Sunday, May 18, 2025
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मेरठ में आप का प्रदर्शन क्यों रहा कमजोर?

  • धरातल पर संगठन नहीं कर पाया काम, इसकी भी रहीं चर्चा?
  • बड़े नेता भी चुनाव में नहीं आये, एक तरह से डमी प्रत्याशी की तरह से ऋचा ने लड़ा चुनाव

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आखिर मेरठ में आप का प्रदर्शन कमजोर क्यों रहा? इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? संगठन स्तर पर कहां कमजोरी रही? धरातल पर संगठन काम ही नहीं कर पाया, इसकी भी चर्चा रही? क्या आप इसको लेकर मंथन करेगी। बड़े नेता भी इस चुनाव में नहीं आये। एक तरह से डमी केंडीटे की तरह से ऋचा ने चुनाव लड़ा। कहीं कोई बैनर-पोस्टर भी दिखाई नहीं दिये। प्रचार भी कहीं नजर नहीं आया।

आखिर इसके लिए जिम्मेदारी किसकी हैं? क्या जिम्मेदारों पर पार्टी हाईकमान कार्रवाई करेगा। जमानत जब्त होना छोटी बात नहीं हैं। जमानत बचाने के लिए भी आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। मेरठ को छोड़कर कई अन्य स्थानों पर आप का प्रदर्शन अच्छा रहा। बिजनौर, अलीगढ़, मुरादाबाद, अमारोहा ये ऐसे जनपद हैं, जो वेस्ट यूपी में आते हैं। यहां पर आप का अच्छा प्रदर्शन रहा।

बिजनौर में स्योहारा पालिका परिषद के फैसल वारसी चेयरमैन बने, अलीगढ की खैर नगर पालिका परिषद में आप के संजय शर्मा चेयरमैन बने, मुरादाबाद जनपद की पाकबड़ा नगर पंचायत से मोहम्मद याकूब चैयरमेन बने, अमरोहा में जोया नगर पंचायत में जुबैर अहमद चेयरमैन बने, लेकिन मेरठ में ही लुटया क्यों डूबी ये बड़ा सवाल हैं। माना जा रहा था कि झाड़ू जीत के आंकड़े को भले न छुए, लेकिन पार्टी के पक्ष में इतने वोट जरूर डाल देंगी, जिन पर पार्टी संतोष कर सके।

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लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान दिन-ब-दिन डाउनफाल करते हुए ऋचा चौधरी 6257 वोटों तक पहुंच सकीं। पहली बार निकाय चुनाव में उतरने वाली आम आदमी पार्टी का नाम और निशान मतदाताओं के लिए नया नहीं था। पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बड़ी धूमधाम के साथ सभी वार्डों के पार्षद प्रत्याशियों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सैकड़ों कार्यकतार्ओं के बीच महापौर प्रत्याशी के रूप में ऋचा चौधरी का ऐलान किया।

इसी के साथ महानगर में उनको लेकर चचार्ओं का दौर शुरू हो गया। पार्टी ने मेरठ महानगर चुनाव को लेकर जिस तरह प्रत्याशी का चयन, प्रत्याशी की घोषणा और नामांकन तक चुनावी दौर चलाया, उससे लग रहा था कि पार्टी मेरठ में अपना प्रदर्शन बेहतर करेगी। हालांकि जीत की उम्मीद बहुत दूर की कौड़ी थी। लेकिन जितनी बुरी दशा नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की हुई है

इसकी कल्पना पार्टी के रणनीतिकारों ने भी नहीं की होगी। दरअसल आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जिस बुलंदी और गति को जाना चाहिए था, उसके उलट हर दिन सुस्त और ढलान पर जाता रहा। कहने वाले तो यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि पार्टी प्रत्याशी के स्तर से आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों तक को लगभग दरकिनार करके रखा।

सिवाल खास में बची पार्टी की लाज

आप की ओर से महानगर में महापौर के अलावा 30 सीटों पर पार्षद प्रत्याशी उतारे गए, लेकिन कोई भी जीत के जादुई आंकड़े को नहीं छू सका। सिवाल खास में अध्यक्ष पद और 10 सदस्य पद के लिए आम आदमी पार्टी ने टिकट दिए। यहां वार्ड नंबर 13 से रिजवान ने झाड़ू के चुनाव चिन्ह पर जीत दर्ज की है। पूरे जिले में पार्टी केवल यही एकमात्र सदस्य सीट सिवाल खास से जीत पाई है। हालांकि सरधना में पार्टी प्रभारी फरमान की भी सभासद पद पर जीत हुई है, लेकिन उन्होंने चुनाव निर्दलीय लड़ा है।

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