- आखिर जिम्मेदार मौन क्यों? मेरठ-बड़ौत मुख्य मार्ग के समीप कलीना के खेतों में सक्रिय हैं खनन माफिया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक ने भी मिट्टी के अवैध खनन को लेकर खूब धरना-प्रदर्शन भी किया और खनन अधिकारी का घेराव भी किया, लेकिन खनन अधिकारी कि सेहत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मिट्टी का खनन और तेजी से शुरू कर दिया गया। हापुड़ रोड पर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। रोहटा रोड और बागपत रोड भी अवैध खनन का केंद्र बने हुए हैं।
मवाना रोड पर भी कई गांव अवैध खनन का बड़ा केंद्र बन गए हैं, लेकिन जो आॅफिसर मिट्टी का अवैध खनन नहीं रोक पा रहे हैं, एक तरह से अफसरों की अवैध खनन को लेकर मौन रहना भी उचित नहीं है। क्योंकि खनन के मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बेहद गंभीर है। कहीं जनपद के खनन अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने सस्पेंड भी किया, लेकिन इसके बावजूद खनन अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं।
जनपद में खनन अधिकारी का घेराव भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक ने भी किया। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर मिट्टी का अवैध खनन चल रहा है। किसान के नाम पर मिट्टी खनन की अनुमति ली जाती है और खनन माफिया मिट्टी का सीना चीरते रहते हैं। फिर इस अवैध खनन को रोकने के लिए अफसर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
कृषि-भूमि से रात में हो रहा अवैध खनन
जिले में अवैध खनन माफियाओं के हौंसले बुलंदियों पर हैं। मेरठ-बड़ौत मुख्य मार्ग के समीप गांव कलीना की कृषि भूमि से रात के समय बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। जिसमें ट्रकों और जेसीबी मशीनों के द्वारा अवैध खनन के धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, इस बाबत सब कुछ जानने के बावजूद प्रशासन मौन साधे हुए हैं। मेरठ-बड़ौत मुख्य मार्ग के समीप गांव कलीना की कृषि भूमि से रात के समय ट्रकों और जेसीबी मशीनों के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है।
प्रतिदिन अंधेरा होते ही खनन माफिया यहां सक्रिय हो जाते हैं, जबकि सवेरा होने से पूर्व अवैध खनन के धंधे को दिन भर के लिए रोक लिया जाता है। यहां अवैध खनन के चलते कई आम के हरे-भरे पेड़ भी काटे जा चुके हैं, साथ ही यहां से गुजरने वाली विद्युत लाइन के पोल भी अवैध खनन के चलते जमीन से काफी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। जिनके आसपास नाममात्र की ही मिट्टी बची हुई है। कभी भी यहां विद्युत पोल धराशाही हो सकते हैं,
जिसके चलते यहां गंभीर हादसा होने की संभावना भी बनी हुई है। ऐसे में बड़ा सवाल ये बनता है कि कृषि भूमि से बडेÞ पैमाने पर अवैध खनन कराने वाले किसानों और खनन माफियाओं पर प्रशासन आखिर कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहा है। बताया जा रहा है कि इस अवैध खनन के बारे में प्रशासन सब कु छ जानने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं। जिसके चलते अवैध खनन माफिया अपने अवैध धंधे को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं।
कोई जानकारी नहीं है
इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है। इस बाबत जांच कराई जाएगी, सही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। -कमलेश बहादुर, एसपी देहात