Monday, July 8, 2024
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बड़ा सवाल: प्रशासक नियुक्त क्यों नहीं कर रहा प्रशासन?

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  • गांधी आश्रम की सम्पत्ति बचाने के लिए क्रमिक अनशन कारियों की सुनवाई नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गांधी आश्रम की खुर्द-बुर्द की जा रही सम्पत्ति के खिलाफ कर्मचारी 210 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। इनकी मांग है कि गांधी आश्रम में प्रशासक नियुक्त किया जाए। इसके आदेश भी हो चुके, फिर भी प्रशासन की तैनाती क्यों नहीं की जा रही हैं? इसी को लेकर कर्मचारी आंदोलित हैं। धरनारत कर्मचारियों का कहना है कि जब प्रशासक की नियुक्ती की मांग की जा रही हैं

तो ऐसे में गांधी आश्रम समिति आश्रम के खातों से पैसा क्यों निकाल रही हैंÞ। इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पूरे प्रकरण की जांच डीएम से कराने की मांग आंदोलित कर्मचारियों ने की हैं। श्री गांधी आश्रम कर्मचारी संगठन द्वारा आश्रम परिसर में 9 अक्टूबर 2023 से लगातार क्रमिक अनशन चल रहा है। ये अनशन गांधी आश्रम की खुर्द-बुर्द की जा रही सम्पत्ति को रोकने के लिए हैं।

आश्रम की करोड़ों की सम्पत्ति पर समिति के पदाधिकारी ही लीज डीड कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी को कर्मचारियों ने मुद्दा बनाकर क्रमिक अनशन आश्रम में ही चालू कर रखा हैं, जो 210 से चल रहा हैं। संस्था की बहुमुल्य सम्पत्ति को खुर्द- बुर्द करने से बचाने व संस्था के फंड का दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार से भी मांग कर चुके हैं। संस्था के पदधिकारी 18 मार्च 2024 को डिप्टी रजिस्ट्रार चिट्स फर्मस सोसाइटी मेरठ के द्वारा

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सभी पदाधिकारियों को संस्था से हटाने के जारी आदेश के बावजूद संस्था के पदाधिकारी संस्था के फंड का दुरुपयोग कर संस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए कर्मचारी संगठन लगातार डीएम और अन्य अफसरों से भी हस्ताक्षेप कर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलित कर्मचारियों की मांग है कि तत्काल संस्था में प्रशासक की नियुक्ति की जाए, ताकि करोड़ों की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सके।

मोहिउद्दीनपुर में 13 किसान मेडा को बैनामे करने के लिए तैयार

मोहिउद्दीनपुर टाउनशिप के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण 13 किसानों की जमीन का जल्द बैनामा किया जाएगा। जल्द ही न्यू टाउनशिप विकसित आकार लेती हुई नजर आएगी। यहां एक लाख 85 हजार लोगों को आशियाना मिलेंगे। पहले 142 हेक्टेयर पहले फेज में और 158 हेक्टेयर दूसरे फेज में ये योजना विकसित की जाएगी। कुल योजना दो हजार करोड़ रुपये की है, जबकि शासन से 503 करोड़ की राशि मंजूर कर दी गई है। शेष राशि मेडा बैंक से लेकर और पीपीपी माडल से जुटाएगा।

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत मेडा की ओर से परतापुर मोहिउद्दीनपुर के बीच (भूड़बराल, परतापुर, छज्जूपुर-इकला) में न्यू टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार कर अब जमीन की खरीद होने जा रही हैं। मोहिउद्दीनपुर के 13 किसानों की ऐसी फाइल तैयार हो गयी हैं, जो मेडा को जमीन बेचने के लिए तैयार हो गए हैं। इनकी पूरी हिस्ट्री खंगाली जा रही हैं। इन पर किसी तरह का लोन तो नहीं हैं। 12 साला जमीन का निकाला जा रहा हैं। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जमीन अधिग्रहण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा, ऐसे में एक हजार करोड़ की मांग की गई थी।

इसके लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से 503 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई थी। अब मेडा किसानों की जमीन खरीदेगा। इस बार जमीन अधिग्रहण नहीं होगा। इसके लिए ही किसानों की फाइल तैयार कर दी गई हैं। दरअसल, मेडा के अधिकारियों को शताब्दीनगर कई योजनाओं के कड़वे अनुभव हैं। वहां पर अभी तक जमीन पर पूरी तरह से कब्जे नहीं मिल पाये हैं। अब भविष्य में इस तरह का कोई विवाद पैदा नहीं हो,

इसलिए मेडा किसान से सीधे जमीन खरीदेगी। जमीनों के बैनामे कराये जाएंगे। इसकी तैयारी तेजी के साथ चल रही हैं। सचिव इसकी जांच पड़ताल कर रहे है कि जिस किसान की जमीन बतायी जा रही हैं कि जमीन उसी की है या फिर नहीं। इसका इतिहास खंगाला जा रहा हैं। बैनामा करने से पहले किसान की पूरी डिटेल अधिकारी जुटे हैं।

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