोचा कि ओडियन रास्ते से होकर शारदा रोड चौराहे से नाले के साथ वाले रास्ते से शहर घंटाघर पहुंच जाएंगे, शायद रास्ता खुला मिल जाए। काफी दिन बाद इस ओर आए थे सो कोटला नाले वाले रास्ते की ओर बाइक मोड़ दी। कुूछ ही आगे गए होंगे वहां रास्ते पर दीवार खड़ी मिली। यहां भी नाले का काम चल रहा था। जिसकी वजह से दिल्ली रोड वाया पत्थर वालान से होकर जाने वाले रास्ते पर भयंकर जाम था।

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खैर गली कूचों से होकर किसी तरह से शहर घंटाघर पहुंचे, वहां से वाया अहमद रोड होकर जाने की गलती कर बैठे और फंस गए जाम में। किसी प्रकार से जली कोठी छतरी वाले पीर तिराहे पर पहुंचकर जलीकोठी की ओर मुड़े तो वहां भी जाम ने स्वागत किया। गिरते पड़ते किसी प्रकार से दिल्ली रोड पर भैंसाली के सामने जाकर निकले, तब कहीं जान में जान आयी। छतरी वाले पीर से खैरनगर होकर निगार के आगे से बुढानागेट जाने की हिम्मत जाम को देखकर जवाब दे गयी। शहर के हालत जाम को लेकर कैसे हैं यह इसकी बानिगी भर थी। महानगर के दूसरे इलाकों के हालात भी जाम के मामले में बहुत बेहतन नहीं समझिये।

निगम की बस हुई खराब, हाइवे पर लगा घंटों जाम

बागपत बाइपास फ्लाईओवर पर एक परिवहन निगम की बस खराब हो गई, जिसके बाद हाइवे पर जाम लग गया। वाहन रैंग कर चलने लगे। आये दिन परिवहन निगम की बसें खराब हो रही हैं। खटारा बसों को बदलने की कोई प्रक्रिया नहीं की जा रही हैं, जिसके बाद यात्री भी परेशान है और हाइवे पर वाहन जाम से जूझ रहे हैं। एक बार नहीं, ऐसा अक्सर हो रहा हैं। ये जाम शाम छह बजे लगा था।

बताया गया कि पांच बजे करीब एक परिवहन निगम की बस बागपत बाइपास स्थित फ्लाई ओवर पर खराब हो गई थी। जिसके बाद सड़क के बीचो-बीच बस खड़ी थी। वहीं पर बस रुक गई, जिसके बाद वाहनों का हाइवे पर जाम लग गया। जाम से जनता जूझती रही। जाम की सूचना पर पुलिस पहुंची तथा किसी तरह से बस को सड़क के बीच से हटवाया गया, तब जाकर वाहनों का आवागमन चालू हो सका।

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