Saturday, April 20, 2024
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बॉलीवुड का बहिष्कार क्यों?

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काली दास पाण्डेय |

आजकल फिल्मों के बहिष्कार का जो दौर चल रहा है वो बालीवुड के लिए काफी घातक है, इस बात को बालीवुड के दिग्गजों को समझना चाहिए। फिल्म उद्योग को एकजुट होकर इस बहिष्कार का जवाब देना चाहिए और इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

इन दिनों सोशल मीडिया पर फिल्मों का बहिष्कार अभियान जारी है। इसका सीधा असर बालीवुड पर पड़ता दिखाई दे रहा है। एक जमाने में 400 करोड़ तक का व्यापार करने वाली बॉलीवुड फिल्में आज 50 करोड़ तक के कारोबार तक के लिए तरस रही हैं। इसके कई कारण हैं लेकिन एक कारण आज के समय में सोशल मीडिया पर फिल्मों का बहिष्कार भी माना जा रहा है। वैसे अगर देखा जाय तो 2014 के बाद से फिल्म उद्योग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। डिजिटल युग में निगमित प्रावधानों के तहत चलने वाली संस्थाओं के प्रादुर्भाव से फिल्मों के निर्माण, वितरण व प्रदर्शन व्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। रही सही कसर कोरोना महामारी ने निकाली जिसका सीधा प्रभाव देश के सिंगल स्क्रीन थियेटर पर पड़ा।

एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में 9527 सिनेमाघर हैं जिनमें 3200 मल्टीप्लेक्स हैं जबकि 6327 सिंगल स्क्रीन थिएटर हैं। कोरोना के कारण 20 फीसदी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर यानी लगभग 1200 सिनेमाघरों पर हमेशा के लिए ताला लग चुका है। आर्थिक संकट का दंश झेल रहे बॉलीवुड के लिए एक नई मुसीबत के रूप में सोशल मीडिया पर फिल्मों का बहिष्कार सामने आया है। हाल के दिनों में कई फिल्मों का किसी न किसी कारण से सोशल मीडिया पर पोस्ट ओर हैश टैग के जरिये बहिष्कार किया जा रहा है।

वैसे देखा जाए तो बहिष्कार का कोई मतलब नहीं है क्योंकि एक उद्योग के तौर पर सिनेमा भी राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में फिल्म उद्योग का बड़ा योगदान है। ऐसे में किसी फिल्म का बहिष्कार देश को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचा रहा है। खिलाड़ी स्टार अक्षय कुमार की रक्षाबंधन और आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा की हालत सर्वविदित है। कई रा‘यों में इन फिल्मों के शो रद्द करने पड़े। बहिष्कार का सामना करने वाली फिल्मों में अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज चौहान, रणबीर कपूर की शमशेरा, टाइगर श्राफ की हीरोपंती-2, अर्जुन कपूर की एक विलेन रिटर्न, अजय देवगन की कंगना रनौत की धाकड़, दीपिका पादुकोण की छपाक, आलिया भट्ट की डार्लिंग और उड़ता पंजाब इत्यादि भी हैं। आजकल सबसे ‘यादा चर्चित हालिया रिलीज फिल्म लाइगर का भी सोशल मीडिया पर बहिष्कार हो रहा है।
सितम्बर माह में प्रदर्शित होने वाली अक्षय कुमार की फिल्म कठपुतली, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर ब्रह्मास्त्रा पार्ट वन: शिवा, अवतार, ऋतिक रौशन की फिल्म विक्रम-वेधा और डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म पी एस-1 को भी बहिष्कार की प्रक्रिया प्रभावित करेगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। वैसे 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बालीवुड की खूब छीछालेदर हुई और बालीवुड के रंग को बदरंग करने का सिलसिला शुरू हुआ,आधार बना नशा और नेपोटि‘म। इंडस्ट्री पर नेपोटि‘म के आरोप तो पहले भी लगते रहे लेकिन सुशांत की मौत के बाद इस पर बड़ी बहस छिड़ी। बालीवुड को हर तरफ से घेरते हुए बदनाम करने की कोशिश की गई। यह आरोप कई मायने में सही भी हैं लेकिन इसके साये में खुद को चमकाने की भी कोशिश कुछ फिल्मी शख्सियतों द्वारा की गई और वो कामयाब भी रहे परंतु एक सच यह भी है लोकप्रिय युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत का राजनीतिक घरानों से लेकर फिल्मों के गलियारों तक हर किसी ने अपने मतलब से फायदा निकाला।

सही तौर पर देखा जाए तो इसके बाद ही बालीवुड बायकाट ट्रेंडस की शुरूआत हुई जिसकी वजह से कई स्टार्स, स्टारकिड्स और उनकी फिल्मों को बायकाट किया गया। इससे कई स्टारकिड्स की फिल्में बुरी तरह फ्लाप हुर्इं। आजकल फिल्मों के बहिष्कार का जो दौर चल रहा है वो बालीवुड के लिए काफी घातक है, इस बात को बालीवुड के दिग्गजों को समझना चाहिए। फिल्म उद्योग को एकजुट होकर इस बहिष्कार का जवाब देना चाहिए और इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।


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