Saturday, July 5, 2025
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आप में आत्मविश्वास है तो सीख सकते हैं अंग्रेजी 

 

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि विश्व की कुल आबादी  7.60 बिलियन के 20 प्रतिशत अर्थात 1.5 बिलियन लोग इंग्लिश बोलते हैं? अर्थात विश्व का हर पांचवां व्यक्ति अपने कम्युनिकेशन के माध्यम के रूप में इंग्लिश का यूज करता है। इसके अतिरिक्त केवल 36 करोड़ लोग ही इस भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। शेष 114 करोड़ लोग इस भाषा के ओरिजिनल स्पीकर्स नहीं हैं। पूरी दुनिया में इंग्लिश एक लिंगुआ फ्रांका के रूप में प्रयोग में लाया जाता है, जिसका अर्थ यह है कि यह भाषा विभिन्न मातृभाषाओं वाले लोगों के मध्य संवाद का सबसे कॉमन लैंग्वेज है। विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत अंग्रेजी बोलनेवाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।

यह भाषा कई महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का एक महत्वपूर्ण क्राइटेरिया माना जाता है। आज की इक्कीसवीं सदी के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी युग में फ़्लूएंटली इंग्लिश बोलना सोशल स्टेटस के पैमाने के रूप में भी शुमार किया जाता है। इन सभी दृष्टिकोणों से इंग्लिश भाषा को सीखना अनिवार्य हो गया है। जब इंग्लिश में मास्टरी प्राप्त करने का प्रश्न उठता है तो मुख्य रूप से यह निम्न क्षेत्रों में मास्टरी प्राप्त करने से संबंध रखता है-

  • -बिना किसी ग्रामर की अशुद्धि के अंग्रेजी लिखना आना।
  • -बिना किसी ग्रामर की अशुद्धि के इंग्लिश को धाराप्रवाह बोलना आना।
  • -इंग्लिश के वर्ड्स का शुद्ध और मानक उच्चारण के ज्ञान के साथ-साथ करेक्ट एक्सेंट्स और फोनेटिक्स का ज्ञान होना।

सबसे पहले व्याकरण को अच्छी तरह से जानें

किसी लैंग्वेज के ग्रामर का ज्ञान उसके सीखने वालों के लिए एक रोडमैप जैसा होता है जो आगे का रास्ता दिखाता है। ग्रामर के बेसिक रूल्स के ज्ञान के बिना किसी भाषा पर मास्टरी संभव नहीं है। यह किसी बच्चे को हाथ पकड़कर चलना सिखाने जैसा ही अहम होता है। इंग्लिश ग्रामर में बेसिक ज्ञान के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण चार चैप्टर्स निम्नांकित हैं-टेंस, पार्ट्स आॅफ स्पीच, सिंटेक्स और पंक्चुएशन। इन चैप्टर्स को अच्छी तरह से पढ़ लेने पर इंग्लिश सीखने की तैयारी का आधा सफर मुकम्मल हो जाता है।

वर्ड पॉवर के बिना कुछ भी संभव नहीं

प्राय: ऐसा माना जाता है कि शब्दों के अभाव में विचारों की कल्पना संभव नहीं है। शब्दों की कमी के कारण हम अपने विचारों को एक्सप्रेस करने में असफल रहते हैं। आपके पास जितने अधिक शब्दों का भंडार होगा, उतनी ही तेजी से आप इस भाषा को बोल सकते हैं। लिहाजा हमें इंग्लिश वर्ड्स को सीखते रहना चाहिए ताकि हम इसमें समृद्ध बन पाएं। सच पूछिये तो इंग्लिश वोकेब्यूलरी को अच्छा बनाने का कार्य आसान नहीं है।

वर्ड पॉवर कैसे समृद्ध करें?

