जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कोरोना की शुरुआत से ही डब्ल्यूएचओ पर चीन के दबाव में काम करने के आरोप लगे। अब दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए स्वरूप के नामकरण को लेकर भी संगठन पर चीनी डर दिखा। दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने ताजा स्वरूप को ओमिक्रॉन कहा है और इसके लिए उसने जानबूझकर ग्रीक वर्णमाला के 13 और 14वें अक्षर ‘न्यू व जाई’ (एक्सआई) को छोड़ दिया है।
जबकि इससे पहले, वह वायरस स्वरूपों को सरल भाषा में बताने के लिए वर्णमाला के क्रम (अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि) का पालन कर रहा था। विश्लेषकों ने कहा, ऐसा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बदनाम होने से बचाने के लिए किया गया। ग्रीक वर्णमाला के क्रमानुसार जाई (एक्सआई) नाम रखा जाना था, शी के नाम में भी एक्सआई होने से इसे छोड़ा गया।
आलोचना देख डब्ल्यूएचओ प्रवक्ता ने सफाई दी, हमने ‘न्यू’ के बजाय ओमिक्रॉन चुना वरना लोग इसे नया वायरस समझते। वहीं, एक्सआई को इसलिए छोड़ा क्योंकि ये आम उपनाम है।