इसके लिए आपके पास कम-से-कम एक अच्छी डिक्शनरी अवश्य होनी चाहिए। लॉन्गमैन, कॉलिंस कोबिल्ड, आॅक्सफोर्ड, वेबस्टर्स और कैंब्रिज की डिक्शनरीज स्टैण्डर्ड क्वालिटी के माने जाते हैं। अच्छे और प्रैक्टिकल वर्ड्स का एक अच्छा नोटबुक तैयार करने से काम आसान हो जाता है। क्रियाओं (वर्ब्स) को इंग्लिश लैंग्वेज का पॉवर हाउस कहा जाता है। इसीलिए डिक्शनरी से ऐसे वर्ब्स को चुनकर संग्रह कर लेना चाहिए और उनका रेग्युलरली रिविजन करते रहना चाहिए। इंग्लिश में न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स पढ़ने से भी वर्ड्स पॉवर में वृद्धि होती जाती है। इनको पढ़ने के समय डिफिकल्ट वर्ड्स का ध्यान रखना चाहिए और बाद में डिक्शनरी में इन कठिन शब्दों के अर्थ देखकर इनके मीनिंग को कलेक्ट कर लेना चाहिए। इतना ही नहीं डिक्शनरी में फ्रेजल वर्ब्स, फॉरेन वर्ड्स, लिटरेरी टर्म्स और अन्य तकनीकि शब्दों की भी भरमार होती है। इन सभी शब्दों को निरंतर सीखते रहने से शब्दों का ज्ञान धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और अंग्रेजी सीखना आपके लिए आसान होता जाता है।

निरतंर पढ़ने की आदत का विकास करें

प्राय: कहा जाता है कि यदि आप नहीं पढ़ते हैं तो आप में और उस व्यक्ति में कोई भी अंतर नहीं है जिसे पढ़ना नहीं आता है। ज्ञान के विकास के लिए निरंतर पढ़ने की आदत का विकास करना अनिवार्य होता है। अंग्रेजी सीखने के लिए विभिन्न विषयों पर पुस्तकों को पढ़ना जरूरी है। ऐसा करने से वर्ड पॉवर के साथ-साथ विचार का भी  विकास होता है। इंग्लिश नॉवेल और मैगजीन्स पढ़ने से इंग्लिश सीखने में काफी मदद मिलती है। शुरुआत आसान स्टोरी बुक्स और चाइल्ड मैगजीन्स से कर सकते हैं।

अंग्रेजी बोलने और लिखने की नियमित रूप से प्रैक्टिस करें

अभ्यास से आदमी पूर्ण बनता है और यह बात सौ फीसदी इंग्लिश सीखने पर भी लागू होता है। ग्रामर के ज्ञान और अच्छे शब्द भंडार से ही केवल अंग्रेजी के ज्ञान में परफेक्ट नहीं बना जा सकता है। इसके लिए नियमित रूप से इंग्लिश बोलने और लिखने का प्रैक्टिस करना जरूरी है। इस बारे में केवल यही ध्यान रखना है कि गलतियां करने से डरना नहीं है। गलतियों के रास्ते से ही इंसान सफलता की राह पर आगे बढ़ सकता है।

प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने एक बार इंग्लिश राइटिंग आर्ट के बारे में कहा था,  हम सभी उस कला के नौसिखए हैं, जिसमें कोई भी कभी भी परफेक्ट नहीं होता है। लेकिन इसका अर्थ कदापि यह नहीं है कि हमें सेल्फ-इम्प्रूवमेंट के लिए प्रयास करना ही छोड़ देनी चाहिए।

खुद की काबिलियत में विश्वास को डिगने नहीं दें

प्रसिद्ध अमेरिकी बास्केटबॉल प्लेयर माइकल जॉर्डन ने एक बार कहा था, मैंने अपने खेल करियर में  9000 से भी अधिक शॉट्स गंवाए हैं। मैंने प्राय: 300 से भी अधिक गेम्स में हार का सामना किया है। इतना ही नहीं  26 बार मैंने वैसे शॉट्स मिस किए हैं जिनके बारे में मुझे पूरा भरोसा था कि मैं निश्चित रूप से जीतूंगा। मैं अपने जीवन में बार-बार असफल रहा हूं और यही कारण है कि मैं सफल हो पाया हूं। माइकल जॉर्डन की इस कहानी में जीवन का एक बड़ा सच प्रकट होता है कि किसी क्षेत्र में कामयाबी के लिए असफलता का धैर्यपूर्वक सामना करना जरूरी होता है।

हार के बावजूद खुद की काबिलियत में बिना संदेह किए सफल होने के लिए निरंतर प्रयास में ही सफलता का मूलमंत्र छुपा होता है। लिहाजा जब कभी इंग्लिश सीखने की कोशिश में आप असफल हो जाएं तो खुद को अयोग्य समझने की भूल कदापि नहीं करें। खुद की योग्यता में आपका अटूट विश्वास और सीखने की कर्मठता ही आपको सफलता की राह पर ले जाएगी।


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